धार~पहला जिपं सम्मिलन........... 

काम का जज्बा- पहली बैठक में सबसे कम उम्र की जिपं सदस्य अपने क्षेत्र के 87 कार्य प्रस्ताव लेकर पहुंची ~~

मांग-एजेंडा 7 दिन पहले दिया जाए जिससे सदस्य तैयारी करके बैठक में पहुंचे ~~

धार ( डाॅ. अशोक शास्त्री )।

 जिला पंचायत की विभिन्न समितियों के गठन के पश्चात पहल मर्तबा जिपं सदस्यों के साधारण सम्मिलन की बैठक आयोजित की गई। पहली बैठक में सदस्यों में अपने-अपने क्षेत्र के विकास को लेकर  खासा जज्बा दिखाई दिया। क्षेत्र के विकास से संबंधित प्रस्तावों के अनुमोदन के लिए सदस्य अपने-अपने प्रस्ताव   लेकर पहुंचे थे। जिपं सदस्यों में सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य कुमारी गायत्री राजेन्द्र पुरोहित अपने वार्ड के करीब 87 निर्माण, पेयजल, सिंचाई सहित अन्य कार्यों के प्रस्ताव लेकर पहुंची थी। हालांकि उनके 4 प्रस्ताव अनुमोदन के लिए स्वीकृत हुए है। सुश्री पुरोहित को अधिकारियों ने बताया कि वार्षिक निधि 18 लाख है। वहीं राष्ट्रीय प्राथमिकता में पेयजल, स्वच्छता के विषय प्रमुख है। इनसे संबंधित प्रस्तावों को पहले प्राथमिकता से रखे। इसके बाद जिपं के अन्य सदस्यों ने भी अपने-अपने क्षेत्र के कार्य प्रस्ताव दिए। 
सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में हुई बैठक 
शुक्रवार को जिला पंचायत के सभागृह में अध्यक्ष सरदारसिंह मेड़ा व जिपं उपाध्यक्ष संगीता हेमसिंह पटेल की मौजूदगी में बैठक आहूत की गई। बैठक  में जिपं सीईओ केएल मीणा, एसीईओ श्री नरवरिया सहित सभी विभागों के प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में पहली बैठक आयोजित की गई। चुटकियों और हंसी-मजाक के बीच सदस्यों के प्रस्ताव स्वीकार किए गए। इधर बैठक  के एजेंडे को एक सप्ताह पूर्व सभी सदस्यो को देने की मांग सामूहिक रूप से रखी गई। जिपं सदस्यों ने कहा कि एजेंडा समय पूर्व मिल जाएगा तो विषय संबंधित अध्ययन के लिए समय मिलेगा। इससे बेहतर तरीके से समस्याओं को लेकर चर्चा हो पाएगी। बैठक में जिपं सीईओ ने कर्मचारियों से संबंधित 3 विषय रखे। जिसमें डिस्ट्रिक्ट रूरल डेवलपमेंट प्लान के लिए प्लान के तहत कार्यरत कर्मियों को वेतन देने का विषय रखा गया। श्री मीणा ने बताया कि डीआरडीपी को बंद किया जा रहा है।शासन से पैसा मिलना बंद हो गया है। कर्मचारियों का कई महीनों का वेतन बकाया है। जिपं सदस्य मनोजसिंह गौतम ने कहा कि कर्मचारियों का वेतन मिलना चाहिए। संभव हो तो हमारी निधि से भी दिया जाए। 
सीईओ से कहा आप अभी चलकर देखे स्थिति 
साधारण परिषद् के पहले सम्मिलन में ग्रामीण विकास के तहत विभिन्न प्रकार के कार्यों को लेकर स्थितियां भी सामने आई। कई सदस्यों ने कार्य में लापरवाही को लेकर अपनी बातें रखे। जिपं सदस्य कुमारी गायत्री पुरोहित ने कहा कि 60 लाख का तालाब हमारे यहां 3 दिन में चालनी में बना दिया। आप नल-जल की स्थिति देखना हो तो हमारे क्षेत्र में आईये। यहां पर ठेकेदार जिसे कनेक्शन चाहिए उसे ही लाईन खोदने के लिए कह रहे है। यह काम उन्हें खूद करना चाहिए। इसके बाद सीईओ ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी विषय को लेकर निरीक्षण करने के लिए कहा। इधर मनरेगा के तहत मृतकों के खातों में राशि डालने और फर्जीवाड़े जैसे मामलों में सरपंच पर एफआईआर का विषय भी पुरोहित ने उठाया। उन्होंने कहा कि राशि जारी करने में सरपंच का सीधे कोई हस्तक्षेप नहीं है। मॉनिटरिंग और राशि जारी करना अधिकारियों की जिम्मेदारी रहती है। जो अधिकारी यहां से बाहर चले गए हैं उन पर कार्रवाई करे। 
मनरेगा प्रभारी का तबादला रोकने की मांग 
बैठक में सौहार्द्र की स्थिति यह रही कि जिला पंचायत में मनरेगा प्रभारी भीमसिंह का तबादला हो गया है, उनका स्थानांतरण रोकने की मांग का प्रस्ताव जिपं उपाध्यक्ष के पति हेमसिंह पटेल एक पत्र के रूप में लेकर आए थे। उन्होंने यह प्रस्ताव वार्ड 9 के शंकर चौहान के हाथ में दिया और कहा कि सबके हस्ताक्षर करवा लो। इसके बाद सदस्यों ने हस्ताक्षर किए और यह पत्र सीईओ श्री मीणा को सौंपा गया। पत्र में लिखा गया था कि भीमसिंह की कार्यप्रणाली प्रशंसनीय रही है। ऐसे मनरेगा प्रभारी का जिले में होना आवश्यक है। सीईओ ने पत्र को उच्च स्तर पर भेजने की बात कही है।
निर्माण समिति ने मांगा 3 साल का रिकार्ड 
बैठक में जिपं निर्माण समिति की अध्यक्ष श्रीमती शिखा निर्देश सोनगरा ने एक लिखित आवेदन सौंपकर मनरेगा के तहत बदनावर क्षेत्र में बीते 3 साल में हुए कामों की जानकारी मांगी है। वहीं जिला पंचायत सदस्य मनोजसिंह गौतम ने अपने वार्ड क्षेत्र के हाईस्कूल की दशा बताते हुए तुरंत रिपेयरिंग करवाने की मांग की है। वहीं पुलिया सहित अन्य कार्यों के प्रस्ताव भी सौंपे है। 
निधियों की जानकारी दी 
प्रथम सम्मिलन में नए जिपं सदस्यों को उनकी निधि सहित निधि के उपयोग को लेकर शासन की गाईड लाईन की जानकारी दी गई। इसके अलावा वह किस तरह से कहां-कहां काम करवा सकते है, इसके बारे में बताया गया। जिला पंचायत के अलग-अलग समितियों के सभापति अपनी समितियों की समीक्षा करेंगे, इसके बारे में समझाया गया।  
चित्र है-
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