धार~वादा था खेल मैदान बनवाएंगे, हालत यह है कि मैदान सुधरवाने के लिए आंदोलन पर मजबूर ~~
नन्हें खिलाड़ियों की आवाज प्रशासन ने नहीं सुनी, अब सीनियर खिलाड़ियों ने उठाया मुद्दा, सबकी मांग बेहतर नहीं बना सकते तो पहले जैसा लौटा दो ~~
मामला एसपीडीए खेल मैदान की बदहाली का, सीएसआर फंड से बेहतर बनाने के लिए शुरु हुआ था काम, महीनों बाद भी नहीं बना ट्रेक ~~
जिले में खेल मैदान बचाने के लिए खिलाड़ियों को आंदोलन करने की ेचेतावनी देना पड़ रही है। कहां तो हर पंचायत में खेल मैदान बनाने कर वादा किया गया था। स्थिति यह है कि स्टेट दौर के खेल मैदानों को भी शासकीय संस्थाएं संवार कर नहीं रख पा रही है। मामला शहर के एसपीडीए खेल मैदान का है। इसकी वर्तमान की बदहाल स्थिति खिलाड़ियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। इसके अलावा मैदान में घूमने वाले बड़े-बुजुर्ग भी रनिंग ट्रेक अस्त-व्यस्त होने से परेशान हो रहे हैं। इस मामले में शहर के 40 प्लस के क्रिकेट खिलाड़ियों की संस्था ओल्ड स्टॉर क्रिकेट क्लब के सदस्यों ने खेल मैदान सुधारने के काम को जल्द पूरा ना होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। क्लब के आलोक राठौर, नरेश राजपुरोहित, गोपाल भाकर ने प्रेस रिलीज के माध्यम से खेल मैदान की स्थितियों का मुद्दा उठाया है। उन्होंने बताया कि करोड़ों खर्च करने के बाद भी ग्राउंड की हालत बेहतर होने की बजाय खराब हो गई है।
14 को नन्हें मिले थे कलेक्टर से
शहर का एसपीडीए खेल मैदान एक ऐसा मैदान है जहां पर युवा खिलाड़ी राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयारियां करते है। बाहर से खिलाड़ी आकर इस मैदान के माध्यम से अपनी तैयारियों को पुख्ता करते है। बीते 3 सालों में 3 कलेक्टर धार में पदस्थ हुए है। सभी ने खेल मैदान का काम पूरा करने की इच्छाशक्ति दिखाई, लेकिन काम पूर्ण नहीं हो पाया। गत माह 14 नवंबर को नन्हें खिलाड़ियों ने खेल मैदान की स्थिति को लेकर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा से मुलाकात की थी। उस दौरान कलेक्टर ने उन्हें खेल मैदान में आकर स्थिति देखने का आश्वासन दिया था। एक माह बाद अब उसी मुद्दे को लेकर वरिष्ठ खिलाड़ी व शहर के नागरिक आंदोलन की बात कर रहे हैं।
हमेशा मटेरियल का बहाना
एसपीडीए खेल मैदान को सीएसआर मद से बेहतर और सुविधाजनक बनाने के लिए काम शुरु हुआ था। कलेक्टर आलोकसिंह कोरोना संक्रमण काल के कारण काम को गति नहीं दिला पाए। इसके बाद डॉ पंकज जैन कलेक्टर ने काम पूरा कराने के लिए प्रयास किए, लेकिन काम नहीं हो पाया। इस दौरान सीएसआर मद से काम कराने वाली कंपनी की व्यस्तता के कारण निकाय के जिम्मे काम छोड़ा गया। महीनों बीत गए। ट्रेक की स्थिति नहीं सुधरी। बारिश में पानी जमा हो जाता है। वर्तमान में बारिक मुरम पर खिलाड़ी फिसल रहे है। चोटिल हो रहे हैं। इस टेÑक पर फाईनल कोट चढ़ाया जाना है। इसके लिए कहा जाता है कि ठेकेदार द्वारा मटेरियल लाया जा रहा है। कभी मटेरियल ना मिलने का बहाना बनाया जाता है।
असामाजिक तत्व सक्रिय
ओल्ड स्टॉर क्रिकेट क्लब के सदस्यों ने बताया कि प्रशासन ने खेल मैदान को लेकर बेहतर योजना बनाई थी, किंतु लाखों-करोड़ों खर्च करने के बाद पैसे का उपयोग खेल मैदान पर दिखाई नहीं दे रहा है। हालत यह है कि पैदल घूमने वालों के पैरों में पत्थर लगते हैं। पैर मोच खा रहे है। बदहाल स्थिति के कारण शराब पीने वाले भी रात में यहां बैठकर शराब पीते है। उनके द्वारा छोड़ी गई बॉटलें फूटकर लोगों के पैर चोटिल कर रही है।
चित्र है 11धार 7 व 8-
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