रिंगनोद~ईमानदारी की मिसाल बना गांव का युवा हजारों रुपये देखकर भी नहीं बदली युवक की नीयत, रुपए भरा पर्स वापसी लौटाया~~
मजदूरी के रुपए इकट्ठा कर गिरवी रखी रकम छुड़ाने आया था युवक, राजगढ़ बस स्टैंड पर गुम हो गया था पर्स~~
अनुराग डोडिया रिंगनोद~~
रिंगनोद नगर के मुस्लिम समाज के नायब सदर हाजी रेेहमत खान के बेटे शमशेर खान(दद्दू भाई) को शुक्रवार दोपहर को राजगढ़ बस स्टैंड पर नोटों से भरा पर्स मिला था। पर्स मिलने के बाद शमशेर खान ने अपने दोस्त कमल चारण निवासी राजगढ़ के साथ आसपास के दुकानदारों से पर्स मिलने की जानकारी देकर उसके मालिक की खोजबीन की जिस पर बस स्टैंड स्थित फल फ्रूट दुकानदारों द्वारा बाइक सवार महिला और पुरुष के उसी जगह पर खड़े होकर खरीदारी करने के बात बताई। युवक शमशेर खान को मिले पर्स में नो हजार रूपए के करीब नगद राशि और एक मात्र चिट्ठी थी जिसमें मोबाइल नंबर लिखा हुआ था काफी खोजबीन के बाद जब पर्स मालिक का कोई पता ना चला तो शमशेर खान ने चिट्ठी में लिखे नंबर पर फोन लगाकर बात की और पता लगाया जिस पर भगत मेड़ा निवासी दूदी (दत्तीगांव) ने अपने पर्स घूमने की बात बताई साथ ही उसमें रखे राशि की भी जानकारी दी जिससे यह साफ हो गया है कि पर्स भगत मेड़ा का है। पर्स मालिक भगत मेड़ा ने बताया कि वह उसकी पत्नी के साथ मजदूरी कर इकट्ठे किए हुए रुपए से राजगढ़ सराफ के यहां पर अपनी गिरवी रखी रकम छुड़ाने आया था और बाजार में खरीदारी करते समय रुपए से भरा पर्स गिर गया था जिस कारण रकम नहीं छुड़ा पाया और काफी खोजबीन के बाद वापसी निराश होकर गांव चला गया। जब शमशेर खान का फोन आया और मेरे द्वारा जानकारी लेकर पर्स उनके पास मिलना बताया तो बहुत ही खुशी हुई। शमशेर खान ने बताया कि पर्स मिलने से ज्यादा पर्स लौटाते समय मुझे बहुत खुशी हुई बहोत अच्छा लगा की किसी की मेहनत के पैसे उस तक पहुँचा पाया
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रिंगनोद~ईमानदारी की मिसाल बना गांव का युवा हजारों रुपये देखकर भी नहीं बदली युवक की नीयत, रुपए भरा पर्स वापसी लौटाया~~
मजदूरी के रुपए इकट्ठा कर गिरवी रखी रकम छुड़ाने आया था युवक, राजगढ़ बस स्टैंड पर गुम हो गया था पर्स~~
अनुराग डोडिया रिंगनोद~~
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