बड़वानी~दिव्यांग शिविर में दिया आवेदन, लोक अदालत में मिल गई बैसाखी~~

बड़वानी /अगर पैरों से दिव्यांग व्यक्ति को चलने-फिरने के लिए बैसाखी मिल जाये तो उसकी खुशी की कल्पना करना मुश्किल है, क्योकि इसके सहारे ही वह अब अपने दैनिक कार्यो को आसानी से कर पायेगा। वही छोटे-छोटे कामों के लिए परिवार पर रहने वाली निर्भरता भी अब समाप्त हो जायेगी। 
हम बात कर रहे है अंजड़ निवासी श्री मुख्तियार मंसूरी की जिन्होने पिछले दिनों अंजड़ में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा लगाये गये दिव्यांग शिविर में बैशाखी हेतु आवेदन दिया था। श्री मंसूरी के आवेदन के आधार पर उन्हे आज लोक अदालत में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित जिला दिव्यांग पुर्नवास केन्द्र बड़वानी द्वारा एल्युमिनियम की एडजेस्टेबल बैसाखी दी गई है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री रामेश्वर कोठे, कलेक्टर श्री अमित तोमर एवं पुलिस अधीक्षक श्री डीआर तेनीवार से बैसाखी प्राप्त करते हुए श्री मंसूरी बताते है कि सन् 1981 में वाहन दुर्घटना में उनका सीधा पैर काटना पड़ा था। तब उनके एक लोहार मित्र ने उन्हे लोहे की बैसाखी बनाकर दी थी। जिसके सहारे वे अभी तक चलते-फिरते थे। किन्तु भारी होने के कारण शरीर के साथ-साथ इन्हे संभालना उतना सहज नही था। ऐसे में अब उन्हे शासन के द्वारा एल्युमिनियम की बैसाखी मिली है, जो लोेहे की बैसाखी के मुकाबले वजन में हल्की व एडजस्टेबल है।  वे अपने साथ घटित हुई घटना को भूला तो नही सकते परन्तु इस बैसाखी के सहारे अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते है।


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