झाबुआ~जिले भर में बढ़ रहा अवैध सट्टा व शराब परिवहन का कारोबार -पुलिस की निगरानी हुई सुस्त.....

जिम्मेदार आखिर क्यों बने हुये है मौन ~~

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन~~




पुलिस विभाग का यह प्रथम दायित्व होता है आमजन के जान माल की की रक्षा करें ,सुरक्षा करें । झाबुआ जिले में पुलिस विभाग की लचीली कार्यप्रणाली के कारण जिले में अवैध रूप से सट्टा संचालन , शराब विक्रय ,मांस मटन विक्रय तथा अनैतिक गतिविधियां भी अपने पैर पसार रही है। पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली के कारण आज जिले में जहां अपराधियों में पुलिस का भय होना चाहिए,वहीं आमजन में पुलिस का भय बढ़ता जा रहा है।

जिले में अवैध सट्टे का कारोबार ....



 झाबुआ जिले में अवैध सट्टे का कारोबार धीरे-धीरे फलता फूलता जा रहा हैै। झाबुआ जिले के शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब तो सट्टे का कारोबार अपना पैर पसारते हुए नजर आ रहा है । झाबुआ शहर में ही अनेक स्थानों पर सट्टे के कारोबारी आसानी से नजर आते हैं । कई क्षेत्रों में यह सट्टा विगत कई वर्षों से लगातार जारी है। कई समाचार पत्रों में एवं न्यूज़ पोर्टल पर सट्टे के कारोबार को लेकर लगातार खबरों का प्रकाशन किया गया। इन खबरों में सट्टे के कारोबारियों का नाम ,मोबाइल नंबर तक दर्शाया गया था तथा किन किन गु्पों के माध्यम से यह व्यापार संचालित होता है यह भी खुले रूप से खबरों के माध्यम से प्रकाशित किया गया था। लेकिन पुलिस विभाग को संभवत: इन सट्टा कारोबारियों का कारोबार ही नजर नहीं आ रहा है । शहर के अलावा जिले के विभिन्न क्षेत्रों व रहवासी क्षेत्रों में यह सट्टे के कारोबारी आसानी से सट्टा मोबाइल के द्वारा संचालित करते हुए देखे जा सकते हैं तथा कौन-कौन इन सटे के कारोबार मे शामिल है ,वह भी जानकारी आमजन को तो है पर पुलिस को है या नही ....यह समझ से परे है ..?

पुलिस कार्रवाई के अभाव में सट्टे के कारोबारी दिन दुगनी रात चौगुनी विकास कर रहे .............

पुलिस कार्रवाई के अभाव में सट्टे के कारोबारी दिन दुगनी रात चौगुनी विकास कर रहे हैं । इनमें से कुछ सट्टे कारोबारी तो अपने आप को समाजसेवी के रूप में दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं । जहां तक जानकारी का सवाल है शहर के करीब-करीब आमजन से लेकर वार्डवासियों तक को इन सटोरियों की जानकारी है तो पुलिस को क्यों नहीं ....? और यदि पुलिस को जानकारी है तो फिर यह सट्टे कारोबारी खुलेआम शहर में सट्टा लेते हुए क्यों नजर आ रहे हैं....?

फल फूल रहा,अवैध शराब का कारोबार ...



झाबुआ शहर के साथ-साथ जिले में भी अवैध रूप से शराब का कारोबार एफएमसीजी कंपनियों की तरह फैलता जा रहा है यह माना जा सकता है कि अवैध शराब पर कार्रवाई के लिए ,आबकारी विभाग का दायित्व है । लेकिन यह भी सच है कि बिना पुलिस की सहमति से यह अवैध शराब का कारोबार संभव नहीं है। झाबुआ शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब तो किराना की दुकानों पर भी दूध ,दही ,शक्कर, चाय पत्ती के अलावा आपको शराब भी ,इन दुकानों पर आसानी से उपलब्ध हो रही है। जहां तक कार्रवाई का सवाल है पुलिस विभाग को भी इसकी संपूर्ण जानकारी है व आबकारी विभाग को भी, लेकिन दोनों ही विभाग की गैर जिम्मेदार कार्यप्रणाली के कारण यह व्यापार जिले का सबसे बड़ा व्यापार के रूप में स्थापित हो रहा है । सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि युवा पीढ़ी इस अवैध शराब के चुंगल में फंस कर अपने भविष्य को बिगड़ रही है लेकिन जिम्मेदार आंखें मूंद कर बैठे हैं।

जिले भर मे कई ऐसे ढाबे संचालित हो रहे .....

नगर सहित जिले भर मे कई ऐसे ढाबे संचालित हो रहे है जहां पर आसानी से कम से कम और महंगी से महंगी शराब आसानी से मिल जाती है। इसी के साथ ही कई ऐसे रहवासी इलाके भी नगर में है जहां पर अवैध शराब कारोबारी अपना धंधा आसानी से चला रहे है। वही उनके द्वारा खुद यहा तक कहा जाता है कि हमें किसी का डर नहीं है। वही शराब ठेके से कंपनी के गाडियो में खुद शराब को भरकर आसपास के क्षेत्रों मे सप्लाई किया जा रहा है। वही थांदला क्षेत्र के बठ्ठा में आज भी लॉखो की शराब का परिवहन अवैध रूप से आसानी से किया जा रहा है। लेकिन पुलिस के द्वारा छोटे छोटे केस बनाकर इन पर इतिश्री कर ली जाती है। आखिर इस अवैध परिवहन का सिलसिला कब तक रूकेगा इसे बताना मुश्किल है।

जिले में नशीली दवाइयों का विक्रय जारी.....



जिले में नशीले पदार्थों का सेवन भी बढ़ता जा रहा है युवा पीढ़ी इन नशीली दवाइयों का सेवन लगातार कर रही है और लगातार अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ भी कर रही है पूर्व में भी कई युवाओं ने, इन नशीली दवाइयों का सेवन कर अपने जीवन को समाप्त कर लिया था । यहां पर प्रश्न यह है कि यह नशीले पदार्थ जिले में कहां से आ रहे हैं और और कौन इन युवा पीढ़ी को उपलब्ध करा रहा है क्या पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है क्या ??? पुलिस जान कर भी अंजान बन रही है यह प्रश्न आज भी आमजनों के मन में खटक रहा है..? शासन प्रशासन के साथ-साथ पुलिस विभाग को भी जिले में हो रहे अवैध कारोबारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए तथा अपराधियों पर भी नकेल कसना चाहिए ,जिससे जनता में पुलिस को लेकर विश्वास उत्पन्न हो ना की भय.................


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