धार~अस्थाई थोक सब्जी मंडी को स्थाई करने के लिए मांगी अनुमति, दावे-आपत्ति करेंगे आमंत्रित~~
कोरोना काल में शहर से दूर न्यू आरटीओ कार्यालय के सामने शासकीय भूमि पर शहर के मध्य से मंडी को किया था शिफ्ट~~
भूमि आवंटन होने के बाद कृषि उपज मंडी संभालेंगे थोक सब्जी मंडी की व्यवस्था, डीपीआर बनेगी भूखंड शेड निर्माण होंगे, मंडी से लाईसेंस भी लेना होगा~~
मंडी को स्थाई करने की अनुमति मिलने के बाद शहर के मध्य की थोक सब्जी मंडी की भूमि होगी रिक्त, निकाय की 21 दुकानों की नीलामी का रास्ता भी होगा साफ~~
धार ( डॉ. अशोक शास्त्री )
कोरोना काल में अस्थाई रूप से शहर के बाहर शिफ्ट की गई थोक सब्जी मंडी को उसी स्थान पर स्थाई करने की कवायद शुरु हो गई है। कृषि उपज मंडी समिति ने प्रस्ताव पारित कर सब्जी मंडी को उसी स्थान पर स्थाई करने के लिए सर्वेवार जानकारी एवं रिपोर्ट के साथ राज्य विपणन बोर्ड से अनुमति के लिए पत्राचार किया है। इसके पश्चात भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरु होगी। फिलहाल भूमि आवंटन को लेकर कहीं कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि अंबेडकर विश्व विद्यालय महू के नाम से उक्त भूमि आरक्षित है, किंतु उन्हें आवंटन नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा भी यहां गतिविधि संचालित करने के लिए आरक्षित भूमि पर कोई प्लान नहीं है।
चुनाव पूर्व की कवायद ना बन जाए
विश्व विद्यालय को भूमि आवंटन ना होन से शासन द्वारा न्यू आरटीओ कार्यालय के सामने संचालित अस्थाई थोक सब्जी मंडी को स्थाई करने मं कोई दिक्कत नहीं होगी। हालांकि इस तरह की कवायद शुरु होने को विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल थोक सब्जी मंडी व्यापारियों की मांग पर धार विधायक नीना विक्रम वर्मा ने करीब 1 साल पहले मंडी स्थाई करने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन कछुआ चाल से पत्र पर काम चल रहा था। उल्लेखनीय है कि थोक सब्जी मंडी से माली समाज का बड़ा वर्ग जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त अन्य समुदाय के लोग भी थोक व्यापार करते है।
आवंटन के बाद डीपीआर बनेगी
राज्य शासन ने कृषि उपज मंडी समिति अंतर्गत थोक सब्जी मंडी संचालित करने के निर्देश जारी किए है। ए क्लॉस की धार अनाज मंडी में थोक सब्जी व्यापार के लिए स्थान ही नहीं है। ऐसी स्थिति में अस्थाई तौर पर संचालित सब्जी मंडी को वहीं स्थाई बनाने की प्रक्रिया शुरु की गई है। हालांकि इसके संचालन की व्यवस्था कृषि उपज मंडी समिति के पास रहेगी। अभी तक बगैर मंडी बोर्ड लाईसेंस के थोक सब्जी खरीदी-बिक्री का व्यापार किया जा रहा था। अब मंडी से पुराने अड़तियों को भी लाईसेंस लेना पड़ेगा। वहीं नए लोग भी लाईसेंस लेकर काम शुरू कर पाएंगे। यहां पर मंडी समिति द्वारा ही सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए पूरी डीपीआर बनेगी। उसके आधार पर भूखंड और शेड प्लान बनाकर आवंटन किया जाएगा।
मनमानी पर रोक लगेगी
महात्मा ज्योति बा फुले थोक सब्जी मंडी का संचालन कृषि उपज मंडी अधीन होने से शासन को राजस्व की बढ़ोतरी होगी। वहीं मंडी में एकाधिकार या मनमानियां समाप्त होगी। वर्तमान में रसूक के आधार पर शेड बनाए गए है। नई थोक सब्जी मंडी में समान रूप से शेड होंगे। भूखंड की साईज को भी समानतर रखने का प्रयास किया जाएगा। वर्तमान में करीब 11.8 हैक्टेयर भूमि मौके पर शासकीय पाई गई है। इतनी बड़ी भूमि पर पंजीकृत 50 के लगभग अड़तियों के अतिरिक्त दोगुन भूखंड शेड तैयार हो सकेंग। इससे व्यापारिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा। वहीं आम बाजार में सब्जी के दामों में कमी आएगी।
निकाय को मिलेगी राहत
शहर की थोक सब्जी मंडी को बाहर भूमि आवंटित होने से धार नगरपालिका को भी राहत मिलेगी। मंडी की करीब 21 दुकानें पिछले 5 साल से बनकर तैयार पड़ी है। उनकी नीलामी मंडी के स्थान और संचालन का निर्णय ना होने से अटकी पड़ी है। इधर थोक सब्जी मंडी के शहर के शेड हटने के बाद एक बड़ी भूमि रिक्त हो जाएगी। निकाय यहां पर मोतीबाग चौक के फुटकर व्यापारियों को स्थान उपलब्ध करवाकर मोतीबाग चौक की भूमि को पार्किंग जैसी व्यवस्थाओं के उपयोग में ले सकेगी। मोतीबाग चौक से फुटकर व्यापारियों को नहीं हटाया जाता है तो शहर की मंडी की रिक्त भूमि पर पार्किंग हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि मास्टर प्लान 2012 में थोक सब्जी मंडी को शहर से बाहर करने और रिक्त भूमि को ‘पब्लिक यूटिलिट्सि’ के लिए लिए चिह्नित रखा गया था।
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