झाबुआ~ इतिहास में शायद पहली बार देखा जा रहा,एसडीएम और टीआई के बीच ऐसा हाई-प्रोफाइल विवाद~~

एसडीएम मीना के समर्थन में आई कलेक्टर मीना~~

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन~~


जिले की पेटलावद तहसील में प्रशासनिक और पुलिस विभाग के बीच जिले के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा एक हाई.प्रोफाइल विवाद पहली बार ही देखा जा रहा है। दरअसल यह विवाद 2022 बैच की आईएएस अधिकारी-एसडीएम तनुश्री मीना तथा पेटलावद थाने के टीआई प्रदीप वाल्टर के बीच देखा जा रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार मामूली घटना से यह विवाद शुरू हुआ था। जो अब गंभीर रूप ले चुका है,जिसके चलते कलेक्टर नेहा मीना ने इसमे हस्तक्षेप किया और एसडीएम का समर्थन करते हुए,उन्होंने टीआई वाल्टर के खिलाफ वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र जारी कर उनके आचरण की लिखित में शिकायत की और उचित कार्रवाई की मांग की है। इस विवाद के चलते दोनों प्रशासनिक और पुलिस विभाग के बीच अब आगे तालमेल में दरार आने की पूरी-पूरी संभावना साफ नजर आ रही है।

एसडीएम ने टीआई को कार्यालय से बाहर जाने के लिए कह दिया.................



प्राप्त जानकारी अनुसार बैठक के बाद एसडीएम तनुश्री मीना ने कलेक्टर नेहा मीना को पेटलावद टीआई वाल्टर के खिलाफ एक शिकायती पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि टीआई ने उनके प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया और आक्रामक व्यवहार भी दिखाया। एसडीएम के अनुसार जब टीआई से कुछ सवाल पूछे गए तो उन्होंने न केवल अनुचित तरीके से जवाब दिया बल्कि निंदनीय व्यवहार भी किया। इसके बाद एसडीएम ने उन्हें कार्यालय से बाहर जाने के लिए कह दिया था।

जनसुनवाई में अनुपस्थिति रहने पर नोटिस जारी.............



अब उपरोक्त विवाद यहीं तक ही नहीं थमा है। इसके बाद एसडीएम ने टीआई को जनसुनवाई में अनुपस्थित रहने पर उनको एक नोटिस भी जारी कर दिया। नोटिस में उन्होंने हर मंगलवार को जनसुनवाई आयोजित की जाती है, जिसमे टीआई अनुपस्थित रहते है,जिसके चलते जनसमस्याओं के निराकरण में दिक्कतें आ रही थीं। एसडीएम ने नोटिस में यह भी कहा कि टीआई इस संबंध में स्पष्टीकरण दें,अन्यथा वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी जाएगी।

क्या ईगो क्लैश तो नही विवाद का कारण....



तनुश्री मीना 2022 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और हाल ही में सितंबर 2024 में झाबुआ में एसडीएम के पद पर नियुक्त हुई हैं। इससे पहले वे छिंदवाड़ा में सहायक कलेक्टर के रूप में कार्यरत थीं। वहीं, टीआई प्रदीप वाल्टर 2000 बैच के सब-इंस्पेक्टर हैं और प्रमोशन के बाद अब टीआई के पद पर कार्यरत हैं। दोनों अधिकारियों की कार्यशैली अच्छी भी मानी जाती है,लेकिन क्या ईगो क्लैश के चलते यह विवाद काफी तूल तो नही पकड़ चुका है....?
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