खिलेडी~~खिलेड़ी के हाई स्कूल शिक्षक श्री रतनलाल परसाई को स्टॉफ एवं विद्यार्थियों ने दी विदाई~~
रेशमगारा माध्यमिक विद्यालय से सफर शुरू कर खिलेड़ी हाई स्कूल तक सफर करने वाले क्षेत्र के लोकप्रिय दसई निवासी शिक्षक श्री रतनलाल परसाई का गत दिवस सेवाकाल समाप्ति के उपलक्ष्य में खिलेड़ी के हाई स्कूल में विदाई समारोह का आयोजन कर नम आंखों से उन्हें विद्यालय परिवार स्थानीय पत्रकार एवं ग्रामीण जन ने विदाई दी। ज्ञात हो की अपने सेवाकाल के दिनों में शिक्षक के सफर की शुरुआत में शुरुआती दौर में श्री परसाई ने रेशमगारा के माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर रह कर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया इनकी पोस्टिंग 20 मार्च सन 1982 को हुई थी प्रारंभ में रेशमगारा के बाद मध्यप्रदेश शासन की तरफ से इन्हें प्रशिक्षण हेतु अलीराजपुर भेजा गया था प्रशिक्षण उपरांत आप वापस बखतगढ़ संकुल के एक विद्यालय में बतौर शिक्षक के पद पर कार्यरत रहे। इसके पश्चात 29 अगस्त सन1995 को आपकी खिलेड़ी शा मा विद्यालय में ज्वाइनिंग हुई और आपके द्वारा 31 अक्टूबर 2022 तक खिलेड़ी में ही बच्चो के भविष्य निर्धारण में सेवा दी गई श्री परसाई के पढ़ाये गए विद्यार्थियों में आज कन्हैयालाल पाटीदार मां विद्यालय कोद में शिक्षक हैं, पांदा निवासी जितेंद्र मुनिया भारतीय सेना में हैं, पवन पाटीदार खिलेड़ी निवासी एक चिकित्सक के पद पर कार्यरत है, फिरोजखान पांदा निवासी व बबलु एमपी पुलिस में सेवा दे रहे हैं वही कई विद्यार्थी सफल व्यवसायी बन चुके हैं। श्री परसाई के इस प्रकार से बच्चो के विकास में किये गए प्रयास से ही आज उन्हें इतनी
लोकप्रियता मिली हैं वही शिक्षा के साथ साथ श्री परसाई का लोगो से लगाव का एक कारण यह भी है कि वे शास्त्रीय संगीत के पुजारी है और उनके सुर ताल से क्षेत्र में काफि लोग बहुत प्रभावित भी हुए हैं आज वर्तमान में कई विद्यार्थी श्री परसाई से संगीत की शिक्षा ग्रहण कर अपनी भारतीय संस्कृति के प्रति जीवन्त भाव को बनाए हुए है उनका मानना है कि शास्त्रीय संगीत मनुष्य जीवन को काफी शांति का अनुभव करवाता है। एक कुशल शिक्षक के साथ एक कुशल संगीत के ज्ञाता होने के कारण श्री परसाई का सेवानिवृत्त होने वाला दिन जनता के बीच काफी यागदार बना रहा।
लोकप्रियता मिली हैं वही शिक्षा के साथ साथ श्री परसाई का लोगो से लगाव का एक कारण यह भी है कि वे शास्त्रीय संगीत के पुजारी है और उनके सुर ताल से क्षेत्र में काफि लोग बहुत प्रभावित भी हुए हैं आज वर्तमान में कई विद्यार्थी श्री परसाई से संगीत की शिक्षा ग्रहण कर अपनी भारतीय संस्कृति के प्रति जीवन्त भाव को बनाए हुए है उनका मानना है कि शास्त्रीय संगीत मनुष्य जीवन को काफी शांति का अनुभव करवाता है। एक कुशल शिक्षक के साथ एक कुशल संगीत के ज्ञाता होने के कारण श्री परसाई का सेवानिवृत्त होने वाला दिन जनता के बीच काफी यागदार बना रहा।
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