धार~मामला धार शहर का.......
बुजुर्ग महिला बोली यहां बहु बनकर आई थी उसी घर को अपात्र की श्रेणी में डाल दिया ~~

शिकायत दर्ज कराने महिलाओं का जत्था नपा पहुंचा, पार्षद को भी बुलवाया, महिलाएं बोली 83 के पट्टे है हमारे पास ~~

धारणाधिकार के सर्वे में शहर के देवीजी मार्ग के 30 से अधिक परिवार के मकान अपात्र की श्रेणी में ~~

धार ( डाॅ. अशोक शास्त्री )। 

धारणाधिकार योजना के तहत पट्टों के लेकर किए गए सर्वे पर सवाल उठने लगे है। बड़ी संख्या में पात्र लोगों को पूर्ण दस्तावेज जमा कराने के बावजूद अपात्र की श्रेणी में डाल दिया गया है। ऐसे लोगों में देवीजी रोड स्थित हनुमान मंदिर के सामने वाली पट्टी में रहने वाले करीब 30 से अधिक लोग शामिल है। अपात्र सूची में नाम शामिल होने के बाद ऐसे परिवार से महिलाएं कलेक्टर कार्यालय से लेकर नगरपालिका तक शिकायतें दर्ज करवा रही है। उन्हें सर्वे रिपोर्ट का हवाला देकर लौटाया जा रहा है। शुक्रवार को महिलाओं का जत्था नगरपालिका शिकायत दर्ज कराने पहुंचा था। सीएमओ के ना मौजूद होने पर क्षेत्रीय पार्षद बंटी डोड को बुलवाया। महिलाओं ने उनसे भी मदद की मांग की है। महिलाएं अपने साथ गुगल मेप का फोटो लेकर आई थी। जिसमें उनके आवास दिखाई दे रहे हैं। उनका आरोप था कि पटवारी और सर्वे टीम ने गलत रिपोर्ट पेश की है। यह लोग दो-तीन पीढ़ी से यही पर निवास कर रहे हैं। 
े83 के पट्टे भी हमारे पास 
शुक्रवार को नगरपालिका परिसर में महिलाएं आक्रोशित नजर आई। उन्होंने सन् 1983 के पट्टे दिखाते हुए कहा कि यह सबूत है कि हम दशकों से यहां निवास कर रहे हैं। हमने पट्टे रिन्यूवल नहीं करवाए, लेकिन हमारे दशकों की मौजूदगी को नकारा नहीं जा सकता है। धारणाधिकार में 2014 के पूर्व से निवास कर रहे पट्टाविहीन लोगों को अधिकार दिए जा रहे हैं। हमारे पास तो उसके पूर्व का रिकार्ड भी मौजूद है। पार्षद श्री डोड ने उन्हें कलेक्टर के समक्ष बात रखने की सलाह दी। वहीं अपनी और से भी  प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष सर्वे को लेकर बात करने का वादा किया। 
पहले मकान बनाया फिर नौकरी भी लगी 
महिलाएं देवीजी रोड के जिस क्षेत्र के मकानों की बात कर रही है वहां पर शासकीय कर्मचारी भी सरकारी जमीन पर मकान बनाकर दशकों से रह रहे हैं। शुक्रवार को महिलाओं ने बताया कि जिन शासकीय कर्मियों के मकान बने हुए है उन्होंने अपनी जवानी में पहले जमीन पर कच्चा मकान बनाया। जिसके बाद रोजगार ढूंढा तो उनकी शासकीय कच्ची-पक्की नौकरियां लगी है। नौकरी करने के दौरान किसी ने भी कब्जा नहीं किया। 
इनका कहना है 
मेरे वार्ड क्षेत्र के मतदाताओं के मकानों को अपात्र की श्रेणी में डालने की जानकारी सामने आई है। शासन स्तर पर सर्वे हुआ है। महिलाओं से कलेक्टर साहब के समक्ष बात रखने के लिए कहा गया है। जनप्रतिनिधि होने के नाते मुझे नपा बुलाया था। उनके दस्तावेज देखे है। अधिकारियों से बात करेंगे कि पुन: सर्वे कराया जाए। पात्रों के साथ अन्याय ना हो। 
बंटी डोड, पार्षद वार्ड क्रमांक 29 
चित्र है 2धार9- धार। नपा कार्यालय परिसर में पार्षद को दस्तावेज दिखाती महिलाएं। 
मैं 60 की हो गई, बहु बनकर आई थी यहां 
प्रदर्शनकारी महिलाओं में 60 वर्षीय सावित्री बाई भी मौजूद थी।   महिला ने कहा कि मैं ब्याह कर यहां पर लाई गई थी। मेरे सास-ससुर का मकान था। मेरे बच्चों के ब्याह हो गए। अब सर्वे में हमें अपात्र बता दिया है। महिलाएं पटवारी को लेकर भी आक्रोशित थी। एक महिला ने कहा कि पटवारी की जितनी उम्र नहीं है उससे पुराना तो हमारा मकान है। 
चित्र है 2धार10- 
धार जनता है यहां दशकों से है मकान 
गंगाबाई नाम की बुजुर्ग महिला भी सर्वे में अपात्र घोषित करने से नाराज है। अधिकारी तो नए-नए आते-जाते रहते हैं। धार में रहने वाले स्थानीय लोगों से पूछो हर कोई बताएगा कि देवीजी रोड के हनुमान मंदिर के सामने आज के नहीं दशकों से मकान बने हुए है। हमें समझ नहीं आ रहा है कि अपात्र क्यों किया जा रहा है। किसी योजना में भी हमारा मकान नहीं आ रहा है। यदि आ रहा है तो उसकी जानकारी दें। विकल्प दें। अपात्र करना सरासर अन्याय है। 
चित्र है 2धार11-
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