बड़वानी~देश-विदेष में हैं ज्योतिष में कॅरियर की उजली संभावनाएं~~

भाग्यवादी नहीं बनाता ज्योतिष, सही दिषा में कर्म की देता है प्रेरणा~~

बड़वानी /ज्योतिष एक विज्ञान है। गहन अध्ययन, चिंतन-मनन से ज्योतिषीय ज्ञान अर्जित करके धन और सम्मान दोनों ही प्राप्त किये जा सकते हैं। भारत में ही नहीं, अपितु पूरी दुनिया में ज्योतिष के क्षेत्र में कॅरियर की उजली संभावनाएं हैं। सफल ज्योतिषी की आय की कोई सीमा नहीं है। आपको ज्योतिष के गणित और फलित दोनों ही पक्षों पर अच्छी समझ होनी चाहिए। भारत में यूजीसी से मान्यता प्राप्त अनेक विष्वविद्यालयों में ज्योतिष विषय में षिक्षा दी जा रही है, जो इस बात का प्रमााण है कि यह अध्ययन का एक गंभीर और वैज्ञानिक विषय है। ये बातें शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्षन प्रकोष्ठ द्वारा उद्यमिता विकास के अंतर्गत आयोजित ‘ज्योतिष के क्षेत्र में अध्ययन और रोजगार’ विषयक कार्यषाला में विक्रम विष्वविद्यालय, उज्जैन से ज्योतिष शास्त्र में स्नातकोत्तर षिक्षा प्राप्त नगर की युवा ज्योतिषाचार्या सुश्री आमृषा परिहार ने दो सौ से अधिक विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहीं। यह आयोजन प्राचार्य डाॅ. आर. एन. शुक्ल के मार्गदर्षन में संपन्न हुआ। इस अवसर पर श्री अजय परिहार और श्रीमती परिधि परिहार भी उपस्थित थे। कार्यषाला का संयोेजन प्रीति गुलवानिया, राहुल मालवीया और कोमल सोनगड़े ने किया।
पीपीटी से बताये सभी पहलू
सुश्री परिहार ने पावर पाइंट प्रजेंटेषन के जरिये 80 स्लाइड्स के माध्यम से ज्योतिष के इतिहास और उसके अब तक के विकास पर विस्तार से प्रकाष डाला। उन्होंने ग्रहों की प्रकृति और उनके प्रभाव, राषियों के स्वभाव और उनके प्रभाव, हस्तरेखा विज्ञान, सामुद्रिक शास्त्र, कुंडली विष्लेषण, अंक ज्योतिष, लाल किताब आदि सभी का परिचय प्रस्तुत करते हुए विद्यार्थियों की ज्योतिष में रुचि उत्पन्न की। उन्होंने कहा कि ज्योतिष शास्त्र किसी को भी भाग्यवादी नहीं बनाता है, अपितु यह सही दिषा में कार्य करने के लिए मार्गदर्षन और प्रेरणा देता है। यह अकर्मण्यता को बढ़ाने वाला कोई पाखंड नहीं है, अपितु अवलोकन और अनुभव से सिद्ध सिद्धांतों पर आधारित है।
कॅरियर काउंसलर तथा भारतीय ज्योतिष विषय के साथ संस्कृत में एम. ए. डाॅ. मधुसूदन चैबे ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र को लेकर नई पीढ़ी में अनेक जिज्ञासाएं हैं। उनके समाधान के प्रयास के साथ  ही युवाओं को इस क्षेत्र का परिचय देने के उद्देष्य से यह आयोजन किया गया। राहुल मालवीया ने कहा कि एक उद्यमी के गुणों में अनुसंधान, सम्प्रेषण कौषल, नेतृत्व क्षमता, नवाचार की प्रवृत्ति, जोखिम उठाने की क्षमता आदि होनी चाहिए। इन सैद्धांतिक तत्वों को उद्यमिता विकास के विद्यार्थियों ने सुश्री आमृषा परिहार के व्यक्तित्व में प्रत्यक्षतः देखा और समझा।
देंगी निःषुल्क परामर्ष
प्रीति गुलवानिया ने बताया कि आमृषा जी महाविद्यालय के कुछ विद्यार्थियों को कॅरियर सेल में उनके कॅरियर, अध्ययन और प्रवृत्तियों के संबंध में निःषुल्क परामर्ष भी देंगी। आभार संजय सोलंकी ने व्यक्त किया। सहयोग जितेंद्र चैहान, राहुल वर्मा, अजय पाटीदार, आवेष खान, नंदिनी अत्रे ने किया।


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