सरदारपुर~पुलिस ने किया सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. बीएल चौहान सहित 2 के विरुद्ध प्रकरण दर्ज~~
बाल कल्याण विभाग के संज्ञान के बाद हुआ मामला दर्ज~~
सरदारपुर (शैलेन्द्र पॅंवार)
मंदिर के ओटले पर मिली नवजात को सेवानिवृत्त प्राचार्य द्वारा बगैर विभागीय सूचना दिए रिश्तेदार को देने का प्रकरण सामने आया है। मामला बाल कल्याण तक पहुंच गया है, समिति की और से पुलिस को निर्देश दिए गए कि उक्त नवजात का पहले रेस्क्यू किया जाए व समिति के समक्ष पेश किया जाए। समिति ही अब बच्चीं की आगे की देखभाल को लेकर निर्णय लेगी। साथ ही पुलिस ने इस मामले में डॉ. बीएल पिता कालुराम चौहान निवासी धार व इंदौर निवासी राजेश पिता जगदीश धामनिया के खिलाफ बच्चों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम की धारा के तहत प्रकरण भी दर्ज किया है।
यह है मामला -
दरअसल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरदारपुर क्षैत्र में भोपावर रोड़ पर स्थित एक शिव मंदिर के ओटले पर दिनांक 26 फरवरी 2024 को सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ.बीएल चौहान को एक नवजात बच्ची मिली थी। चौहान ने नवजात मिलने की सूचना पुलिस सहित बाल कल्याण समिति को नहीं दी व बच्ची अपने इंदौर के रिश्तेदार राजेश धामनिया को सौंप दी। बताया जा रहा हैं, कि राजेश के बच्चे नहीं है। सेवानिवृत्त प्राचार्य से राजेश ने संपर्क करके नवजात को अपने साथ इंदौर लेकर चले गए। हालांकि कुछ दिनों बाद यह बात सामने आई कि बच्चीं की परवरिश ठीक तरीके से इंदौर में नहीं हो रही है। इसको लेकर सेवानिवृत्त प्राचार्य ने ही बाल कल्याण समिति को पत्र लिखकर बच्चीं के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद बाल कल्याण समिति की और से जांच शुरू की गई।
प्रावधानों का किया उल्लंघन -
डॉ. बीएल चौहान द्वारा दिनांक 29 अप्रैल को पत्र द्वारा सूचित किया गया कि मंदिर में एक अज्ञात नवजात बालिका मिली। जिसे राजेश धमानिया को सौंप दिया तथा उनके कथनानुसार इस बात की सूचना पुलिस को देने के लिए कहा था। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अर्चना दवे ने पुलिस को एक पत्र लिखा कि उक्त प्रकरण में डाँ. चौहान व राजेश की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है, प्रकरण प्रथम दृष्टिया शिशु की खरीद फरोख्त/अवैधानिक दत्तक ग्रहण का प्रतीत होकर इनके द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों की स्पष्ट उल्लंघन किया गया है। उक्त कृत्य के संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 317 व अन्य संबंधित धाराओं में शिशु के माता पिता अथवा सरंक्षण के विरूध्द व किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत परित्यक्त बालक के संबंध मे बाल कल्याण समिति अथवा पुलिस को सूचना न देकर अनाधिकृत व्यक्ति को सौंपने के लिए डाँ. बीएल चौहान व राजेश धमानिया के विरूध्द धारा 34, विहित प्रक्रियाओ का अनुसरण किये बिना दत्तक ग्रहण के लिए धारा 80 व बच्चे का विक्रय उपायन किये जाने हेतु किशोर न्याय अधिनियम की धारा 81 व अन्य संबंधित धाराओं मे कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है।
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