धार~फैसला- दो सगे भाईयों को सश्रम कारावास, 1 को आजीवन दूसरे को 7 साल की जेल ~~

फैसला- नाबालिग को भगाने में दो भाई नपे, एक को आजीवन कारावास, दूसरे को 7 साल की सजा ~~

एक भाई ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया, दूसरे ने नाबालिग को भ्गाने में किया था सहयोग~~
  
धार ( डाॅ. अशोक शास्त्री )। 

पॉक्सो एक्ट से जुड़े मामलों में कोर्ट सख्ती और संजीदगी के साथ फैसला सुना रही है। गुरुवार को पॉक्सो से जुड़े एक मामले में कोर्ट ने कुछ  महीनों में ही फैसला सुनाते हुए दो सगे भाईयों को सजा सुनाई है। जिसमें मुख्य आरोपी अरूण दयाराम को पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत आजीवन कारावास एवं अन्य धाराओं में 7 व 5 वर्ष की सजा के साथ जुर्माना भी रोपित किया है। वहीं आरोपी के छोटे भाई रीतेश पिता दयाराम को धारा 363 भादसं में 5 वर्श का सश्रम कारावास व धारा 366 भादसं में 7 वर्ष का सश्रम कारावास व अर्थदंड लगाया है। मुकदमें में शासन की और से पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी (विशेष लोक अभियोजक) श्रीमती आरती अग्रवाल ने की। आरोपियों में अरूण ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म भी किया था। वहीं छोटा भाई रीतेश इन्हें भगाने में सहयोगी की भूमिका में रहा है। 
यह था मामला 
जिला लोक अभियोजन अधिकारी अर्चना डांगी ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि  पीडिता के पिता न 1 फरवरी 2022 को थाना पीथमपुर  सेक्टर -1 मोंौखिक रिपोर्ट की थी कि  29 जनवरी 2022 को सुबह करीबन 8बजे वह और उसकी पत्नी दोनों काम पर चले गये थे। घर पर उसका लड़का व लड़की अकेले थे। शाम को जब  6  बजे घर आए तो देखा घर पर उसका लड़का अकेला था। बेटी छत पर जाने का बोलकर लौटी नहीं। इसके बाद प्रकरण दर्ज कर चार दिन बाद 3 फरवरी को पीड़िता को बरामद कर   लिया गया था। पीड़िता ने अपने कथन में बहला-फुसलाकर ले जाने और शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने की बात कही थी। इस मामले में कोर्ट ने अपनी टिप्पणी भी की है जिसमें सजा सुनाते हुए कहा कि  समाज में बच्चियों एवं महिलाओं के साथ इस प्रकार के अपराध में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है और इस प्रकार के अपराध समाज की नैतिकता को प्रभावित करते ह। आरोपी के कृत्य को दृष्टिगत रखते हुए दण्?ड के संबंध में आरोपी के प्रति उदारता बरती जाना न्यायोचित नहीं है।
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