झाबुआ~एसडीएम की चली लाठी-बफ र जोन के पास राजवाड़ा क्षेत्र में घुम रहे लोगों पर की सख्ती,एटीएम में पैसा डालने वालों कर्मचारी को भी नहीं बख्सा-जबकि बफर झोन में टंकी लेने के लिए लगी थी बहुत भारी भीड़~~

झाबुआ। संजय जैन~~

शहर में सुबह से ही लोगों की चहल-पहल शुरु है बाबजुद इसके जबकि पुरे जिले में टोटल लॉक डाउन की स्थिती बनी हुई है। शहर में कोरोना पॉजीटीव कुल 6 संक्रमित हो चुके है। लोगों की समझ में टोटल लॉक डाउन का मतलब आ ही नहीं रहा है। इसलिये एसडीएम ने समझाईश के तरीके में बदलाव कर दिया है। शुक्रवार सुबह राजवाड़ा क्षेत्र में जितने लोगों को बाहर घुमते देखा गया उन पर सख्ती बरतते हुए लाठी बरसाई।

-चल गई सख्ती उन लोगों पर भी ,जो बैंको की एटीएम मशीनों में पैसा डालते है
सख्ती की इस कार्यवाही पर एसडीएम अभय खराड़ी ने बताया कि झाबुआ को रेड झोन से बचना है तो सख्ती करनी ही पड़ेगी। लोगों को जरा सी बात समझ में नहीं आ रही है कि शहर सहित जिले में टोटल लॉक डाउन लगा हुआ है। वहीं यह सख्ती उन लोगों पर भी चल गई जो बैंको की एटीएम मशीनों में पैसा डालते है। एक्सीस बैंक और पोस्ट ऑफिस के एटीएम मशीन में पैसा डालने वाले कर्मचारी विक्रम सांकला ने जानकारी देते हुए बताया कि एटीएम को अलग-अलग पासवर्ड से खोला जाता है जिसके लिए दो कर्मचारियों की जरुरत होती है। कम्पनी एक ही कर्मचारी को पासवर्ड नहीं बताती,इसलिए दो की जरुरत होती है। जब दूसरा कर्मचारी एटीएम के करीब राजवाड़ा पहुंचा तो उसे रोका गया और उसके द्वारा पास बताये जाने पर भी एसडीएम ने उसकी नहीं सुनी और मार कर भगा दिया।

क्या एसडीएम को टोटल लॉक डाउन के नियमों का ध्यान नहीं रहा....?
इस पर भी एसडीएम का कहना है कि तीन लोग साथ में थे,जबकी कर्मचारी अपनी स्कूटी पर अकैला था। हालांकि एसडीएम के लाठी चार्ज के किस्से अजीब है और बहुत सारे भी है। लेकिन लिखा हुआ 6 उलटी तरफ  से पढ़ेगे तो वह 9 ही दिखाई देगा। जब बात सख्ती की ही है तो बफर झोन में जब गैस टंकी का वितरण हो रहा था वहां जो भीड़ जमा हुइ।  एसडीएम ने तब क्युं सख्ती नहीं की....? क्या तब एसडीएम को टोटल लॉक डाउन के नियमों का ध्यान नहीं रहा....?या शाम के चक्कर में काम ढीला हो गया। एटीएम मशीन में पैसा डालने वाले कर्मचारी पर कार्यवाही कर दी जबकि वो अपनी स्कूटी से अकैला ही था, उसके पहले तो बालिकाएं भी तो निकली थी।

-भेदभाव पूर्ण कार्यवाही 
जिले को रेड जोन नहीं बनाने के लिए एसडीएम की कार्यवाही प्रशंसनिय है,मगर भेदभाव पूर्ण है। कंटेटमेंट एरिया में लोग भीड़ जमा कर रहे है। हुड़ा स्कूल के समीप ही,एसडीएम को टोटल लॉक डाउन के नियमों की धज्जीया उड़ते दिखाई नहीं दी...?

-लोगो मे एसडीएम की फैली दशहत-कलेक्टर की साख को ये बट्टा लगाने में अहम भूमिका
ऐसे में एसडीएस खराडी की इस तरह की कार्यप्रणाली ने लोगों में दहशत फैला दी है। एसडीएम द्वारा बिजली विभाग के एक कर्मचारी को भी अपने काम पर जाते वक्त पकड लिया गया तथा उसके द्वारा बिजली विभाग का जरूरी काम का हवाला देने के बाद भी उसे पकड कर अस्थाई जेल भिजवा दिया गया है। जिसे लेकर बिजली कर्मचारी वर्ग भी आक्रोशित दिखाई दे रहे है । क्या लाक डाउन में कलेक्टर द्वारा दी गई छूट के आदेश से भी अपने आपको एसडीएम उपर मानते है.....? इसे लेकर लोगों में आक्रोश है। कई लोगों ने तो इसे लेकर कलेक्टर एवं सांसद गुमानसिंह डामोर तक अपनी नाराजगी बता दी है । यही ऐसा ही रवेया इनके द्वारा बरता गया तो जिला कलेक्टर की साख को ये बट्टा लगाने में अहम भूमिका निभा सकते है । एसडीएम की कार्यवाही भेदभाव पूर्ण बताई जा रही हैै। कंटेटमेंट एरिया में लोग भीड़ जमा कर रहे है, हुड़ा स्कूल के समीप ही,एसडीएम को टोटल लॉक डाउन के नियमों की धज्जिया उड़ते दिखाई नहीं दी....?


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