झाबुआ~फेस एप से पेंशनर दे सकते हैं जीवित रहने का प्रमाण-अब बैंक जाने की जरुरत नहीं, घर बैठे बगैर परेशानी हो सकेगा काम ~~
पेंशनर्स को अब नहीं लगाने होंगे कार्यालय के चक्कर, घर बैठे बनेगा जीवित प्रमाण-पत्र, सरकार ने एंड्राइड मोबाइल फेस एप शुरू किया, सेवानिवृत्त ले सकते हैं लाभ~~
जिले के हजारो पेंशनरों को जीवित प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए अब बैंकों सहित डाकघर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके लिए सरकार ने एंड्राइड मोबाइल फेस एप शुरू किया है। इसके माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी घर पर ही जीवित प्रमाण पत्र बना सकेंगे। ताकि आगामी महीनों में उनकी पेंशन बहाल रहें। डाकघरों में आईपीबी माध्यम से पेंशनरों के घर भी जाकर डाकिए जीवित प्रमाण-पत्र बना रहे है। लेकिन यह सुविधा चार्जेबल होने के चलते बहुत कम पेंशनर इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
मिलेगी हजारों वरिष्ठ नागरिकों को सुविधा ...........................
पेंशनरों को हर साल नियमित पेंशन पाने के लिए नवंबर-दिसंबर महीने में बैंक जाकर अपने जीवित होने का प्रमाण देना होता है। वरिष्ठ नागरिकों को इस परेशानी से बचने के लिए सरकार ने ये नई सुविधा दी है। फेस एप डाउनलोड कर निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने के बाद पेंशनर अब घर से ही अपने जीवित होने का प्रमाणीकरण कर सकते हैं। इससे हजारों वरिष्ठ नागरिकों को सुविधा मिलेगी। इसमें विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी व परिवार पेंशन प्राप्त करने वाले नागरिक शामिल हैं।
प्रस्तुत किया 7 हजार पेंशनरों ने जीवन प्रमाण पत्र अब तक,यह अपने आप में रिकॉर्ड.................
इनमें विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त व परिवार पेंशन प्राप्त करने वाले नागरिक शामिल हैं। इनमें ऊर्जा विभाग, बिजली बोर्ड के अधीन कार्य करने वाले पूर्व कर्मचारियों, अधिकारियों और वर्तमान में मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से जुड़े पेंशनरों ने इस बार समय पर जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में अहम भूमिका निभाई है। इस बार नवंबर-दिसंबर में 7 हजार पेंशनरों ने जीवन प्रमाण पत्र अब तक प्रस्तुत किया है, यह अपने आप में रिकॉर्ड है।
घर पहुंच सेवा के लिए लग रहे 70 रुपए, बच रहे .............
वरिष्ठजन जानकारी के अनुसार डाक विभाग द्वारा पेंशनर्स की सुविधा के चलते जीवित प्रमाण-पत्र घर पहुंच सेवा के तहत भी बनाए जा रहे हैं। इसमें आईपीबी माध्यम से डाकिए पेंशनरों के घर जाकर जीवित प्रमाण-पत्र बना रहे है। इस सुविधा का चार्ज करीब 70 रुपए है। इसके चलते पेंशनर्स इस सुविधा का लाभ लेने से बच रहे हैं। इससे उन्हें दिक्कत हो रही है और व प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं। मोबाइल एप की नई सुविधा से सभी पेंशनर्स कोल भी मिलेगा और घर बैठे ही अपना प्रमाण-पत्र बनाकर पेश कर सकेंगे।
वरिष्ठजन जानकारी के अनुसार डाक विभाग द्वारा पेंशनर्स की सुविधा के चलते जीवित प्रमाण-पत्र घर पहुंच सेवा के तहत भी बनाए जा रहे हैं। इसमें आईपीबी माध्यम से डाकिए पेंशनरों के घर जाकर जीवित प्रमाण-पत्र बना रहे है। इस सुविधा का चार्ज करीब 70 रुपए है। इसके चलते पेंशनर्स इस सुविधा का लाभ लेने से बच रहे हैं। इससे उन्हें दिक्कत हो रही है और व प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं। मोबाइल एप की नई सुविधा से सभी पेंशनर्स कोल भी मिलेगा और घर बैठे ही अपना प्रमाण-पत्र बनाकर पेश कर सकेंगे।
वीडियो ऑन होने पर पलक झपकाना जरूरी ................
इस ऐप पर आधार की मदद से पेंशनर घर बैठे जीवन प्रमाण.पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। इसमें वीडियो ऑन कर पलक झपकाना अनिवार्य होता है। इस ऐप के माध्यम से प्रदेश के कई जिलों से पेंशनरों ने घर बैठे प्रमाण-पत्र भेजे हैं। कुछ आसपास के प्रदेशों के पेंशनरों ने भी अपने प्रमाण-पत्र पहुंचाए हैं। जिले के पेंशनरों ने भी एप के माध्यम से अन्य जिलों सहित राज्यों में प्रमाण-पत्र पहुंचाएं हैं।



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