*** ख़बर का असर ***
झाबुआ~कल की एक और कार्रवाई के बाद अब तो पक्का जिला प्रशासन दिखावे की परिपाटी की ओर अग्रसर हो चुका है ...........परिवहन विभाग द्वारा स्कूल बसों की चेकिंग की गई
टूरिस्ट परमिट के नाम पर चल रही सवारी बस-ठसाठस भरे लोगों के लिए मौत का सफर, हर वक्त मंडरा रही हादसों की आशंका .............मथियास भूरिया
झाबुआ। संजय जैन-ब्यूरो चीफ~~
नवीन शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के बाद इसी समाचार पत्र ने बुधवार 5 जुलाई को * स्कूल बसों की अंधी दौड़,ना जांच -ना पड़ताल * नामक शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित किया था। ख़बर प्रकाशन के तुरंत बाद पहली की तरह ही जिले में चल रही दिखावे की परिपाटी को बढ़ाते हुए कल गुरुवार को परिवहन विभाग द्वारा स्कूल बसों की चैकिंग की गयी। इसी दौरान आईपीएस स्कूल परिसर में जाकर सभी स्कूल बसों के दस्तावेजों के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा निर्देशों के संबंध में बसों को अंदर से जाकर निरीक्षण किया गया। कल की इस एक औऱ कार्रवाई के बाद अब तो पक्का जिला प्रशासन दिखावे की परिपाटी की ओर अग्रसर हो चुका है।
पीआरओ की खबर में कोई खास जानकारी नही दी गयी..................
गौरतलब है कि जन सम्पर्क विभाग द्वारा प्रेस नोट जारी किया गया। जिसमें आरटीओ द्वारा मात्र आईपीएस स्कूल की बसों का निरीक्षण किया गया, लेकिन क्या अनियमितता पायी गयी उसका कोई उल्लेख नही था या उन्हें लिखना था की जांच में कोई भी अनियमितता नही पायी गयी। यदि इस चाल से निरीक्षण किया जाएगा तो साल भर मे भी जिले की स्कूल बसों की जांच-पड़ताल शायद ही हो सकेगी।
टूरिस्ट परमिट के नाम पर ठसाठस भरे लोगों के लिए मौत का सफर, हर वक्त मंडरा रही हादसों की आशंका..........
फोरलेन हाईवे पर टूरिस्ट परमिट बसों में सवारियों को ठूंस ठूंस कर भरा जा रहा है। जिससे कभी भी हादसे की आशंका बनी हुई है। इस वजह से हाइवे का यह सफर लोगों के लिए मौत का सफर बनता जा रहा है। ज्यादा सवारियां बैठा कर यातायात व्यवस्था चौपट की जा रही है। जिससे हर रोज यात्रियों के जान पर संकट मड़रा रहा है। इतना ही नहीं टूरिस्ट परमिट बस संचालकों द्वारा बसों में महिलाओं और विकलांगों के लिए भी आरक्षित सीट नहीं दी जा रही है। न ही बसों में किराया सूची चस्पा की गई हैं। जिससे मनमाना किराया बस संचालक वसूल रहे हैं। खासबात यह है कि पुलिस व प्रशासन के जिम्मेदार लोग मौन साधे हुए है और इन बिगड़ते हालातों पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे स्थिति बिगड़ती जा रही है। बसों पर कार्रवाई करने से जिम्मेदार कतरा रहे है।
टूरिस्ट परमिट के नाम पर चल रही सवारी बस.................
मजेदार बात तो यह है कुछ दिन पहले मथियास भूरिया की शिकायत पर जिले से गुजरात राज्य तक चलने वाली टूरिस्ट परमिट बसों की अनियमितता पकड़ी गयी थी। मथियास भूरिया ने यह भी शिकायत की थी कि टूरिस्ट परमिट के नाम पर बसों में भेड़ बकरियों की तरह यात्रियों को ठूंस-ठूंस करभरकरसवारी बस में कैसे इस्तेमाल कर सकतें है...? इन बसों में यात्रियों के साथ-साथ लगेज को भी ठूंस-ठूंस कर भरा जा रहा है। साथ ही पूरे बस का करियर ग्रामीणों के बोरो से भरा होता है। ऐसी बसों को तुरंत जब्त कर लेना चाहिए थी। इस मूल अनियमितता की जांच करने के बजाय मात्र दो तीन दिनों तक अलग-अलग बस संचालको से जुर्माना वसूल कर,उन्हें फिर अनियमितता करने की खुले आम छूट दे दी गयी है। आज स्थिति जस की तस बनी हुई है। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि एक ही नंबर की 2 से 3 बसे भी इनके द्वारा संचालित की जाती है और इसकी जानकारी परिवहन विभाग को न हो यह हमारी समझ से परे है।
अभियान प्रतिदिन जारी रहेगा...................
यह अभियान प्रतिदिन जारी रहेगा। इसी दौरान एक-एक स्कूल में जाकर दस्तावेजों को पूरा कराना प्राथमिकता होगी,साथ ही साथ बसों का भौतिक सत्यापन कर जांचा भी जायेगा । टूरिस्ट परमिट बसों द्वारा नियमों का पालन न करने पर,मैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करूंगी। संबंधित थानों को भी कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।
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