झाबुआ~झाबुआ बना आध्यात्मिक की राज़धानी - पर्युषण के पश्चात प्रतिदिन आ रहे सेकडों श्रध्दालु~~
 झाबुआ | इन दिनो झाबुआ शहर जैन समाज के लिये आध्यात्मिक नगरी बना हुआ है। कारण है, यहाँ चातुर्मास हेतु विराजित श्वेताम्बर मूर्ति पूजक समाज के आचार्य श्री पूज्य नित्यसेन सुरीश्वरजी म सा आदि ठाना 14 एवं 2साध्वी मंडल, श्री वर्धमान स्थानक समाज के प्रवर्तक श्री पूज्य जिनेन्द्र मुनि जी आदि ठाना 6और श्री तेरापन्थ समाज के 2श्रमनी जी म सा इस प्रकार कुल 24साधु साध्वी झाबुआ नगर में विराजित है | प्रतिदिन इन सभी साधु संतों के दर्शन हेतु सेकडों जैन श्रधालु झाबुआ आ रहे हे | अभी तक राणापूर , पारा , मेघनगर ,जावरा ,इंदौर , खवासा ,मंदसौर ,जोबट, पूना, अहमदाबाद,थराद, उज्जैन,नीमच सिटी , आलौट के अलावा देश से कई स्थानों से श्री संघ झाबुआ आकर दर्शन वंदना कर चुके है,जो अभी तक सतत जारी भी है।

झाबुआ के इतिहास में पहली बार आया इतना बड़ा जैन श्रीसंघ
  झाबुआ के इतिहास में पहली बार लगभग 680 यात्री 14 लक्ज़री बसों से गुरुदेव के दर्शनाथ हेतु इतना बड़ा जैन श्रीसंघ शनिवार को आया था। आज200 गुरू भक्त राजगढ़ और टाडा से  बाबु मामा ,मणिलाल खजांची , भूपेन्द्र लोढ़ा आदि के साथ आज झाबुआ आचार्य श्री और साधु साध्वी मंडल के दर्शन वन्दना कर वर्ष भर मे हुई गलतियों के लिये क्षमा याचना की। 

क्षमा दान सबसे बड़ा दान..............
आचार्य श्री नित्यसेन सुरीश्वरजी म सा ने इस अवसर पर श्री संघ और गुरू भक्तो को उदबोधन देते हुए कहाँ कि प्रभु महावीर के शासन मे रह रहे है और उनकी  हमे यह सीख हे कि इस संसार के समस्त जीवों से मेत्री भाव रखकर उनसे क्षमा याचना कर क्षमा करने का भाव हमे रखना चाहिए।जेसे घर मे झाड़ू से कचरा हटा कर सफाई की जाती हे वेसे ही क्षमा का गुण रख कर हमारे अंदर पड़े कचरे की सफाई करना चाहिए।  |टाडा श्री संघ ने अगला चातुर्मास भी टाडा मे करने की विनती की।

किया जा रहा सतत बहुमान लाभार्थी जगावत परिवार द्वारा.............
रोज की तरह ही ऐतिहासिक बहुमान के लाभार्थी परिवार जितेंद्र, संजय जवेरचंद जगावत ने दोनो संघों के प्रमुख बाबुमामा , मणिलाल खजांची  , भूपेन्द्र लोढ़ा आदि का शाल,श्रीफल ,माला और तिलक से बहुमान किया।  श्रीमती मोनिका संजय जगावत ने 11उपवास की तपस्वी रत्ना    श्रीमती श्रध्दा संदीप जैन राज़रत्न का शाल,श्रीफल, तिलक और माला से खूब खूब अनुमोदना करते हुए बहुमान किया। कार्यक्रम का सफल संचालन डा प्रदीप संघवी ने किया । 

फोटो-तपस्वी रत्ना श्रीमती श्रद्धा संदीप जैन का बहुमान करती हुई लाभार्थी मोनिका संजय जगावत।



Share To:

Post A Comment: