झाबुआ~अब रेत के अवैध परिवहन पर 25 हजार से 4 लाख रु.तक जुर्माना....नई नीति लागू~~
जुर्माना नहीं देने पर रेत का अवैध परिवहन करने वाला वाहन होगा राजसात~~
झाबुआ। संजय जैन~~
प्रदेश में खनिज के अवैध उत्खनन,परिवहन और भंडारण पर कार्रवाई के लिए नई नीति लागू हो गई है। इस नीति के तहत अब अवैध परिवहन पर जुर्माना नहीं देने पर वाहन को राजसात किया जाएगा। साथ ही अवैध उत्खनन एवं भंडारण के मामले में भी रॉयल्टी का 15 गुना तथा इसके बराबर राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति की ली जाएगी। जुर्माना जमा नहीं करने की दशा में जब्त वाहनों और मशीनों को राजसात करने के साथ ही दंड की राशि दोगुनी हो जाएगी।
हो रही हर रोज लाखों रुपए के राजस्व की हानि .............
इस नई नीति के तहत अब रेत का अवैध परिवहन करते वक्त 25 हजार रुपए से 4 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए प्रशासन एडी से चोटी तक का जोर लगा चुका है लेकिन इसमें कोई कमी नहीं आई है। हालांकि कार्रवाई के दौरान कुछ दिनों के लिए दिखावे के लिए यह जरूर रुक जाता है। वहीं अवैध उत्खनन और परिवहन की वजह से शासन को हर रोज लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है।
भंडारण पर रॉयल्टी का 15 गुना तथा इसके बराबर राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति की ली जाएगी....
मंत्री समिति की सिफारिश पर बनाई नई नीति पिछले वर्ष खनिज के अवैध उत्खनन,परिवहन और भंडारण पर रोक लगाने के लिए नियमों में संशोधन के लिए मंत्री समिति बनाई गई थी। समिति ने मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996,मध्यप्रदेश खनिज नियम 2006 और मध्यप्रदेश रेत नियम 2019 को निरस्त कर एक ही नियम बनाने की सिफारिश की थी। इसके मद्देनजर खनिज की नई नीति 8 अप्रैल से राजपत्र में प्रकाशन के साथ लागू कर दी है। इसमें अवैध परिवहन के मामले में जब्त खनिज की रॉयल्टी का 15 गुना तथा वाहन क्षमता अनुसार पर्यावरण क्षति की राशि अर्थदंड के रूप में अधिरोपित की है। जुर्माना न चुकाने पर इसे दोगुना करने के साथ वाहन राजसात किया जाएगा। परमिट में दर्ज मात्रा से अधिक का परिवहन पाए जाने पर अधिक मात्रा के खनिज की रॉयल्टी का 15 गुना और वाहन क्षमता के अनुपातिक रूप में पर्यावरण क्षति दंड के रूप में ली जाएगी।
लागू हो गई है नई नीति ........
खनिज के अवैध उत्खनन,परिवहन और भंडारण पर कार्रवाई के लिए नई नीति लागू हो गई है। अधिक मात्रा के खनिज की रॉयल्टी का 15 गुना और वाहन क्षमता के अनुपातिक रूप में पर्यावरण क्षति दंड के रूप में ली जाएगी। जुर्माना नहीं देने पर रेत का अवैध परिवहन करने वाला वाहन राजसात होगा।
.............धर्मेंद्र चौहान-खनिज अधिकारी-झाबुआ
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