झाबुआ~गुरु व शुक्र के अस्त होने से अक्षय तृतीया पर भी शादियों पर ब्रेक~~

ऐसा संयोग 23 साल पूर्व वर्ष 2000 में बना था~~

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन~~




इस साल अक्षय तृतीया पर शहनाई नहीं बजेगी। इसके अलावा अन्य प्रकार के मांगलिक कार्य भी नहीं होंगे। दरअसल शुक्र के अस्त होने से यह स्थिति बन रही है। इससे पूर्व वर्ष 2000 में अक्षय तृतीया पर ऐसा ही संयोग बना था। विवाह के मुहूर्त 9 जुलाई से शुरू होंगे जो 15 जुलाई तक रहेंगे। इस बीच कुल छह लग्न मुहूर्त हैं। उसके बाद अगस्त से अक्टूबर तक विवाह का कोई मुहूर्त नहीं है।

विवाह के कारक हैं गुरु और शुक्र.-ग्रह......................

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह के लिए कुंडली मिलान और गुण दोष का मिलान किया जाता है। इसके अलावा गुरु ग्रह और शुक्र ग्रह को विवाह का कारक ग्रह माना गया है। अगर आकाश मंडल में गुरु और शुक्र ग्रह का उदय है तो ही विवाह के शुभ मुहूर्त होते हैं। अगर ये दोनों ग्रह अस्त हों तो विवाह के लिए मुहूर्त नहीं होता है। दोनों ग्रह के अस्त होने से मई-जून में विवाह की शहनाइयां नहीं बज पाएंगी।


जुलाई माह में विवाह मुहूर्त...............

जुलाई माह में 9,11,12,13,14,15 तारीख को विवाह मुहूर्त हैं। इसके बाद अगस्त से अक्टूबर तक कोई विवाह मुहूर्त नहीं हैं। तृतीया पर मुंडन, उपनयन संस्कार, नामकरण, अक्षर ज्ञान जैसे कोई भी कार्य नहीं हो सकेंगे। अब 3 जून को गुरु ग्रह का उदय होगा। जबकि वैभव के कारक ग्रह शुक्र 28 जून को उदय होंगे। लेकिन उसके बाद भी 10 दिनों तक मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं हैं। नवंबर में 12,13,16,17,18, 22, 23, 25, 26, 28,29 विवाह के लिए शुभ हैं। जबकि दिसंबर माह में विवाह,गृह प्रवेश के लिए 4,5, 9,10,14,15 तारीख शुभ है।



अक्षय तृतीया के दिन शहनाई नहीं बजेगी..................

ज्योतिषाचार्य जेमिनी शुक्ल के मुताबिक वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का महापर्व मनाया जाता है। शास्त्रों में इस तिथि को ईश्वरीय तिथि मानते हैं। इस दिन को किसी भी शुभ कार्य के लिए बेहद खास माना जाता है। इस दिन बिना मुहूर्त के शादी,मुंडन,अन्नप्रासन सहित सभी मांगलिक कार्य किए जाते हैं। लेकिन इस बार ग्रहों के चाल के कारण अक्षय तृतीया के दिन शहनाई नहीं बजेगी। इस बार अक्षय तृतीया पर शुक्र और ज्ञान के ग्रह गुरु के अस्त होने के कारण शादी विवाह और मांगलिक कार्य नहीं होंगे।

ऐसा संयोग 23 साल पूर्व वर्ष 2000 में बना था.....................

ज्योतिषाचार्य पंडित जेमिनी शुक्ल के अनुसार ऐसा संयोग 23 साल पूर्व वर्ष 2000 में बना था। जब विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं थे। इस साल विक्रम संवत 2081 में वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि से ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक गुरु ग्रह का तारा अस्त रहेगा।अस्त हुए गुरु और शुक्र ग्रह छह मई की रात 11.2 बजे पर गुरु अस्त हो गए हैं। यह दोनों गृह सुख,समृद्धि, वैभव तथा वैवाहिक जीवन के कारक ग्रह हैं। इनके अस्त होने की वजह से इस बार अक्षय तृतीया पर शहनाई नहीं बज पाएगी।

 
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