पाटी~सड़को पर उतरकर शिक्षकों ने जताया आक्रोश~~
पुरानी पेंशन बहाली व अनुकम्पा नियुक्ति सरल करने की मांग~~
पाटी~नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के विरोध मे ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन द्वारा पुरे प्रदेश मे ब्लाॅक वार आंदोलन किया जा रहा हैं । इसी कड़ी मे 02 अक्टूबर गांधी जयंती पर पाटी ब्लाॅक मे सैकडों की संख्या मे शिक्षक कर्मचारियों द्वारा साई मंदिर धर्मशाला मे सभा कर जिलाध्यक्ष कसरसिंह सोलंकी के नेतृत्व में तहसील कार्यालय पहुचकर 02 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम राजस्व निरीक्षक राजाराम कन्नौजे को सौंपा।
नेशनल पेंशन स्कीम की खामियों को बताते हुए प्रांतीय सचिव हेमेन्द्र मालवीय ने बताया कि देश मे 2004 के बाद नई पेंशन योजना व्यवस्था लागु कर दी गई हैं । शेयर बाजार पर आधारित यह योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए अभिशाप से कम नहीं हैं । आलम यह हैं कि जो पेंशन उम्र के आखिरी पड़ाव मे कर्मचाारियों की लाठी बननी थी, आज वही पेंशन लेते वक्त उनकी आंखे छलक जाती हैं । करोना जैसी महामारी पुरे देश ने सरकारी कर्मचारियों तत्परता और सेवाभाव को देखा है। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सरकारी कर्मचारियों ने अपनी जान हथेली पर रखकर सरकार और मानवता के साथ पूरी शिद्दत से खड़े रहे । लोगों की जान बचाने के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिये। ऐसे शासकीय कर्मचारी जो अपनी पुरी जिंदगी सरहद पर सैनिक के रूप मे देश की रक्षा करते हैं, राष्ट्र निर्माता शिक्षक, कोरोना फाईटर डाक्टर, नर्स, पुलिस के जवान, विद्युतकर्मी, सफाईकर्मी तथा रेलकर्मी आदि सभी कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर उन्हें मात्र 1000 से 1500 तक पेंशन दी जा रही हैं । जबकि देश की सेवा करने के नाम पर चुने गए विधायक, सांसदो को प्रत्येंक जीत के बाद शपथ लेने पर दो-दो, तीन-तीन पेंशन के रूप में लाखों रूपए और सुविधाएं मिल रही हैं ।
जिला कार्यकारी अध्यक्ष शैलेन्द्र जाधव के अनुसार देश मे लगभग 60 लारव NPS के कर्मचारी हैं। NPS के रूप में सरकारी कर्मचारियों का 10% और सरकार का 10% पैसा जमा होता है दोनों को मिला दिया जाए तो 20% पैसा कट रहा है जो न तो कर्मचारी के काम आ रहा है ना ही सरकार के। इससे कर्मचारी, सरकार व देश सभी का नुकसान हो रहा है। यदि सरकार NPS रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल करती है तो इससे कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा के दायरे मे तो आएंगे ही, साथ ही देश व सरकार का अरबों रुपये निजी हांथों में जाने से बच जाएगा और सरकार उससे विभिन्न प्रकार के विकासात्मक कार्य करेगी। जिससे देश तरक्की करेगा और खुशहाली की ओर कदम बढ़ाएगा।
ब्लाॅक उपाध्यक्ष सुश्री उषा दलाल ने कहा कि इस बार गांधी जयंती के अवसर ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले शिक्षक कर्मचारियों ने अपने भविष्य के साथ ही आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए निजीकरण व पुरानी पेंशन की लड़ाई को जन आंदोलन के रूप मे लड़ने का संकल्प लिया । इस दौरान शिक्षकों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के नाम पोस्टकार्ड भी लिखे । पोस्ट कार्ड मे एनपीएस को बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागु करने व शिक्षक पद पर अनुकम्पा नियुक्ति आसानी से मिल सके इसके लिए पूरक अर्हताओं (प्रशिक्षित एवं पात्रता परीक्षा) को शिथिल किए जाने की मांग की ।
साई मंदिर धर्मशाला मे आयोजित सभा को ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष कसरसिंह सोलंकी, जिला कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र भावसार, ब्लाक अध्यक्ष रामेश्वर वर्मा, यशवन्त चौहान, अनिरूद्ध मासोदकर, हृदेश जोशी, विरेन्द्र कुमार सुल्या, निलेश भावसार, राकेश बच्चन, केशव यादव आदि ने भी संबोधित किया । इस दौरान दुन्नु जाधव, इमरान खान, अम्बराम वास्कले, गोविंद वास्कले, किर्ता खर्ते, बंशीलाल सोंलकी, भावेश पिपरकर, किरण सस्ते, छतरसिंह सस्ते, सयदाम सस्ते, रमेश बन्डोड, भवरलाल रावत, दुवालसिंह डावर, राजेश गढ़वाल, महेश चौहान, कमल भायल, सुनिल वर्मा, पवन जमरे, जगन सोलंकी, रमसिया चौंगड सहित अन्य शिक्षक कर्मचारी उपस्थित थें ।
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