बड़वानी~गायत्री शक्तिपीठ बड़वानी में बाल संस्कार शाला का आयोजन संपन्न ~~
अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज के मार्गदर्शन में बच्चों में अच्छे संस्कार डालकर उनका शारीरिक मानसिक और भावनात्मक विकास करने के लिए दिनांक 01-06-2023 से 10 -06- 2023 तक् गायत्री शक्तिपीठ बड़वानी में बाल संस्कार शाला प्रातः 8:00 बजे से 10:00 बजे आयोजन किया गया l बाल संस्कारशाला में बच्चों को संगीत,योग, यज्ञ , खेलकूद, नैतिक शिक्षा आदि के माध्यम से उनका सर्वांगीण विकास किया गया l उसी श्रृंखला में रविवार को बच्चों के द्वारा बाल संस्कार शाला के समापन अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतिभा संवर्धन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में रामनरेश जी मिश्रा ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया बच्चों ने जो 10 दिवसीय बाल संस्कार शाला लगाई गई उस कक्षाओं में उन्होंने क्या सीखा व सभी मंच पर आ करके उन्होंने अपनी प्रस्तुतियां दी जैसे संगीत नृत्य योग कर्मकांड खेल की गतिविधियां आत्मनिर्भर के गुण बच्चों ने अपने तरीके से फैंसी ड्रेस में कई राष्ट्रीय भक्ति अध्यात्मा की प्रस्तुतियां दी कोई कृष्ण बनकर के राम बनकर के हनुमान बनकर के शहीद भगत सिंह आजाद चंद्रशेखर गांधीजी कि बच्चों ने प्रस्तुति आदि वहीं पर कला के माध्यम से बच्चों द्वारा नृत्य के माध्यम से प्रस्तुतियां दी गई उन सभी बच्चों को गायत्री शक्तिपीठ बड़वानी ने सभी को प्रोत्साहन स्वरूप सम्मानित किया गया बाल संस्कार शाला मैं प्रतिदिन नए-नए विषयों पर बच्चों के नव निर्माण के लिए अतिथियों के द्वारा कहीं महत्वपूर्ण बातें बताई गई वहीं पर गायत्री शक्तिपीठ कमल गनवानी के द्वारा प्रतिदिन बच्चों को योग सिखाया शक्तिपीठ के ट्रस्टी संजय सावनेर लखन विश्वकर्मा मंच का संचालन कर बच्चों को प्रार्थना एवं मेडिटेशन करके बच्चों को एकाग्र होना सिखाया हमारी संस्कृति महामानवों की टकसाल रही है, हर व्यक्ति का आचरण देवत्व से भरपूर रहा है। इन सब के पीछे था उनका प्रेरणाप्रद बचपन। हम सब जानते हैं कि हमारे व्यक्तित्व का विकास 5 -7 वर्ष की उम्र तक हो जाता है, जिसे ध्यान में रखते हुए संस्कार परिपाटी का प्रचलन आरम्भ से ही रहा है। पारिवारिक पंचशील और आस्तिकता से ओतप्रोत उत्कृष्ट वातावरण से बच्चों के दिव्य संस्कारों का रोपड़ सहज हो जाता था। बालक के बहुआयामी व्यक्तित्व के गढ़ने में माता पिता गुरु होते थे। वही समाज का भी महत्वपूर्ण योगदान होता था।वर्तमान समस्याओं का एक मुश्त समाधान तथा श्रेष्ठ नागरिक गढ़ने का एक मात्र विकल्प है बालकों को संस्कारवान बनाना। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती ममता तोमर एवं रेखा पुरोहित ने आयोजित किया इस कार्यक्रम में आभार प्रकट शक्तिपीठ के ट्रस्टी सुनील पुरोहित ने किया इस 10 दिवसीय कार्यक्रम में हेमलता निगम अपर्णा श्रीवास्तव गायत्री परिवार के कार्यकर्ता महिला मंडल की सदस्य भी मौजूद रहे
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