बड़वानी~मां भारती के माथे की बिंदी, वो हमारी भाषा है हिन्दी~~
बड़वानी / राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा शासकीय महाविद्यालय पाटी में हिंदी जन-जन और हर मन की भाषा विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ मंशाराम बघेल ने हिंदी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हिंदी वृहद रूप से जनमानस और हर मन की भाषा है । हिंदी दिवस मनाये जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हम अपने विचारों और भावों की अभिव्यक्ति अपनी मातृभाषा में बहुत ही सरलता से और संपूर्ण रूप से कर सकते हैं । इतिहास के प्राध्यापक डॉ.अनिल पाटीदार ने कहा कि वर्तमान में हिंदी हमारी एक राजभाषा या कार्यालयीन भाषा के रूप में उपयोग की जाती है किंतु हमें इसे एक राष्ट्रभाषा के रूप में विकसित करने हेतु संकल्पवान होना है । आज हिंदी न केवल भारत में बल्कि विश्व के अनेक देशों में बोली, समझी एवं पढ़ाई जाती है ।
राजनीति के प्राध्यापक डॉ नारायण पाटीदार ने विद्यार्थियों से हिंदी के दिन प्रतिदिन के उपयोग एवं लिखने पढ़ने संबंधी कमियों की ओर रेखांकित करते हुए कहा कि हमें शुद्ध रूप से हिंदी को बोलना, पढ़ना और लिखना सीखना चाहिए जिससे हमारी भाषा अभिव्यक्ति सुदृढ़ हो सके । प्रो.राजू ओसारी ने हिंदी को संविधान सभा द्वारा राजभाषा का दर्जा दिए जाने संबंधी जानकारी प्रदान की एवं हिंदी के वैश्विक महत्व को बताया । इस अवसर पर महाविद्यालय में बीए तृतीय वर्ष के छात्र खेलतीराम ने कहा कि हिंदी हमारी माँ के समान है, हमारा अभिमान है ।
बी ए प्रथम वर्ष की छात्रा सुरंगली ने कविता सुनाते हुए कहा कि मां भारती के माथे की बिंदी, वो हमारी भाषा है हिन्दी। जिसकी मधुर ध्वनियों ने ढेरो सभ्यताओं को पाला है। साथ ही प्रियंका, सपना ने भी अपने विचार व्यक्त किये । अन्य छात्र छात्राओं में टीना, सुरेश, लखन, सोनिया, रूया, प्रियंका, मुकेश, रूपेश, दीवान, अंतिलाल उपस्थित थे। कार्यशाला का संचालन प्रो.दिनेश ब्राम्हणे ने किया एवं आभार ग्रंथपाल भारत सिंह चौहान ने व्यक्त किया स महाविद्यालय के कर्मचारी जगदीश जमरे, कनसिंह, सखाराम, शिवजी, विक्रम ने विशेष सहयोग प्रदान किया ।
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