सिंगाजी ताप परियोजना मे यूनिट दो बंद होने पर बायलर सफाई से निकला एसिड केमिकल सिंधखाल नदी में मिला~~
केमिकल के प्रभाव से पत्थर हुए पीले बदबू से सांस लेना मुश्किल मछलिया तडपकर मरी जीव जंतु हुए गंभीर बीमार~~
ग्रामीणों में भारी आक्रोश कार्रवाई की मांग~~
कलेक्टर के निर्देश पर एसडीम की टीम पहुंची मौके पर जांच शुरू ~~
बार बार ऐसी धटना पर जवाबदारो पर हो सकती है कड़ी कार्रवाई~~
पूर्व में भी जिला प्रशासन नोटिस जिम्मेदार नोटिस देकर सुधार की हिदायत ~~
.परियोजना जिम्मेदारों की घोर लापरवाही के चलते बार बार नदी में केमिकल मिला ~~
खंडवा रवि सलुजा ~~
खंडवा! सिंगाजी ताप परियोजना दोगालिया में यूनिट दो बंद होने ओर उसके बायलर की सफाई के दौरान जिम्मेदारो के ध्यान नहीं देने के कारण बायलर सफाई से निकला एसिड केमिकल साईलो के पास के नाले के रास्ते नदी में पहुचा ,जिसके कारण धीरे धीरे रात गुजरने के साथ पानी में केमिकल पूरी तरह से मिल चुका था ! ओर उस पानी से केमिकल की बंदबू निकलने से सिंधखाल ओर दोगांलिया के गाववासियो ने जब सुबह जब नदी पर पहुचे! तो पानी का केमिकल मिलकर पीला कलर ओर दुर्गंध से होश उड गए गाव वालो ने बताया कि रात में पानी में केमिकल मिलने से जानवरो ने पानी नही पिया अगर पी लेते तो वह बीमार हो जाते इतना खराब हो गया है ,पानी की मछलिया भी पूरी उपर आ रही है ,वह तक सांस नही ले पा रही है ,अगर यह हमको नही दिखता ओर जानवर पानी पी लेते तो बचाना मुश्किल हो जाता है !यह केमिकल का पानी साईलो के पास के बने नाले में से आया है पहले भी कई बार नदी में आईल मिल चुका है !परंतु यह एसिड तो उससे खतरनाक है धीरे धीरे आगे जाकर यह नदी बैक वाटर जलाशय मे मिलेगी अगर यह पानी उसमे मिल गया तो समुद्री जीवो को भी खतरा हो जाएगा ! पानी में केमिकल मिलने की धटना जेसे ही परियोजना के अधीकारियो तक पहुची तो परियोजना विभाग के अधिकारी नदी पर पहुचे !वही बताते है कि परियोजना अधिकारी पूरे मामले की जांच कराने की बात कहकर के मामले को रफा-दफा करने में लगे! जिसे मारा जा सकता है कि वह पूरे घटनाक्रम को ज्यादा गंभीर नहीं मानते हैं ,वह हल्के में ले रहे हैं , बार बार ऐसी धटना धटित होना बडी चुक होकर मानो.अधिकारी जैसे किसी बड़ी घटना गांव में होने की राह देख रहे हो!
केमिकल के प्रभाव से पत्थर हुए पीले जीव जंतु मरे व बीमारी की चपेट मे
किसानो ने बताया कि इस पानी से बदबू से सांस लेना मुश्किल हो रहा है जानवरो जीव जंतु पर बुरा असर पडेगा जब तक यहा का पानी साफ नही हो जाता यही रुकना पडेगा नही तो कोई भी जानवर नदी में उतरकर पानी पी लेगा तो उसको कहा से ठीक करेंगे साईलो के पास से लेकर यहा तक यह केमिकल वाला पानी जहा तक पहुचा है वहा के पत्थर पीले हो रहे हैं जब पत्थरो का यह हाल है तो पानी के अंदर रहने वाले मासुम जीव जंतुओ का वया होगा कई जगह तो किसान सुविधा अनुसार पानी लेकर खेती भी करते हैं फसलो को भी नुकसान होगा सभी किसान मिलकर कलेक्टर प्रदूषण विभाग पुलिस शिकायत करेगे ! पूर्व मे भी नदी में दूध जैसा सफेद पानी में राख मिलने पर कलेक्टर दे चुके हैं नोटीस पर व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है ,जो कि से गंभीर लापरवाही माना जा सकता है !
वही जानकारी से ताप परियोजना के फेस दो के राखड बाध को जाने वाली पाईप लाईन में लिकेज के चलते कुछ दिनों पूर्व नदी में राख मिलने से पानी दूध जेसा सफेद होने की खबर पर परियोजना के दो अधीकारियो को कलेवटर नोटीस देकर जवाब माग चुके है ,लेकिन अब तो नदी में केमिकल मिलना आसपास के रहवासी जीव जंतुओं की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है ,इसके गंभीर परिणाम सकते हैं!
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