झाबुआ~शहर में 100 बिल्डिंग 9 मीटर से ऊंची,5 फीसदी में भी नहीं लगे फायर सिस्टम-बिना एनओसी के~~

बिना स्वीकृति तलघर का निर्माण किया जा रहा-क्या नगर पालिका कुम्भकर्णीय नींद में सोई हुई है~~

झाबुआ। संजय जैन~~




शहर की कॉलोनियों और पुराने रहवासी क्षेत्रों में 4 हजार से ज्यादा छोटे-बड़े भवन बने हुए है। इनमें करीब 400 ऐसी बिल्डिंग है तो दो या तीन मंजिला तलघर सहित बनी होकर उनकी ऊंचाई 9 मीटर से ज्यादा है। इसमें से मुश्किल से 5 फीसदी में भी आग से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्र नहीं है। नियम है कि 9 मीटर से ऊंची इमारतों,होटलों, अस्पतालो और कोचिंग संस्थानों में फायर सिस्टम और एनओसी लेना जरूरी है। किन्तु नपा को यह पता नहीं है कि कितनों के पास फायर सिस्टम है और कितनों ने एनओसी ले रखी है....?

पता नहीं कितनों के पास फायर सिस्टम है और कितनों ने एनओसी ले रखी है.......

शहर के 18 वार्ड में निजी कॉलोनियों के अलावा पुराने रहवासी क्षेत्र है। नपा की राजस्व शाखा के अनुसार कॉलोनियों व रहवासी क्षेत्रों में 4 हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी बिल्डिंग बनी हुई है। इसमें 2 मंजिला से लेकर 3 मंजिला तक के भवन व मल्टी,काम्प्लेक्स,अस्पताल और होटल आदि बने है। करीब 100 बिल्डिंग ऐसी है,जिनकी ऊंचाई 9 मीटर या इससे ज्यादा है। नपा की राजस्व व लोक निर्माण शाखा के कर्मचारी व इंजीनियर इस आंकड़े को मानते है, उनके पास रिकॉर्ड नहीं है। उन्हें यह भी पता नहीं है कि कितनी बिल्डिंग में नियमानुसार फायर सिस्टम लगे है और कितनों ने एनओसी ले रखी है....? जबकि नियम के दायरे में आने वालों को फायर सिस्टम लगवाने के साथ एनओसी लेना आवश्यक है।

क्या नगर पालिका सोई हुई है कुम्भकर्णीय नींद में ....?

शहर में प्रभावी लोग बेखौफ 12 मीटर से ऊँची बिल्डिंग वैसे ही तलघर तान चुके है और यह प्रथा सतत चल भी रही है। शहर में प्रभावी लोगों द्वारा बेखौफ बिना स्वीकृति के ही तलघर का निर्माण किया जा रहा है। क्या जिम्मेदार सड़क पर आंख मूँद कर चलते है क्या....? या यह प्रभावी लोग मिठाई देकर इनकी आंखे बंद कर देते है,जो कि शहर के लिए बेहद चिंता का विषय है। गंभीर जिम्मेदारों को इन पर तत्काल लगाम कसनी ही होगी। निर्धारित ऊंचाई और तलघर पर जिम्मेदारों का ध्यान ही नही है। नपा के अधिकारी पिछले काफी समय से सतत भवन निर्माताओं के साथ सांठगांठ कर मिठाई खाते चले आ रहे है। नपा को एक अलग योजना बनाकर,ऐसे उपरोक्त सभी लोगों पर प्रकरण दर्ज करवाना चाहिए ।

स्पष्ट निर्देश है.......


नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल 2019 से प्रदेश की अन्य निकायों सहित नपा को समय-समय पर पत्र जारी कर प्रावधान के अनुरूप फायर सेफ्टी के लिए आगाह करती रही है। इसमें पिछले महीने 6 अप्रैल 2022 को विभाग द्वारा पत्र क्रमांक शाखा-15-फायर-2022-6603 भेजा था। इसमें स्पष्ट निर्देश थे कि मप्र भूमि विकास नियम-2012 के अनुसार नेशनल बिल्डिंग कोड-एनबीसी-2016 भाग 4 के अनुसार सभी प्रकार के भवनों में निर्धारित मानदंडों के अनुसार अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था करने और सर्वे करने का उल्लेख हैं।

यह है नियम........
फायर एक्सटिंग्विशर होना ही चाहिए, लेकिन मल्टी,काम्प्लेक्स,अस्पताल और होटल बिल्डिंग या कॉलोनी का काम होने के बाद बिल्डर्स कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लेते और जो लेते हैं उन्हें इंजीनियर सिर्फ स्ट्रक्चर का कंप्लीशन दे देते हैं।

एनओसी भी जरूरी.......


मप्र भूमि विकास नियम में 40 फीट ऊंचे भवन के लिए फायर एनओसी जरूरी है। साथ ही लिफ्ट के लिए भी सख्त निर्देश है। यदि नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा बनाए नियमों की बात करें तो दो मंजिला भवन में एक फायर एक्सटिंग्विशर होना ही चाहिए।
..............सुशील वाजपेयी-अग्निशमन दल-झाबुआ

सर्वे कराएंगे.......
तलघर व फायर सेफ्टी को लेकर शासन स्तर से निर्देश है। तलघर व फायर सेफ्टी की जानकारी लेने के साथ सर्वे भी करवाएंगे। एनबीसी-2016 भाग 4 के अनुसार सभी प्रकार के भवनों में निर्धारित मानदंडों के अनुसार अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था करने और सर्वे करने का उल्लेख हैं।
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संजय पाटीदार- सीएमओ नगर पालिका,झाबुआ

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