धार~यह गलत है... 60 दुकानों को हटाने की जरूरत, 180 को हटाने की तैयारी~~
जलाई के पहले सप्ताह में लिंक रोड के नपा स्ट्रीट वेंडर्स मार्केट को हटाने की कार्रवाई होगी शुरु~~
धार~( डॉ. अशोक शास्त्री )
धार। जुलाई के प्रथम सप्ताह में नगरपालिका शहर के लिंक रोड पर बनाए गए सबसे बड़े स्ट्रीट वेंडर्स मार्केट के लोकार्पित होने के पूर्व हटाने की कार्रवाई शुरू करने वाली है। राज्य परिवहन निगम विभाग से पत्र मिलने के बाद प्रतिवेदन बना लिया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों की हरी झंडी मिलते ही कवायद शुरु हो जाएगी। हालांकि 180 दुकानों को हटाने को लेकर विरोध भी शुरु हो गया है। वेंडर्स का कहना है कि जब 60 दुकानों को हटाकर काम हो सकता है तो पूरी दुकानें क्यों हटाई जा रही है। इस मामले में नपा के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
डिपो जमीन के लिए होगा रास्ता
लिंक रोड का स्ट्रीट वेंडर्स दुकानें हटाने का एक मात्र कारण परिवहन विभाग की परिसम्पत्ति बोर्ड द्वारा डिपो परिसर की जमीन विक्रय करने का है। बताया जा रहा है कि इसकी विक्रय शर्तांे में पीछे की और से खुली भूमि होने की शर्त शामिल की गई है। सवाल उठने लगे है कि डिपो की विक्रित भूमि के पिछले हिस्से की खुली भूमि सौंपने में महज 60 दुकानें ही जद में आ रही है। विक्रय शर्तों के नाम पर पूरी 180 दुकानें हटाने का कोई औचित्य नहीं है।
दूसरी पट्टी पर कार्रवाई करें
स्ट्रीट वेंडर्स शॉप की 180 दुकाने बनाने में मोहन टॉकिज के पिछले हिस्से और मोदी पंप के सामने लिंक रोड का उपयोग किया गया था। एक और डिपो हिस्से में 100 दुकानें और सामने की और करीब 70 दुकानें बनाई गई है। डिपो के पिछले हिस्से को खुली भूमि के रूप में एक हिस्से की 60 दुकाने आ रही है, लेकिन नगरपालिका सामने की पट्टी की दुकानें भी हटाने जा रही है। इन दुकानों को हटाने का कोई औचित्य नहीं है। इन दुकानों के होने से डिपो परिसर की भूमि में निर्माण पर कोई दिक्कतें नहीं होगी।
बसाने में दिक्कत नहीं होगी
स्ट्रीट वेंडर्स मार्केट की 180 दुकानों को हटाने से इन्हें दूसरे स्थान पर जगह देने में दिक्कतें होगी। दरअसल नगरपालिका के पास अब इतनी बड़ी भूमि मौजूद नहीं है। निकाय ने दो स्थान देखे थे, जहां पर मार्केट बनाया जा सकता है, लेकिन पूरी दुकानें एक साथ नहीं दी जा सकती है। ऐसी स्थिति में यदि सिर्फ 60 दुकानों को ही हटाया जाता है तो निकाय को इन्हें दूसरी जगह देने-बसाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। वहीं शेष 120 को लिंक रोड पर ही दुकानें दी जा सकती है।
यह धोखाधड़ी के समान ही है
शहर के प्रमुख मार्ग आदर्श सड़क और नागदा-गुजरी मार्ग घोड़ा चौपाटी के फुटपॉथ स्ट्रीट वेंडरों के बैठने से पैदल चलने लायक नहीं है। इन दुकानदारों सहित अन्य दुकानदारों को लिंक रोड पर बसाने के लिए स्ट्रीट वेंडर्स झोन बनाया गया था। निकाय के पास राशि की दिक्कत थी। वेंडर्स को लॉटरी सिस्टम के आधार पर दुकानें देकर उनसे आवंटन राशि के तौर पर 20 स 40 हजार रुपए की राशि ली गई थी। इस दौरान डिपो संपत्ति विक्रय हो गई और पीछे से मार्ग देने की शर्त को मान्य किया गया। जिसके कारण इन्हें हटाने की स्थिति बनी है। लोगों के पैसे लौटाए जा रहे है। सवाल उठने लगे है कि पहले बसाया जाए फिर दुकानें हटाई जाए। पैसे लेकर दुकानें ना देना सीधे-सीधे धोखाधड़ी की श्रेणी में आ रहा है।
इनका कहना है
अभी सिर्फ मार्केट हटाने का प्रतिवेदन बनाया जा रहा है। इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से जो भी निर्देश मिलेंगे उसके अनुरुप कार्रवाई की जाएगी। वेंडर्स को अन्यत्र बसाने के लिए स्थान देखे जा रहे है।
राकेश बेनल, इंजीनियर नपा धार
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