बाकानेर~हर नारी है पूज्य हमारी उनका ना अपमान करें ~रिजवान~
बाकानेर( सैयद अखलाक अली)
हर नारी है पूज्य हमारी उनका ना अपमान करें मत पूजो तो कम से कम हर नारी का सम्मान करो वरिष्ठ पत्रकार सैयद रिजवान अली ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार का तुगलकी फरमान जिसने महिलाओं को अपमानित किया है ,एक और हमारे मुख्यमंत्री महिलाओं को सम्मान देने की वकालत करते हैं महिलाओं को बहन और बेटियों को भांजी कह कर पुकारते हैं , वहीं दूसरी ओर भोपाल में शराब की दुकानों पर आबकारी विभाग में कार्यरत महिलाओं से शराब बिकवा रहा हैं, यह फैसला कितना उचित है ।
मध्य प्रदेश सरकार ने 5 मई से शराब के ठेके खोलने के निर्देश जारी किए थे , भोपाल, इंदौर, उज्जैन और हॉटस्पॉट के संक्रमित इलाके छोड़कर सभी जगहो पर शराब की दुकानें खोलने के निर्देश जारी किए गए थे।भोपाल में शराब ठेकेदारों ने एक्साइज डिपार्टमेंट के अफसरों से मुलाकात की जिसमें उन्होंने शराब की दुकानें खोलने से इंकार कर दिया था । तब भोपाल में आबकारी विभाग ने फैसला लिया शराब की दुकाने आबकारी विभाग संचालित करेगा और महिला कांस्टेबलो की ड्यूटी शराब बेचने के लिए लगाई जाएगी ।
आबकारी विभाग के इस आदेश के बाद हड़कंप मच गया था ।
शिवराज सिंह चौहान एक तरफ नारी के सम्मान की बात करते हैं , वही दूसरी ओर आबकारी विभाग में कार्यरत महिला कांस्टेबलो से दारू बिकवा रहा हैं । इस से देश की महिलाओं के सम्मान को बड़ी ठेस पहुंचाई है । भारत की महिलाओं ने हमेशा शराब का विरोध किया है, क्योंकि उनको मालूम है , इस शराब ने ना जाने कितने घरों को बर्बाद किया है , दारू की दुकानों के विरोध में महिलाओं ने सड़क पर निकल कर विरोध प्रकट किया है , धरने पर बैठी हैं ,आज मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं के स्वाभिमान पर करारा तमाचा मारा है ।
गुजरात हो या बिहार वहां पर भी आप ही की पार्टी की सरकार हैं , इन दोनों राज्यों ने शराब पर पूर्णता पाबंदी लगा कर रखी है , और आपकी सरकार महिलाओं से शराब बिकवा रही है । शराबों की दुकान का क्या माहौल होता है, एक बार आप जाकर देखें , जो ठेकेदार शराब की दुकानें चलाते हैं, वह बदमाशो को दुकान पर बैठाते है , क्योंकि शराब की दुकानों पर लड़ाई झगड़ा, गाली गलौच होना एक आम बात है , और आपने इन महिलाओं को शराब की दुकानों पर बैठाया है । मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां पर बलात्कार की घटनाएं आए दिन होती रहती है,ज्यादातर बलात्कार करने वाले लोग नशे के आदी होते हैं ।
आबकारी विभाग में बहुत सारे पुरुष कर्मचारी हैं , जिनकी ड्यूटी इन शराब की दुकानों पर लगाई जा सकती थी , आप अपने फैसले पर विचार करें और यह फैसला बदले ,अगर किसी शराब की दुकान पर बैठी महिला कर्मचारी के साथ कोई अनहोनी हो जाती है, इसकी जवाबदारी कौन लेगा एक हंसता खेलता परिवार इसकी भेंट चढ़ जाएगा
*हां मैं शराब हूं*
*जिसने मुझसे प्यार किया*
*मैंने उसको तबाह किया*
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