पाटी~73 वर्ष महिला 2 दिन से बैंक के चक्कर काट रही, आज तीसरे दिन फिर खाली हाथ घर लौटना पड़ा~~

कमल खरते पाटी:~~

पाटी:-  ग्राम लिंबी की निवासी काली बाई पति शेर सिंह पिछले 2 दिन से अपने खाते की राशि निकालने बैंक के चक्कर काट रही है। कालीबाई बुजुर्ग महिला है जिसकी उम्र 73 वर्ष है । उसके पुत्र रमेश ने बताया कि मेरी माता जी के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना की आवास आई है, जिसकी क़िस्त माता जी के खाते में 80 हजार राशि डली है, माताजी चल भी नहीं सकती और उसे दिखाई भी कम देता है। जिसके कारण बैंक तक आने में परेशानी आती है , बैंक में रुपए निकालने के लिए किराया का वाहन लेकर 2 दिन से पाटी बैंक आ रहे हैं। लेकिन बैंक के कर्मचारी उन्हें नहीं दे रहे हैं , रमेश ने बताया कि जब हम सोमवार को माताजी को लेकर पाटी बैंक आए तो बैंक के कर्मचारी ने कहा कि बैंक में केश खत्म हो गया है , कल लेकर आना उसके पुत्र रमेश, कांशीराम ओर कितरा ने मिलकर फिर मंगलवार को किराए का वाहन लेकर पाटी बैंक पहुंचे। लेकिन बैंक के कर्मचारियों ने उन्हें आज हड़ताल है कहने लगे पैसे देने से फिर मना किया। रमेश का कहना है कि जब बैंक की हड़ताल आज थी तो हमें क्यों बुलाया बताना था कि आज बैंक की हड़ताल है तो हम लिंबी से पाटी तक किराए के वाहन करके माताजी को लेकर नहीं आते। आज हमें फिर खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। कब तक हमे इस तरीके दौड़ना होगा, आज बुधवार फिर किराए के वाहन से बुजुर्ग महिला को लेकर तीनों पुत्र पाटी बैंक पहुंचे । जहां पर बैंक कर्मचारी ने केस देने से मना कर दिया। और कहा कि जनपद सीईओ से लेटर लिखा कर लाओ, तब में पैसे विड्रॉल करूंगा। नाराज रमेश ने कहा कि हमें 3 दिन से बैंक के कर्मचारी दौड़ा रहे हैं। प्रतिदिन कोई ना कोई कारण बताकर वापस घर भेज देते हैं। जब बुजुर्ग महिला स्वयं राशि का आहरण करने आई है तो सीईओ के लेटर की आवश्यकता क्यों है। रमेश ने कहा कि बैंक कर्मचारी जवाब भी नहीं देते हैं कारण पूछने पर सही जवाब नहीं देते हैं। आज समाजसेवी पांडु सोलंकी भी इसकी जानकारी लेने बैंक पहुंचे।बैंक कर्मचारियों से चर्चा की तो बैंक कर्मचारी ने बताया कि जनपद सीईओ से लेटर लिखवा कर लावे, पांडु का कहना है  बुजुर्ग महिला स्वयं राशि निकालने आयी है तो लेटर की आवश्यकता नहीं होना चाहिए, जनजातीय लोगो को निरक्षर होने के कारण परेशान किया जा रहा है , इसे गंभीरता से लेकर बुजुर्ग महिला को राशि देना चाहिए,

उधर बैंक कर्मचारी का कहना है कि बुजुर्ग महिला का कोई नामिनी नहीं था । वह बुजुर्ग महिला होश में भी नहीं थी। इसलिए उन्हें जनपद पंचायत का लेटर लाने को बोला और महिला को यह भी नहीं पता है कि वह बैंक आई है। ऐसी स्थिति में केस नहीं दे सकते हैं । महिला का पुत्र होने का सबूत होना अनिवार्य है तभी राशि दी जाएगी।

प्रेम कुमार:-  सहायक शाखा प्रबंधक पाटी


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