धार~ऐसे होता है काम- पैसा नपा ने खाते में समायोजित किया अब राशि से लगवा रहे हैं रूफरेन वॉटर रिचार्जिंग सिस्टम ~~
रैलियों, कार्यशालाओं से निकलकर जल-जीवन मिशन को धरातल पर आकार देने का प्रयास, 3 दिन में 6 स्थानों पर लगाए गए सिस्टम ~~
39 लोगों को नगरपालिका ने जारी किए नोटिस, इन लोगों ने निर्माण अनुमति लेने के दौरान सिस्टम लगाने के लिए जमा कराई थी राशि ~~
पैसा डूबाने को लोग थे तैयार लेकिन भू जल स्तर बढ़ाने में सहायक रिचार्जिंग सिस्टम से रखते थे परहेज, अब तक 100 ने ली अनुमति, 2 ने लगवाए सिस्टम ~~
धार ( डॉ. अशोक शास्त्री )
। जल जीवन मिशन को लेकर पहली मर्तबा धार शहर में धरातल पर काम शुरु हुआ है। रैली और कार्यशालाओं से निकलकर मिशन का उद्देश्य काम के माध्यम से सफल बनाया जा रहा है। धार नगरपालिका सीएमओ निशिकांत शुक्ला के निर्देश पर रूफरेन वॉटर रिचार्जिंग सिस्टम नियम का पालन ना करने वाले भवन मालिकों के भवनों पर नगरपालिका द्वारा सिस्टम लगवाए जा रहे हैं। इसमें खर्च होने वाली राशि नगरपालिका अपने पास से वहन कर रही है। हालांकि इसके लिए उसे अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आ रहा है। दरअसल भवन निर्माण अनुमति के दौरान निश्चित साईज के भवनों के निर्माण अनुमति देने के दौरान रिचार्जिंग सिस्टम लगाने की अनिवार्यता शर्त शामिल रहती है। इसके पालन के लिए निकाय में एक निश्चित राशि भी जमा करवाई जाती है। इस राशि का निकाय ने अपने खाते में समायोजन कर लिया है। इसी का उपयोग अब काम करके खर्च करने में किया जा रहा है।
3 दिन में 6 भवनों पर लगाए
नगरपालिका ने जल जीवन मिशन के तहत कार्य करते हुए बीते 3-4 दिनों में करीब 6 भवनों में रिचार्जिंग सिस्टम लगवाए है। निकाय द्वारा सतत यह काम करवाया जा रहा है। बीते दिनों में 3 सिस्टम शरद नगर कॉलोनी में लगवाए गए है। वहीं त्रिमूर्ति नगर कॉलोनी स्थित एक निजी गार्डन में भी इसको स्थापित करवाया गया है। इसी के साथ बख्तावर मार्ग स्थित केवलम् कॉम्पलेक्स में भी सिस्टम निकाय कर्मचारियों ने लगाया है। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में काम जारी है।
39 को दिए नोटिस
नगरपालिका सीएमओ श्री शुक्ला ने बताया कि भवन निर्माण अनुमति लेने के बाद वॉटर रिचार्जिंग सिस्टम लगाने के नियम का पालन ना करने वाले करीब 39 लोगों को नोटिस जारी किए गए है। इन लोगों की सिस्टम लगाने के तौर पर जमा सुरक्षा निधि नपा के खाते में समायोजित कर ली गई है। इससे इनके भवनों पर सिस्टम लगाया जा रहा है। इसके अलावा वर्तमान में अनुमति लेने वाले लोगों को रिचार्जिंग सिस्टम लगाने के नियम का कड़ाई से पालन करवाने के लिए अमले को निर्देशित किया है। अब निर्माण पूर्ण होने के दौरान सिस्टम लगाया जा रहा है या नहीं इसकी भी मॉनिटरिंग की जाएगी। श्री शुक्ला ने लोगों से भी अपील की है कि यह सामाजिक दायित्व है कि हम जमीनी स्तर को लेकर अपने कर्तव्य को निभाएं।
केवल दो ने निधि वापस ली
यूं तो भवन निर्माण अनुमति के बाद निर्माण में वॉटर रिचार्जिंग सिस्टम लगा या नहीं इसकी निगरानी निकाय का काम है। अभी तक निकाय में इसको लेकर गंभीरता नहीं थी। पहली मर्तबा नगरपालिका में जमीनी स्तर पर रूफरेन वॉटर रिचार्जिंग सिस्टम लगाने के लिए जिम्मेदारी के साथ काम किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बीते कुछ सालों में 139 मीटर से अधिक साईज के भवनों को निर्माण अनुमतियां जारी की गई है। इस तरह के भवनों में सिस्टम लगाना अनिवार्य है। 100 लोगों ने सिस्टम लगाने की सहमति के साथ सुरक्षा निधि के तौर पर 7 से 12 हजार तक राशि जमा कराई जाती थी। इनमें से अभी तक सिर्फ 2 लोगों ने सिस्टम लगवाकर अपनी राशि निकाय से वापस ली है। इसके अलावा दावा करने कोई नहीं आया। इससे स्पष्ट है कि 98 प्रतिशत लोग भू जल स्तर के प्रति नागरिक दायित्वों को लेकर गंभीर नहीं है।
इसलिए महत्वपूर्ण है सिस्टम
बीते कुछ सालों में ग्रीष्म ऋतु में शहर के पेयजल स्त्रोत पूर्णत: सूखने की कगार पर पहुंच जाते हैं। इन तालाबों से ही शहर की जलापूर्ति की जाती है। आने वाले सालों में शहर और जनसंख्या दोनों का विस्तार होगा। जब जमीन में जल होगा तो पानी की व्यवस्था सरलता से हो सकेगी। भू जल स्तर बना रहे इसके लिए वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम एक कारगार कदम है। इससे जमीनी स्तर तो बढ़ता ही है और नागरिकों को भी कई फायदे है। दरअसल बरसाती पानी पूर्णत: केमिकल मुक्त पानी होता है। सड़कों पर इसके व्यर्थ बहने से कई तरह के नुकसान होते हैं। यदि यह पानी जमीन में रिचार्जिंग सिस्टम के माध्यम से समाहित होता है तो इसके फायदे नलकूप खनन के दौरान चंद 100 मीटर पर पानी निकलने के तौर पर सामने आते हैं। जमीन में नमी बनी रहती है। इससे पर्यावरण को बढ़ाने में मदद मिलती है।
चित्र है
Home
धार
धार~ऐसे होता है काम- पैसा नपा ने खाते में समायोजित किया अब राशि से लगवा रहे हैं रूफरेन वॉटर रिचार्जिंग सिस्टम ~~
रैलियों, कार्यशालाओं से निकलकर जल-जीवन मिशन को धरातल पर आकार देने का प्रयास, 3 दिन में 6 स्थानों पर लगाए गए सिस्टम ~~
39 लोगों को नगरपालिका ने जारी किए नोटिस, इन लोगों ने निर्माण अनुमति लेने के दौरान सिस्टम लगाने के लिए जमा कराई थी राशि ~~
पैसा डूबाने को लोग थे तैयार लेकिन भू जल स्तर बढ़ाने में सहायक रिचार्जिंग सिस्टम से रखते थे परहेज, अब तक 100 ने ली अनुमति, 2 ने लगवाए सिस्टम ~~
धार ( डॉ. अशोक शास्त्री )
Post A Comment: