दसई~~धूलेंटी के अवसर पर गल बापजी मेले का हुआ आयोजन में मन्ते पुरी होने पर धद्कते हुए अंगारो पर चली महिलाएँ एवं गल पर घुमे पुरूष~~

जगदीश चौधरी खिलेडी 6261395702~~
  
धुलेंटी के अवसर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी गल-चुल मेले का आयोजन किया गया! इस अवसर पर प्रतिवर्ष लोग अपनी मान मन्ते लेकर पूरी होने पर अगले वर्ष अपनी मन्तो के अनुसार मन्तो को पूरी करते है! इस वर्ष भी पिछले वर्षों में ली मन्तो के पूर्ण होने पर महिलाएँ धद्कते हुए अंगारो से नग्गे पैरों से गुजरी और मन्ते उतारी, जिसे चूल पर चलने कि मन्त कहा जाता है! वही पुरूषो कि मन्ते पूरी होने पर पुरूष वर्ग गल पर चड़कर गल घूमे! इस पूरे आयोजन को देखने के लिये आसपास के कस्बों से भी श्रध्दालूओ का हुजूम बड़ी तादात मे पहुँचा! इसी के साथ यहाँ युवक युवतीयो ने मेले मे लगी चूड़ी, मनयारी, पान, घरेलू सामग्री, बच्चों के खेल-खिलोने आदि विभिन्न दुकानों से सामग्रियों कि खरीदी कर मेले के रंग का आनंद लिया! वहीं  भगोरिया पर्व के आज अंतिम दिवस पर आदिवासी समाज के कई ग्रूप अपने-अपने  ढोल के साथ मेले मे हिस्सा लेने पहुँचे! माँदल-थाल कि थाप पर कई महिला-पुरुष, बच्चे और बुढ़े भी आदिवासी लोकनृत्य का प्रदर्शन करते दिखाई दिये जो मेले में पहुँचे लोगों को आकर्षित करते रहे।


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