धार~चार चरणों के सेवन से कलयुग में दुर्गति है- पंडित व्यास ~~

धार ( डाॅ. अशोक शास्त्री )।

 श्री सांवरिया सेठ मंदिर पर आयोजित  18 महापुराण समिति के तत्वावधान में चल रही द्वितीय महापुराण के चतुर्थ दिवस कथावाचक प्रसिद्ध भागवताचार्य मर्मज्ञ पंडित रमाकांत व्यास ने पद्मपुराण के 5 खंड में से स्वर्ग खंड, पाताल खंड के बारे में विस्तार पूर्व जानकारी देते हुए तीनों सृष्टि खंड का महत्व दर्शित किया। पंडित व्यास ने बताया कि कलयुग में चार चरणों के सेवन से मनुष्यों की दुर्गति होती है और वे चार चरण है मदिरा, जुआ, व्यभिचार और मद लोभ। इन पर विजय कैसे प्राप्त हो सकती है यह भी बताया। इसके पश्चात देवासुर संग्राम, ब्रह्मा जी ने अपने शरीर को दो भागों में विभक्त कैसे किया तथा दो भाग से नारी एवं पुरुषों की उत्पत्ति कैसे हुई, ब्रह्मा के पुत्र मनु हुए और फिर सृष्टि कैसे आगे बढ़ी इसका महत्व बताया। दक्ष की पत्नी से जन्मी कन्याओं का विवाह किन-किन ऋषि से हुआ और गर्भवती महिला को गर्भवति होने पर17 नियमों के पालन की शिक्षा प्रदान की। 
मंच पर विद्वान ब्राह्मणों का स्वागत 
सोमवार को  श्री सांवरिया सेठ मंदिर पर चल रही इस महापुराण में  नागदाह अग्निहोत्री  ब्राह्मण समाज इंदौर की और से नागदाह अग्निहोत्री ब्राह्मण सहकारी साख संस्था मर्यादित इंदौर के अध्यक्ष पुष्करलाल व्यास एवं उनके परिवार द्वारा पूज्य गुरुदेव, मूल पुराण के पाठ करने वाले विद्वान ब्राह्मणजनों एवं 18 महापुराण समिति के अध्यक्ष स्वयं प्रकाश सोनी, समिति प्रमुख अशोक मनोहर जोशी, दशरथ सिग्गा,  सतीश सोनी अधिवक्ता, संतोष पांडे, कमलेश मीना दुबे, डॉ अशोक शास्त्री, अश्विन चौहान, महेश शर्मा, ओम प्रकाश सोलंकी, राजेन्द्र शर्मा, श्री सारड़ा आदि का सम्मान किया। जानकारी समिति प्रमुख अशोक मनोहर जोशी एवं डॉ अशोक शास्त्री ने दी।
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