झाबुआ~प्रदेश के 18 से अधिक जिलों ने बच्चों के खातों में ड्रेस के पैसे डालने का निर्णय लिया, अब तक तय नहीं कि ड्रेस दें या पैसा.~~

छात्रों को दो साल यानि शैक्षणिक सत्र 2021-22 व 22-23 की ड्रेसों का इंतजार-बच्चों का यह साल भी बगैर ड्रेस के ~~

झाबुआ। संजय जैन~~

 प्राथमिक व माध्यमिक सरकारी स्कूलों के बच्चों को दो साल से ड्रेस का इंतजार है। लेकिन उन्हें प्रशासनिक लेट लतीफी के कारण ड्रेसें नहीं मिल पा रहीं। शासन ने गाइड लाइन जारी की है कि स्थानीय प्रशासन या तो सप्लायरों के माध्यम से स्व सहायता समूहों से ड्रेसों का वितरण कर सकता है या छात्रों के खातों में सीधा पैसा दे सकता है। प्रदेश के 18 जिलों ने छात्रों के खातों में सीधा पैसा भेजने के निर्णय लेकर राज्य शिक्षा केन्द्र को प्रस्ताव भेज दिया। लेकिन स्थानीय प्रशासन अब तक निर्णय नहीं कर पा रहा कि वह छात्रों को पैसा दे या ड्रेस।

संभावनाए यह बन रहीे है कि बच्चों का यह साल भी बगैर ड्रेस के .....
ऐसे में यह शैक्षणिक सत्र भी बगैर ड्रेस के निकलने की संभावनाएं बन रहीं है। प्रदेश सरकार द्वारा प्राइमरी व माध्यमिक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को नि:शुल्क स्कूल ड्रेसों का वितरण कराया जाता है। छात्रों को दो साल यानि शैक्षणिक सत्र 2021-22 व 22-23 की ड्रेसों का इंतजार है। शासन ने प्रति छात्र दो ड्रेस 6 सौ रुपए के हिसाब से राशि का आवंटन कर दिया। लेकिन स्थानीय प्रशासन अब ड्रेस वितरण को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पाया। जबकि कई जिलों ने छात्रों के खातों में राशि भेजे जाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है।

नहीं लिया जा सका अब तक कोई निर्णय .......................
राज्य शिक्षा केन्द्र ने 1 दिसंबर को एक पत्र जारी किया है। जिसमें बताया गया कि धार, दतिया छतरपुर,पन्ना सीहोर,टीकमगढ़, राजगढ़,रतलाम, विदिशा, खरगोन, शिवनी, शिवपुरी, हरदा,देवास आदि जिले के प्रशासन ने छात्रों की ड्रेस की राशि सीधे छात्रों के खातों में भेजने का प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने छात्रों का सत्यापन करने के साथ ब्लाक स्तर पर छात्र वार, सत्रवार छात्रों की सूची उपलब्ध कराने व खातों में राशि ट्रांसफर करने की गाइड लाइन जारी की। लेकिन झाबुआ जिले में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।

कुछ छात्रों के खातों में ही जानी है राशि..........
ड्रेस वितरण को लेकर राज्य शिक्षा केन्द्र की गाइड में उल्लेख है कि कक्षा 5वीं व 8वीं के छात्रों के साथ सीएम राइज स्कूलों के छात्रों की ड्रेस की राशि उनके खातों में सीधी भेजी जाए। अब प्रशासन को सिर्फ  कक्षा 1 से 4 व 6 वीं के छात्रों की ड्रेसों को लेकर निर्णय लेना है।

ड्रेस वितरण में घालमेल की संभावनाएं अधिक..............
ड्रेस वितरण में घालमेल की संभावनाएं अधिक  इसका कारण यह है कि ड्रेस वितरण करने पर खरीद एनआरएलएम के माध्यम से होती है। चूंकि समूह सिर्फ सिलाई का काम करते है। ऐसे में कपड़ा व सिलाई सामग्री की खरीद का अनुबंध एनआरएलएम करता है। जिसके तहत 50 फीसदी तक भुगतान एडवांस करने का नियम है। स्थानीय अधिकारी ड्रेस बांटने के पक्षधार है,अत: इस बार घालमेल की संभावनाएं बन रही हैं।
 
भोपाल स्तर पर जल्द ही बैठक होगी ................
कुछ जिलों ने छात्रों के खातों में राशि भेजने का निर्णय ले लिया है। यह अच्छा भी है। भोपाल स्तर पर जल्द ही वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक होगी। बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि ड्रेस की राशि खातों में डाले या फिर ड्रेसों का वितरण करें।
......................................अमन वैष्णव-सीईओ जिपं-झाबुआ।
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