धार~पीड़ा- कोर्ट ही जाना है तो प्रशासनिक महकमों का औचित्य ही क्या है ~~
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी मुआवजा राशि ना मिलने से परेशान बुजर्ग ने अधिकारियों को कही बात ~~
दशकों अधिकार के लिए कोर्ट में लड़े, जीते तब भी नहीं मिल रही राशि, बोले-अवमानना पर कोर्ट तो चला जाऊ तो क्या यही करता रहूंगा बार-बार ~~
बदनावर तहसील से 61 वर्षीय बुजुर्ग तफ्ससुल बोहरा अपनी अधिग्रहित जमीन के मुआवजे की राशि करीब 1 करोड़ रुपए के लिए लंबे समय से परेशान हो रहे हैं। इस मामले में कई मर्तबा अधिकारियों को उच्च न्यायालय में उनके हक में पारित आदेश की प्रति देकर राशि दिलाने की मांग कर चुके है। गत दिनों अधिकारियों ने उन्हें 4 दिन में राशि संबंधी आदेश जारी होने की बात कही थी। 10 दिन बाद भी सरकारी 4 दिन पूरे नहीं हुए तो मंगलवार को बुजुर्ग नाराज हो गए। उन्होंने जनसुनवाई में मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों को कहा कि हर मसला कोर्ट से ही हल होगा तो प्रशासनिक महकमों का औचित्य क्या है, इसे बंद करना बेहतर है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश है। अवमानना की जा रही है। कोर्ट तो चला जाऊ पर बार-बार यही करता रहूंगा।
दशकों से लड़ा मुकदमा
1985 में बदनावर में कोर्ट निर्माण के लिए बुजुर्ग के परिवार की भूमि अधिग्रहित की गई थी। उस दौरान आंशिक मुआवजा तय किया गया। इसको लेकर बुजुर्ग ने दशकों तक कोर्ट से लड़ाईयां लड़ी। उच्च न्यायालय से मुआवजा राशि को लेकर दिशा निर्देश तय किए गए। इसके अनुसार बुजुर्ग को प्रतिकर राशि सहित अलग-अलग दिशा निर्देशों के तहत करीब 92 लाख 33 लाख 10 रुपए की राशि देना तय हुआ। कोर्ट ने सन् 2019 में फैसला दिया था। बुजुर्ग इस आदेश को लेकर अब राशि मिलने का इंतजार कर रहे हैं। पूर्व कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने इस मामले में कार्रवाई पत्रों के माध्यम से आगे बढ़ाई थी, लेकिन राशि आज तक नहीं मिली।
आपसे नहीं तो किससे बोलेंगे हम
मंगलवार को आईएएस अफसर व जिला पंचायत सीईओ केएल मीणा की मौजूदगी में जनसुनवाई हुई। इस दौरान संयुक्त कलेक्टर नेहा शिवहरे, एसडीएम दीपाश्री गुप्ता व तहसीलदार विनोद राठौर सहित अधिकारियों ने लोगों के शिकायती आवेदन सुने। अधिकांश शिकायतें हितग्राहीमूलक योजनाओं के लाभ ना मिलने और राजस्व संबंधी बंटवारा, सीमांकन, मेड़ फाड़ने जैसे मामलों की थी। ग्राम खिलेड़ी के यासिन पटेल नाम के बुजुर्ग ने सादलपुर निवासी फिरोज को लेकर एक शिकायती आवेदन सौंपा। अधिकारियों को बुजुर्ग ने कहा कि पूर्व में भी आवेदन सौंपे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हम क्या आपस में लड़ लें। आप नहीं सुनेंगे तो किसके पास जाएंगे। दरअसल बुजुर्ग का आरोप है कि फिरोज ने खेतों के मध्य के आम रास्ते सेड़े को फाड़कर अपने खेत में मिला लिया है। इससे शांति भंग होने की स्थिति बन रही है। फिरोज के खेत का सीमांकन और मौका-मुआवना किया जाए तो रास्ता निकल जाएगा।
शिकायतों का फिर शतक
जनसुनवाई में 100 करीब शिकायतें आना आम बात हो गई है। मंगलवार को भी करीब 123 शिकायती आवेदन अधिकारियों के समक्ष आए है। जिसमें प्राथमिक स्कूल में बाउंड्रीवॉल बनवाने, आंगनवाड़ी भवन हेतु जमीन आरक्षित करने, सीमेंट कंक्रीट रोड बनवाने, कारखाने को अन्यत्र स्थानांतरित करने, स्वयं की जमीन से अतिक्रमण हटवाने, पात्रता पर्ची दिलवाने, कृषि भूमि का नक्शा दुरुस्त करने, पट्टा प्रदान करने संबधी आवेदन प्राप्त हुए है।
चित्र है 6धार6-
बॉक्स-1
मुझे पागल कहकर भगा देते हैं, मदद करो
बुजुर्ग लोग जगह-जगह प्रताड़ित हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला धरमपुरी वार्ड क्रमांक 2 का सामने आया है। जहां पर पारौबाई नाम की महिला को शासन द्वारा आवंटित पट्टा-कुटीर से बेदखल करने के लिए धमकाया जा रहा है। धमकाने वाले उनके अपने ही रिश्तेदार है। पीड़ित महिला इसकी शिकायत को लेकर थाने जाती है तो जहां से उसे परिजन पागल बताकर कार्रवाई नहीं होने देते है। मंगलवार को महिला एसपी के समक्ष पहुंची। इस दौरान महिला ने एक आवेदन सौंपा। जिसमें बताया कि मजदूरी करके पेट पालती हूं। शासन का पट्टा ही उसकी छत और संपत्ति है। मेरे रिश्तेदार जिसमें मेरी शादीशुदा बेटियां शामिल है। वह मुझे हिस्सा देने के नाम पर परेशान कर रहे हैं। मेरा एक बेटा है जो बहुत सीधा है। मुझे धमकाने वालों से बचाए। महिला ने अंदेशा जताया है कि कुटीर पर कब्जे के लिए उसके साथ अनहोनी की जा सकती है।
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