धार~भूख से मादा तेंदुए की मौत, रिपोर्ट में आंते सुखने से संक्रमित होना बताया ~~

बाग वन परिक्षेत्र के ग्राम बरखेड़ा का मामला, कुक्षी-टांडा-बाग के पशु चिकित्सकों ने किया पीएम ~~

धार ( डाॅ. अशोक शास्त्री )।


 बाग वन परिक्षेत्र के ग्राम बरखेड़ा में झाड़ियों में छिपी दो वर्षीय मादा तेंदुए की रविवार की दरमियानी रात्रि में मौत हो गई। सोमवार को वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए की मौत की पुष्टि करते हुए तीन सदस्यीय पशु चिकित्सको से मृत तेंदुए का पीएम करवाया। उसके बाद मादा तेंदुए का दाह संस्कार भी किया गया।  पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के अनुसार इंफेक्शन फैलने, भूखे रहने से आते सिकुड़ने एवं पेट में पानी तथा पस भर जाने से मादा तेंदुए की मौत होना बताया है।  डीएफओ की मौजूदगी में मादा तेंदुए का पीएम एवं दाह संस्कार किया गया, जबकि समय पर रेस्क्यू  नही करने व वन्य जीवों के एक्सपर्ट की उपलब्धता नही होने एवं उपचार के अभाव के चलते  मादा तेंदुआ को बचाया नहीं जा सका। बाग वन परिक्षेत्र में तेंदुओं की लगातार आमद देखी जा रही है। आबादी के लगातार विस्तार ओर जंगलों के खत्म होने के चलते वन्य जीवों की सुरक्षा, भरण पोषण और अस्तित्व पर संकट बढ़ते जा रहे है।
उपचार के लिए समय नहीं दिया 
रविवार को ग्राम बरखेड़ा की झाड़ियों में एक जानवर की गुर्राहट के साथ कराहने की आवाज सुन ग्रामीणों ने वन विभाग को वहां तेंदुए के होने की सूचना दी। शाम को वन अमला बरखेड़ा पहुंचा भी, किंतु रात्रि में तेंदुए के निकट जाने की किसी की हिम्मत नहीं थी। वन्य जीव एक्सपर्ट उपलब्ध नहीं होने से सिवाय निगरानी के विभाग कुछ नहीं कर सका। वन्यजीव एक्सपर्ट बुलवाने, मादा तेंदुए का रेस्क्यू कर इलाज करवाने के प्रति जिम्मेदारों की कोई जिम्मेदारी नहीं   दिखाई दी ओर रात्रि में ही दुर्भाग्य से मादा तेंदुए ने दम तोड़ दिया। सोमवार सुबह मादा तेंदुए के शरीर में कोई हलचल नहीं होने पर वन विभाग द्वारा मौत की पुष्टि की गई। 
आंत सिकुड़ने, इंफेक्शन फैलने की वजह से मौत
मृत तेंदुए का पीएम तीन पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा किया गया। डॉक्टरों के अनुसार करीब दो वर्षीय मादा तेंदुए के पेट में पानी एवं पस भर गया था। इंफेक्शन फैलने एवं आंत  सिकुड़ने की वजह उसकी मौत का कारण बनी ऐसा प्रतीत होता है। मादा तेंदुए की आते सिकुड़ने का एक कारण लगातार भूखे रहना भी होता है। स्थानीय रेंजर संतोष चौहान 11.30 बजे तक तेंदुए की मृत देह को उठाकर लाने की बात करते रहे जबकि ग्रामीणों के अनुसार सुबह ही मृत तेंदुए को उठा लिया गया था। जिला वन मंडल अधिकारी जीडी बरबड़े  करीब 12 बजे बाग पहुंचे और उनकी  मौजूदगी में मृत मादा तेंदुए का पीएम के पश्चात दाह संस्कार किया गया। 
घटते जंगल, बढ़ती आबादी वन्य जीवों के लिए संकट 
क्षेत्र में तेंदुओं की आमद लगातार देखी जा रही है। ग्राम चिकापोटी, करकदा, खेरवा, बांकी बड़कच्च,  घटबोरी, रामपुरा, खंडलाई, बरखेड़ा, भत्यारीआदि ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुओं की लगातार उपस्थिति की जानकारियां सामने आती रही है ओर कुछ तेंदुओं को पकड़ा भी गया । तेंदुओं को पानी के लिए पेयजल स्रोतों के पास पहुंचने, कहीं कुएं में गिर जाने की घटनाएं  घटित होती रही है जिससे यह साबित होता है कि वन परिक्षेत्र बाग में तेंदुओं की संख्या बढ़ी है। आबादी के लगातार विस्तार, घटते जंगलों के चलते भोजन पानी की तलाश में वन्य जीव बस्तियों में भी पहुंच जाते है जिससे ग्रामीणों में भी भय का माहौल बन जाता है। विकास की तेज रफ्तार एवं लगभग खत्म हो चुके जंगलों के बीच  वन्य जीवों का अस्तित्व संकटों के साए में ही है। बीते महीनों में घटबोरी में एक कुएं में म्रत मिला तेंदुए का बच्चा, तो भट्यारी सोलर प्लांट के पास बीमार मिला था। वहीं अन्य जगह से भी रेस्क्यू किए गए है। 
यह कहा विभाग ने 
24 घंटे पहले से कवायद 
इस मामले में जानकारी सामने आई है कि रविवार दोपहर से ही ग्राम बरखेड़ा में तेंदुए के मौजूद होने की सूचना मिल गई थी। इसके बाद तेंदुए की मौजूदगी वाले स्थल पर वन विभाग के अधिकारी पहुंचे थे। सघन क्षेत्र से तेंदुए के गुर्राने की आवाज आने के बाद ग्रामीणों को वहां से हटाया दिया गया था। इसके बाद तेंदुए को पकड़ने के लिए बकरी सहित पिंजरा लगाने का दावा भी किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक सोमवार सुबह तक कोई हलचल नहीं दिखाई दी। वहीं सघन क्षेत्र में कोई हरकत ना होने पर सर्चिंग की गई तो तेंदुए की मृत देह मिली। इस दौरान आसपास के करीब 2 किमी के दायरे में शंकास्पद वस्तुओं को भी तलाशा गया। किसी भी तरह की कोई संदेहास्पद वस्तु नहीं मिली है। बाग, कुक्षी और टांडा के पशु चिकित्सकों के माध्यम से पीएम करवाया गया।  
चित्र है 12धार16-
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