धार~योजना के नाम पर शासन से 12 हैक्टेयर जमीन ले ली फिर प्रोजेक्ट को घाटे का बताकर किया बंद~~

अपने घर का सपना लेकर 7 हजार से अधिक लोग किराये के मकान में, नगरपालिका ने पीआईसी के एक प्रस्ताव से स्वीकृत प्रोजेक्ट को करवा दिया निरस्त~~

फोरलेन पर 600 स्क्वेयर फीट का रो हाऊस 18 लाख में महंगा बताया, पीछे की कॉलोनी में प्लाट का रेट 2 से 3 हजार स्क्वेयर फीट~~

मामला पीएम आवास शहरी योजना प्रोजेक्ट का, 2 हजार के लगभग मकान बनना थे, ईडब्ल्यूएस फ्लैट कल्चर में थे एलआईजी-एमआईजी रो हाऊस में ~~

धार~( डॉ. अशोक शास्त्री )




धार। जिला मुख्यालय पर स्थानीय प्रशासन के गलत आंकलन से प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आकार लेने के पहले ही बंद हो गया है। प्रोजेक्ट बंद होने से किराये के मकान में रह रहे 7 हजार के लगभग परिवारों का खुद का घर होने का सपना भी टूट गया है। इस प्रोजेक्ट को आकार देने के लिए सरकार से करीब 12 हैक्टेयर जमीन आवंटन करवाई गई थी। जमीन ले ली और प्रोजेक्ट को घाटे का बताकर नगरपालिका ने पीआईसी के एक प्रस्ताव के माध्यम से बंद करवा दिया। केन्द्र सरकार ने 2022 तक प्रत्येक व्यक्ति की खुद की छत होने का नारा दिया था। 2019 में बंद करवाए गए इस प्रोजेक्ट के पूरे होने पर धार में यह नारा साकार होने की थी, किंतु सब लापरवाही और राजनैतिक दांव-पेंच की भेंट चढ़ गया। 7 हजार परिवारों के लिए खुद के घर का सपना बीते 5 सालों में और महंगा हो गया है।
यह था पूरा प्रोजेक्ट
फोरलेन से सटे ग्राम अथर में प्रधानमंत्री शहरी आवास योेजना का एक बड़ा प्रोजेक्ट बनाया गया था। इसमें इमारतों का निर्माण करके 1300 के लगभग फ्लैट ईडब्ल्यूएस में बनाए जाना थे। वहीं 700 के लगभग एलआईजी-एमआईजी रो-हाऊस बनना थे। इसमें राज्य और केन्द्र से सब्सिडी भी मिलने वाली थी। रो-हाऊस के मकानों को विक्रय के लिए हितग्राही को बैंक लोन मदद भी की जाना थी। प्रोजेक्ट की पहले समीक्षा की गई। उसके पश्चात उसे आकार देने के लिए शासन से भूमि आवंटित की गई। टेंडर हुए और जमीन पर काम शुरु किया गया। इस दौरान अचानक प्रोजेक्ट को निरस्त कर दिया गया।
मकान की कीमत में आज प्लांट के दाम
प्रेसिडेंट इन काउंसिल का प्रस्ताव को निरस्त करवाने में महत्वपूर्ण रहा। जिसमें धार में फ्लैट कल्चर ना होने से ईडब्ल्यूएस आवास ना विक्रय होने की दलील दी गई। इसी के साथ 14 से 18 लाख में एलआईजी-एमआईजी रो हाऊस को महंगा बताकर षड़यंत्र पूर्वक प्रोजेक्ट को निरस्त करवाया गया। हकीकत यह है कि ठीक इसके पीछे बसी डायमंड कॉलोनी में आज प्लाट का रेट 2 से 3 हजार रुपए स्क्वेयर फीट के लगभग है। सवाल उठने लगे है जब पीछे की कॉलोनी में प्लाट रेट इतने है तो फोरलेन के मकान क्यों नहीं बिक पाते।
डर था वोटरों के नाराज होने का
ग्राम अथर में पीएम आवास योजना के प्रोजेक्ट को आकार देने के पहले इसका परीक्षण करवाया गया। एजेंसियों ने सर्वे किया। लागत और अन्य बिंदुओं को लक्षित करने के पश्चात इसे फायनल किया गया था। पीआईसी द्वारा इसे घाटे का सौदा बताने के बाद पीआईसी के निर्णय की समीक्षा नहीं की गई। पीआईसी ने नुकसान का डाटा कैसे तैयार किया, इस पर कोई बात नहीं की गई। सूत्रों की माने तो राजनैतिक पैतरेबाजी में प्राजेक्ट को निरस्त करवाया गया है। दरअसल ईडब्ल्यूएस में स्लम के लोगों को शिफ्ट किए जाने से हंगामा हो रहा था। लोगों ने इतनी दूर बसाने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। अधिकारी और नेता रेल प्रोजेक्ट सहित भविष्य में क्षेत्र के अतिविकसित क्षेत्र में तब्दील होने की बात उन्हें नहीं समझा पा रहे थे। वोटर नाराज ना हो जाए इसलिए इस तरह इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को अधर में लटकाया गया।
किरायेदार वोटरों का नुकसान हो गया
प्रोजेक्ट निरस्त होने से 7 हजार शहरी क्षेत्र के परिवारों का घर का सपना तोड़ दिया गया है। कच्चे मकानों को पक्का बनाने के लिए ढ़ाई-ढ़ाई लाख दे दिए गए। किरायेदार नागरिकों के लिए कोई योजना नहीं है। उन्हें महंगे दामों पर कॉलोनियों में मकान खरीदन है, जहां पर उन्हें ढ़ाई लाख की योजना के तहत सब्सिडी मिलेगी। कुल मिलाकर शासकीय प्रोजेक्ट को निरस्त करवाया गया और कॉलोनाईजरों को फायदा पहुंचाया गया।
एलआईजी-एमआईजी बनना चाहिए
प्रोजेक्ट निरस्त हो गया और भूमि आज भी नगरपालिका के स्वामित्व के अधीन है। फोरलेन से सटी 12 हैक्टेयर भूमि करोड़ों रुपए का मूल्य रखती है। फोरलेन पर आज भी इस प्रोजेक्ट को सिर्फ एलआईजी और एमआईजी बनाकर पीएम आवास योजना के तहत बसाया जाए तो शत प्रतिशत आवास बिकना तय है। बशर्त कॉलोनाईजरों की तरह जमीन के दाम नहीं वसूले जाए।

इनका कहना है........

पूरे प्रदेश में आवास योजना में बीएलसी, एएसपी घटक के तहत काम चल रहा है। ग्राम अथर का प्रोजेक्ट 6 वर्ष पूर्व प्रारंभ हुआ था। यह क्यों निरस्त हुआ इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। फाईल देखने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा। किरायेदारों को भी आवास खरीदने पर योजना के तहत लाभ मिलता है।
संजय मराठा, एई नगरपालिका ध-
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