झाबुआ~5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षा देने दूसरे स्कूल जाना होगा
प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षा,वार्षिक परीक्षा की कॉपियां भी दूसरे स्कूलों को जांचने भेजेंगे, जिला स्तर पर तैयारी शुरू~~

झाबुआ। संजय जैन~~

सरकार द्वारा 5वीं व 8वीं की वार्षिक परीक्षा फिर से बोर्ड पैटर्न पर करवाई जा रही है। पिछले साल शासकीय स्कूलों में बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा हुई थी, इस साल अशासकीय स्कूलों को भी शामिल किया है। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा दूसरे स्कूल में बनाए परीक्षा केंद्र पर पेपर देने जाना होगा। इतना ही नहीं कॉपियों की जांच रेंनडमली आधार पर दूसरे ब्लॉक में करवाने की तैयारी है।

अशासकीय स्कूलों में बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा करवाने का आदेश जारी ........................
प्रदेश में 14 साल पहले तक कक्षा 5वीं व 8वीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर होती थी। फिर सरकार ने इसे बंद कर दिया। आरटीई लागू होने से बच्चों को आगे की कक्षा में प्रमोट करना शुरू किया। परीक्षा का भय खत्म होने के कारण 9वीं में बच्चों का रिजल्ट बिगड़ने लगा। पिछले साल फिर से 5वीं व 8वीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर करवाना शुरू किया। किन्तु अशासकीय स्कूल संचालकों विरोध के कारण बोर्ड पैटर्न केवल शासकीय स्कूलों में लागू करते हुए वार्षिक परीक्षा करवाई। इस साल बीच सत्र में सरकार ने अशासकीय स्कूलों में बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा करवाने का आदेश जारी कर दिया। इसका विरोध हुआ,लेकिन शासन ने किसी की नहीं सुनी। साथ ही बोर्ड परीक्षा के पेपर से लेकर परीक्षा केंद्र और कापियों की जांच करने तक के तौर तरीकों में बदलाव कर रही है। ताकि पारदर्शिता रहे और परीक्षा व रिजल्ट पर उंगलियां नहीं उठे।


पहली बार बड़ा बदला..........................
विभाग ने 5वीं-8वीं की परीक्षा को लेकर पहली बार बड़ा बदलाव किया है। वार्षिक परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर ली जा रही है। इसके पेपर देने के लिए परीक्षार्थियों को दूसरे स्कूल में बनाए परीक्षा केंद्र पर पेपर देने जाना होगा। हालांकि इसके लिए नजदीकी स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। परीक्षा के बाद इनकी कापियां जांचने दूसरे स्कूलों में भेजी जाएंगी। इसमें यह प्रावधान भी किया कि एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक के किसी स्कूल में रेंडली कॉपियां जांचने भेजी जा सकती है। जिला शिक्षा केंद्र पर मौखिक रूप से दिशा-निर्देश मिलना शुरू हो गए। अधिकृत आदेश आना है। ऐसे में जिला स्तर पर परीक्षा केंद्र को लेकर तैयारी की जा रही है। क्योंकि जिले में 2000 से ज्यादा प्राथमिक-माध्यमिक स्तर के स्कूल है।

थे पास होने लगे थे कमजोर छात्र भी ...............................
14 साल बाद होगी इस फॉर्मेट में परीक्षा प्रदेश में 2007-08 में 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा लिया जाना बंद कर दिया था। 2009 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम -आरटीई लागू होने के बाद विद्यार्थियों का वार्षिक मूल्यांकन किया जाने लगा। इसके प्रावधान के मुताबिक किसी भी विद्यार्थी को फेल नहीं किया जा सकता था। इससे कमजोर छात्र भी पास होने लगे थे। केंद्र की अनुमति मिलने के बाद मप्र शासन ने 2019 में आरटीई में संशोधन किया। पिछले साल सिर्फ  शासकीय स्कूलों में परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर ली गई थी, इसमें अशासकीय स्कूलों को इसमें शामिल नहीं किया था। इस साल अशासकीय स्कूलों को भी शामिल किया गया है।


अधिकृत आदेश का इंतजार है...................
कक्षा 5वीं-8वीं की वार्षिक परीक्षा शासकीय के साथ अशासकीय में एक साथ एक ही पैटर्न पर होगी। इसे लेकर समय-समय पर दिशा-निर्देश व आदेश मिल रहे है। उसी अनुरूप तैयारी की जा रही है। परीक्षा केंद्र व कॉपिया जांचने को लेकर अभी अधिकृत आदेश आना बाकी है। फिर भी जिला स्तर पर तैयारी की जा रही है।
................................रालुसिंह सिंगार ,डीपीसी-झाबुआ।
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