झाबुआ~पहले शिक्षकों की होगी स्पेशल ट्रेनिंग, फिर बच्चों की पढ़ाई की मॉनिटरिंग~~
रिजल्ट सुधारने कमजोर बच्चों की लगेगी रेमेडियल क्लास होगी निगरानी~~
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित हाई और हायर सेकंडरी के साथ-साथ कक्षा 9वीं और 11वीं के कमजोर विद्यार्थियों का रिजल्ट सुधारने की तैयारी शिक्षा विभाग ने शुरु कर दी है। इसके लिए विशेष कक्षाएं लगाई जाएंगीं। इन कक्षाओं के लिए शिक्षकों को पहले ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर विशेष कक्षाओं के बाद पढ़ाई की मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे 9वीं से 12वीं तक पढ़ने वाले जिले के हजारो कमजोर छात्र-छात्राओं को फायदा होगा।
दो चरणों में शिक्षकों को ट्रेनिंग............................
दो चरणों में शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई है। जिसमें गणित, अंग्रेजी, हिंदी,सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई।
रेमेडियल क्लास लगाने का लिया निर्णय कक्षा 9वीं से 12वीं के त्रैमासिक रिजल्ट के आधार पर विशेष कक्षाओं के लिए कमजोर बच्चों को चुना गया है। इस बार बोर्ड परीक्षाएं मार्च में प्रस्तावित हैं। वार्षिक परीक्षा का रिजल्ट अच्छा रहे इसलिए स्कूलों में रेमेडियल क्लास लगाने का निर्णय लिया है।
टेस्ट होने के बाद शिक्षा विभाग करेगा निरीक्षण.......................
जिन कमजोर विद्यार्थियों को रेमेडियल क्लास में शामिल किया जा रहा है उनका हर महीने टेस्ट लिया जाएगा। इसी टेस्ट के आधार पर बच्चों का आंकलन किया जाएगा और जिस टॉपिक में वह कमजोर है उस टॉपिक को दोबारा पढ़ाया जाएगा। शिक्षा विभाग की टीम रेमेडियल क्लास का आकस्मिक निरीक्षण भी करेगी।
परिणाम के आधार पर की जाएगी समीक्षा..................
पिछले दिनों हुई त्रैमासिक परीक्षा परिणाम के आधार पर शिक्षा विभाग ने रेमेडियल क्लास में पढ़ने वाले बच्चों का चयन किया है। 9वीं व 10वीं में 50 प्रतिशत तो 11वीं व 12वीं में 35 प्रतिशत विद्यार्थी रेमेडियल कक्षाओं में शामिल होंगे। इन विद्यार्थियों के छमाही परीक्षा परिणाम के आधार पर इस बात की समीक्षा की जाएगी कि आखिर बच्चों को रेमेडियल क्लास से कितना लाभ मिला है।
दे रहा है पहले शिक्षा विभाग शिक्षकों को अलग से ट्रेनिंग ........................
त्रैमासिक रिजल्ट के आधार पर जिले में हजारो बच्चे ऐसे हैं जिन्हें रेमेडियल कक्षाओं से परीक्षा की तैयारी करवाई जाएगी। इन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सबसे पहले शिक्षा विभाग शिक्षकों को अलग से ट्रेनिंग दे रहा है। पहले और दूसरे दौर की ट्रेनिंग हो चुकी है।
...................................गणेश भाभोर-एसी ट्रायबल-झाबुआ।
दो चरणों में शिक्षकों को ट्रेनिंग......................
दो चरणों में शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई है। जिसमें गणित, अंग्रेजी, हिंदी,सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई।
रेमेडियल क्लास लगाने का लिया निर्णय कक्षा 9वीं से 12वीं के त्रैमासिक रिजल्ट के आधार पर विशेष कक्षाओं के लिए कमजोर बच्चों को चुना गया है। इस बार बोर्ड परीक्षाएं मार्च में प्रस्तावित हैं। वार्षिक परीक्षा का रिजल्ट अच्छा रहे इसलिए स्कूलों में रेमेडियल क्लास लगाने का निर्णय लिया है।
टेस्ट होने के बाद शिक्षा विभाग करेगा निरीक्षण......................
जिन कमजोर विद्यार्थियों को रेमेडियल क्लास में शामिल किया जा रहा है उनका हर महीने टेस्ट लिया जाएगा। इसी टेस्ट के आधार पर बच्चों का आंकलन किया जाएगा और जिस टॉपिक में वह कमजोर है उस टॉपिक को दोबारा पढ़ाया जाएगा। शिक्षा विभाग की टीम रेमेडियल क्लास का आकस्मिक निरीक्षण भी करेगी।
परिणाम के आधार पर की जाएगी समीक्षा..................
पिछले दिनों हुई त्रैमासिक परीक्षा परिणाम के आधार पर शिक्षा विभाग ने रेमेडियल क्लास में पढ़ने वाले बच्चों का चयन किया है। 9वीं व 10वीं में 50 प्रतिशत तो 11वीं व 12वीं में 35 प्रतिशत विद्यार्थी रेमेडियल कक्षाओं में शामिल होंगे। इन विद्यार्थियों के छमाही परीक्षा परिणाम के आधार पर इस बात की समीक्षा की जाएगी कि आखिर बच्चों को रेमेडियल क्लास से कितना लाभ मिला है।
दे रहा है पहले शिक्षा विभाग शिक्षकों को अलग से ट्रेनिंग ........................
त्रैमासिक रिजल्ट के आधार पर जिले में हजारो बच्चे ऐसे हैं जिन्हें रेमेडियल कक्षाओं से परीक्षा की तैयारी करवाई जाएगी। इन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सबसे पहले शिक्षा विभाग शिक्षकों को अलग से ट्रेनिंग दे रहा है। पहले और दूसरे दौर की ट्रेनिंग हो चुकी है।
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