*महाशिवरात्रि 2021 पूजा का मुहूर्त, शुभ योग गृहस्थ और साधकों के लिए खास( डाँ. अशोक शास्त्री )*

मालवा के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डाँ. अशोक शास्री ने एक विशेष चर्चा मे महाशिवरात्री के बारे विशेष चर्चा मे बताया की महाशिवरात्रि 2021 वह पावन दिन है जिस दिन शिव भक्त अपने भोलेनाथ और देवी पार्वती की प्रसन्नता और उनका आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखकर इनकी पूजा करेंगे । पुराणों में ऐसी कथा मिलती है कि पूर्वजन्म में कुबेर ने अनजाने में ही महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की उपासना कर ली थी जिससे उन्हें अगले जन्म में शिव भक्ति की प्राप्ति हुई और वह देवताओं के कोषाध्यक्ष बने।
*फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को क्यों कहते हैं महाशिवरात्रि*
महाशिवरात्रि के पावन दिन के बारे में कहा जाता है कि यूं तो साल में हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि आती है जिसे मास शिवरात्रि कहते हैं। ज्योतिषाचार्य डाँ. डाँ. अशोक शास्त्री के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी और गुजरात, महाराष्ट्र के पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी सबसे श्रेष्ठ है इसलिए इसे शिवरात्रि नहीं महाशिवरात्रि कहते हैं। इसकी वजह यह है कि इसी दिन प्रकृति को धारण करने वाली देवी पार्वती और पुरुष रूपी महादेव का गठबंधन यानी विवाह हुआ था।

*महाशिवरात्रि पर रात का क्यों है महत्व*
ज्योतिषाचार्य डाँ. अशोक शास्त्री के दृष्टिकोण से हिंदू धर्म में रात्रि कालीन विवाह मुहूर्त को उत्तम माना गया है इसी कारण भगवान शिव का विवाह भी देवी पार्वती से रात्रि के समय ही हुआ था। इसलिए उत्तर भारती पंचांग के अनुसार जिस दिन फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि मध्य रात्रि यानी निशीथ काल में होती है उसी दिन को महाशिवरात्रि का दिन माना जाता है।

ज्योतिषाचार्य डाँ. अशोक शास्त्री के मुताबिक इस वर्ष 11 मार्च को दिन में 2 बजकर 36 मिनट से चतुर्दशी तिथि लगेगी जो मध्यरात्रि में भी रहेगी और 12 तारीख को दिन में 02 बजकर 59 मिनट पर समाप्त हो जाएगी । इसलिए दिनांक 12 को उदयकालीन चतुर्दशी होने पर दिनांक 11 मार्च को ही शिवरात्री मनाई जाएगी ।

*महाशिवरात्रि पर शिवयोग कब तक*
डाँ. अशोक शास्त्री ने बताया की महाशिवरात्रि के दिन पंचांग देखने से मालुम होता है कि इस दिन का आरंभ शिवयोग मे होता है जिसे शिव आराधना के लिए शुभ माना गया है । शिवयोग मे गुरु मंत्र और पूजा संकल्प लेना भी शुभ कहा गया है । लेकिन शिवयोग दिनांक 11 मार्च को अधिक समय नही रहेगा सुबह 09:24 बजे समाप्त हो जाएगा और सिद्ध योग आरंभ हो जाएगा ।

*महाशिव रात्रि पर सिद्ध योग का लाभ*
डाँ. शास्त्री के मुताबिक सिद्ध योग को मंत्र साधना , जप ध्यान के लिए बहुत शुभ फलदायक माना जाता है । इस योग मे किसी नई चीज को सीखने या किसी काम को आरंभ करने के लिए शुभ माना गया है । ऐसे मे सिद्ध योग मे मध्य रात्रि मे शिव जी के मंत्रो का जाप उत्तम फलदायक होगा ।
*महाशिवरात्रि मुहूर्त ज्ञान*

~ चतुर्दशी आरंभ 11 मार्च: 02 बजकर 40 मिनट
~ चतुर्दशी समाप्त 12 मार्च : 03 बजकर 03 मिनट
~ निशिध काल 11 मार्च मध्य रात्रि पश्चात् 12 बजकर 25 मिनट से 01 बजकर 12 मिनट तक ।
~ शिव योग 11 मार्च सुबह 09 बजकर 24 मिनट तक ।
~ सिद्ध योग सुबह 09 बजकर 25 मिनट से अगले दिन 08 बजकर 24 मिनट ।
~ धनिष्ठा नक्षत्र रात्रि 09 बजकर 45 मिनट तक उपरांत शततारा नक्षत्र आरंभ होगा ।
~ पंचक आरंभ 11 मार्च सुबह 09 बजकर 21 मिनट से ।

*महाशिवरात्रि पर पूजा का समय गृहस्थ और साधकों के लिए*
~ महाशिवरात्रि के अवसर पर तंत्र , मंत्र साधना , तांत्रिक पूजा , रुद्राभिषेक करने के लिए 12 बजकर 25 मिनट से 01 बजकर 12 मिनट तक का समय श्रेष्ठ रहेगा ।
~ सामान्य गृहस्थ को शुभ और मनोकामना पूर्ति के लिए सुबह और संध्याकाल मे शिव की आराधना करनी चाहिए ।
~ 02 बजकर 40 मिनट से चतुर्दशी लग जाने से दोपहर पश्चात् शिवजी की पूजा का विशेष महत्व रहेगा ।

                  *ज्योतिषाचार्य*
          डाँ. पं. अशोक नारायण शास्त्री
          श्रीमंगलप्रद् ज्योतिष कार्यालय
245 , एम. जी. रोड (आनंद चौपाटी ) धार , एम. पी.
                  मो. नं.  9425491351

               *--:  शुभम्  भवतु  :--*


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