दसई~~लम्पी रोग को काबू करने में जुटे गो सेवक~~
पशु चिकित्सालय दसई और आसपास के करीब 15 किलोमीटर के दायरे में लम्पी रोग से पीड़ित पशु खास कर गायों में हाल ही में लम्पी रोग के लक्षण दिखे और इस रोग से पीड़ित गौवंश की संख्या करीब 2 दर्जन के पार जा चुकी थी लेकिन अब पशु चिकित्सक के इलाज और पशु पालकों की सूझ बूझ से इस रोग से पीड़ित पशु की संख्या में गिरावट आने लगी है हालांकि दसई के आसपास इस रोग के दौरान दो चार पशुओं की मृत्यु भी हो चुकी है लेकिन यह स्पष्ट नही कहा जा सकता है कि मृत्यु का कारण यह बीमारी ही है। क्योंकि दसई के आसपास करीब 15 किलोमीटर के क्षेत्रफल में एक ही शासकीय पशु चिकित्सक है और कार्य का क्षेत्रफल ज्यादा है। वही इस रोग के पीड़ित पशु की संख्या में इजाफा खूंटपला में हुआ था इस लिए यह चुनोती थी जिस पर दसई पशु चिकित्सक डॉ वर्मा के ने विशेष ध्यान रखा वही पशुओं के मालिक भी क्षेत्र में पशु खासकर गोवंशों की सफाई का विशेष ध्यान रख रहे है और डॉक्टर तथा पशु मलिक की काफी मश्क्कत के बाद उक्त गांव में रोगी गोवंशों की संख्या में काफी गिरावट आ गई है खूंटपला की गोशाला में भी रोग के रोकथाम के पुख्ता इंतजाम किए जा चुके है वही दसई गौशाला में रोग से बचाव के इंतजाम किए गए हैं।
*बीमा के प्रति लोग नही देते है ध्यान*
दसई पशुचिकित्सक डॉ कुंदन वर्मा से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि पशु के बीमा शासन द्वारा करवाये जाते है लेकिन पशु के मालिक इन चीजों के प्रति बहुत कम रुचि रखते है अगर बीमा होता है तो इस प्रकोप में पशु की मृत्यु पर यथासंभव राशि दी जाएगी लेकिन मेरे अनुसार कुछ चुनिंदा लोगो ने ही अपने पशु के बीमा करवा रखे है। अभी फ़िलहाल हमारी टीम द्वारा इस रोग पर काबू कर लिया गया है अब केवल 20 से 25 गोवंशों में रोग के लक्षण है इसके पहले संख्या 30 के ऊपर थी इस सप्ताह में रोगी पशु में और सुधार हो जाएगा। वही डॉ वर्मा का कहना है कि लम्पी रोग के लक्षण वतर्मान में जर्सी तथा एचएफ प्रजाति की गायों में देखे गए है। इन पशुओं के बाल में जो तथा लीच की समस्या ज्यादा होती है जो संक्रमण को बढ़ाते है अतः इन्हें फिटकरी के पानी से नहलाना चाहिए और सामान्य कीटनाशक जो कि पशुओं के लिए प्रमाणित है उसका स्प्रे करते रहना चाहिए।
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