धार~सरदार सरोवर बांध पूर्ण भराया, डूब बाहर क्षेत्रों में बैक वॉटर पहुंचा ~~

गेट लगने के बाद 6 साल में तीसरी मर्तबा भरा बांध, एनव्हीडीए अधिकारी सचेत ~~

धार-निसरपुर ( डाॅ. अशोक शास्त्री )। 

सरदार सरोवर बांध इस साल अब अपने पूर्ण रूप से भर गया है। 15 सितंबर की सुबह 6 बजे बांध में जलस्तर का लेवल 138.68 मीटर के लेवल पर पहुंच गया है। साल 2017 में बांध के गेट लगने के बाद विगत 6 सालों में बांध तीसरी बार पूर्ण रूप से भर पाया है। वहीं बांध के पूर्ण रूप के भरने के बाद अब डूब के इलाकों में लोगों की समस्या सामने आने लगी है इसे लेकर अब नर्मदा घाटी विकास विभाग के अधिकारी दौड़ लगा रहे है। 
डूब से बाहर फिर भी घरों में पानी 
बांध भले ही पूर्ण भर गया है पर  निसरपुर में डूब से बाहर किए गए गांधीनगर और बयड़ीपुरा के रहने वाले शांतिलाल प्रजापत और सीताराम प्रजापत के मकानों में एक से 2 फीट तक पानी भर गया है। उनका कहना है कि आज तक हमें पुनर्वास पैकेज का लाभ नहीं दिया गया है और हमें डूब से बाहर बताया गया है। वहीं अनीता मांगीलाल प्रजापत जिन्हें भी डूब से बाहर बताया गया है उनके घर आंगन में पानी भर चुका था। इस तरह के 20 मकानों में बांध के लेवल से आधा मीटर पानी कम होने के बाद भी बैक वाटर भर गया है। वहीं इन बस्तियों में 60 से अधिक ऐसे परिवार हैं जिनके घर से महज चंद फीट की दूरी पर बैक वाटर नजर आ रहा है। 
खराजना में किसानों का रास्ता डूबा
कुक्षी तहसील के डूब के अंतिम क्षेत्र के गांव खराजना में बाघनी नदी के सहारे नर्मदा का बैक वाटर पहुंचने से नदी में पानी का लेवल बढ़ने के बाद गांव के 20 किसानों की 110 एकड़ जमीन के खेतों तक जाने का रास्ता बंद हो गया है। नर्मदा घाटी विकास विभाग ने साल 2019 में सर्वे किया था और यहां पर एक रपट बनाने की बात कही थी।  किसानों का कहना था कि यहां पर पानी का लेवल अधिक रहता है। गुरुवार सुबह पानी भरने के बाद यहां पर जिला पंचायत सदस्य चंचल पाटीदार, एनव्हीडीए एसडीओ श्री साकले   मौके पर पहुंचे।  किसान सचिन पाटीदार, दयाराम पाटीदार, मोहन पाटीदार, सरपंच नरेंद्र मुजाल्दा ने समस्या से अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया।  अधिकारियों ने स्थिति को देखने के बाद कहा कि यहां पर एक हाई लेवल का ब्रिज ही बनाया जा सकता है। तभी समस्या का निराकरण हो पाएगा। हालांकि अब इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा और कब मंजूर होगा कब बनेगा तब तक किसानों को खेतों में जाने के लिए 8 से 10 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ेगा।  
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