झाबुआ~किस आधार पर बिना रिडिंग के उपभोक्ताओं को भारी बील थमायें गयें है~~

बिजली बिलो ने बढाई गरीब व मध्यम परिवार की मुसिबत,पहले माह 118 तो दूसरे माह 1142 रूपये थमाया~~

झाबुआसंजय जैन~~

बिजली बिलो की मार के कारण हर वर्ग अब परेशान हो रहा है। जहां एक ओर पूरे देश भर में लॉक डाउन घोषित हुआ है। वही दूसरी ओर हर वर्ग के पास आय के स्त्रोतो पर पूण विराम सा लग चुका है। जिस पर से बिजली विभाग की ओर से बिजली के बढे हुये बिलो को बोझ उन्हे जीते जी ही मार रहा है। जितनी लाईट की खपत नही होती,उससे कई गुना तो बिजली के बिलो का थमाया जा रहा है। जिस पर से गरीब एवं मध्यम वर्ग को अपने घरो को चलाना भी मुश्किल हो गया है। वही जिले भर में यही आलम पसरा हुआ है जिसमे ंगरीब वर्ग को भी भारी भरकम बिजली के बिलो को दिया जा रहा है।

-किस आधार पर बिना रिडिंग के उपभोक्ताओं को भारी बील थमायें गयें है....?
पिछले लगभग 50 दिनों से लॉक डाउन चल रहा है, जिसके चलते लोगो का घर से निकलना बंद हो गया है। इन दिनों में बिजली विभाग के किसी भी कर्मचारी ने लोगो के घरों से मीटर से रिडिंग प्राप्त नहीं की है तो फिर किस आधार पर बिना रिडिंग के उपभोक्ताओं को भारी बील थमायें गयें है....? लोगो ने यहाँ तक कहां कि यदि विद्युत विभाग द्वारा एवरेज बिल भी दिया गया हो तो एकदम पिछली राशि से बढ़कर कई गुना बिल दिया है जो कि लोगो के लिए आर्थिक परेशानी का विषय बन गया है। इस सम्बंध में विधुत विभाग के सूत्रों के अनुसार शासन के निर्देशानुसार लॉक डाउन में पिछले माह की खपत के आधार पर विद्युत बिल के मैसेज दिए गए हैं, बताया तो यह भी जा रहा है कि गत वर्ष इसी अवधि के बिजली बिलों की राशि ही इस बार भेज दी गई है। विभाग आक्रोश को देखते हुए कह रहा है कि यदि किसी उपभोक्ता को इस संबंध में कोई शिकायत है तो वह कार्यालय में सुधार हेतु संपर्क कर सकते हैं।

-वो क्या खायेगी...? ओर क्या बचायेगी ...?ओर क्या भरेगी....?
थांदला क्षेत्र की एक महिला जो कि अपना एवं अपने परिवार का गुजारा लोगो के घरो मे बर्तन मांझकर करती है। जिसके घर मे सिर्फ 2 एलईडी बल्क लगे हुये है। उसे भी भारी बिजली का बिल को थमा दिया गया। उक्त महिला द्वारा बताया गया कि अप्रैल माह में उसका बिजली बिल का बिल सिर्फ 118 रूपये आया था। वही मई का बिजली का बिल1142 रूपये आया है। महिला द्वारा बताया गया कि वह घरो में लोगो के बर्तन धोकर अपना ओर अपने परिवार का भरण पोषण करती है। इतना बिजली का बिल आखिर वो कैसे भरेगी.....? जिस पर से वो क्या खायेगी...? ओर क्या बचायेगी ...?ओर क्या भरेगी....? 
-तानाशाही लोगो पर कहर बरसा रही
विद्युत विभाग के कर्मचारियो का कहना है कि यह ऐवरेज बिल है। लेकिन यदि इस बात को सही माने तो क्या ऐवरेज बिल क्या पिछले माह की तुलना में दस गुना के करीब तो नही हो सकता....? ऐसे मे उस महिला को सामने बडी परेशानी खडी हो चुकी है। आखिर घरो में बर्तन मांझने वाली की सैलरी ही कितनी होती है जिसमें उसे अपना ओर अपने परिवार का पेट पालना है। वही विभाग के द्वारा इस तरह की तानाशाही लोगो पर कहर बरसा रही है।
-कांग्रेस पार्टी ने की मांग
जिला कांग्रेस ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार से मांग की है कि झाबुआ जिले में बिजली विभाग द्वारा दिये जा रहे आनलाईन भारी भरकम बिजली बिलो की वसूली को शीघ्र रोका जाए एवं लॉक डाउन के समय के बिजली के बिलो को माफ  किये जायें। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि विपक्ष में रहते हुवे शिवराज सिंह चौहान को उनके द्वारा एक टीवी में दिए गए अपने बयान को याद दिलाया जिसमे उन्होंने कहा था कि कोई भी परिवार बिजली का बिल जमा ना करे, अगर बिजली काटी जाती है तो मैेंं स्वयं आकर उसको जोडूंगा। उन्होंने बिजली के बिलो की होली भी जलाई थी। अब शिवराजसिंह अपने द्वारा दिये गए बयान पर कायम रहते हुवे लॉक डाउन के समय के तीन माह के बिजली के बिल को माफ  करना चाहिए। अगर शिवराज सरकार लोगों के बिल माफ  नहीं करती है,तो जनता भी उन्हें कभी माफ  नहीं करेगी।


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