झाबुआ~प्रदेश की घटनाओं पर विचार न्यूज़ की विशेष प्रस्तुति संजय जैन द्वारा~~

झाबुआ कलेक्टर का नया नवाचार बोनसाई तीर-कमान~~

दिल के अरमां आंसुओं में बह गए -कद बढ़ा लिया शिवराज ने~~

ब्रेन ट्यूमर पर भारी पड़ा कलेक्टर का ब्रेन-सीएम को याद दिलाई पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने~~

झाबुआ।ब्यूरो चीफ- संजय जैन~~




जिले में आने वाले अतिथियों और वीआईपी को प्रतीक चिह्न के रूप में आदिवासी गुड्डे-गुड़िया के साथ तीर-कमान भी दिया जाता रहा है। अब कलेक्टर ने नवाचार किया है। उन्होंने अब अतिथियों को भेंट में दिये जाने वाले तीर-कमान की प्रतिकृति का आकार छोटा करवा दिया है। बोनसाई आकार वाला तीर-कमान इसलिये कर दिया गया है कि अतिथियों को उसे लाने-ले जाने में परेशानी न हो और जिसे ड्राइंग रूम में भी आसानी से रखा जा सके।

नगर निगम-हाउसिंग बोर्ड की जुगलबंदी ~~


सरकार की नजरों से आठ महीने ओझल रहे मनीष सिंह को अब गृह निर्माण मंडल का दायित्व मिला है। कुछ जो आयएएस अपने काम से पहचान बनाने का हुनर जानते हैं,उनमें मनीष सिंह भी हैं। मान कर चलना चाहिये कि हाउसिंग बोर्ड में अब कुछ नया होगा। हुकमचंद मिल के श्रमिकों के लंबित भुगतान का मामला निपट ही गया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी इस मिल की जमीन पर हाउसिंग बोर्ड के साथ मिल कर इंदौर के लिए कुछ बेहतर करना चाहते हैं।


दिल के अरमां आंसुओं में बह गए ~~


लंबे समय तक केंद्र में सेवा देने के बाद 1988 बैच के आईएएस संजय बंदोपाध्याय 2024 की शुरुआत में जब मप्र लौटे, तब उम्मीद थी कि वरिष्ठता के चलते मुख्य सचिव बन जाएंगे।लेकिन सरकार ने इस पद के लिए वीरा राणा को न सिर्फ योग्य माना बल्कि निर्मला बुच के बाद प्रदेश की इस दूसरी महिला सीएस को 6 माह का एक्सटेंशन भी दे दिया।जिससे बंदोपाध्याय के दिल के आम आंसुओ में बह गए थे। फिर उन्हें कर्मचारी चयन मंडल के चैयरमेन के पद पर ही संतोष करना पड़ा था और इसी पद से वे सेवानिवृत भी हो गये है।

कद बढ़ा लिया शिवराज ने ~~


केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड में उलटफेर की इबारत लिख कर अपना कद बढ़ा लिया है। वे झारखंड के भाजपा प्रभारी भी हैं। झामुमो के बागी-पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने पुत्र बाबूलाल सहित भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है,तो उनका दिल बदलने में शिवराज की खास भूमिका रही है।उन्हें सदस्यता दिलाने वाले समारोह में शिवराज सिंह और असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा खास तौर पर मौजूद थे।

ब्रेन ट्यूमर पर भारी पड़ा कलेक्टर का ब्रेन~~



रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल की तेज नजरों से एक भी स्कूल के ‘ब्रेन ट्यूमर’ प्रभावित शिक्षक बच नहीं सके। स्कूल के शिक्षकों ने ग्रामीण इलाकों में पदस्थ किये जाने से बचने के लिये यह आवेदन दे रखे थे,कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर है।कलेक्टर ने इन शिक्षकों के साथ ही उन सब की भी मेडिकल बोर्ड से जांच कराने का निर्णय लिया है,जो खुद को दिव्यांग और किडनी पीड़ित बता कर वर्षों से शहरी क्षेत्र के स्कूलों में जमे हुए हैं।

हद है बदजुबानी की -अब करोड़पति मैडम बन गयी तबादला मैडम~~


गुना में पदस्थ तहसीलदार अमिता सिंह तोमर ने सर्विस कंडक्ट रूल की सारी हदें पार कर के कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी के लिये जिस भाषा का उपयोग किया है उस पर तो उन पर सख्त कार्रवाई हो ही जाना चाहिए। इन्होंने कौन बनेगा करोड़पति सीजन-2011 में 50 लाख जीते थे। इनके 14 साल के कार्यकाल में इनका 25 बार तबादला हो चुका है पहले इन्हें करोड़पति मैडम के नाम से जाना जाता था अब इन्हें तबादला मैडम के नाम से जाना जाता है। खैर अब प्रशासनिक वर्ग की मुखिया का विभाग कोई एक्शन नहीं ले तो कांग्रेस नेताओं को मान लेना चाहिए कि तहसीलदार को केंद्रीय मंत्री की शह है।

कुलपति के खाते में कीर्तिमान~~

देअविवि की कुलगुरु डॉ रेणु जैन ने अपनी विदाई से पहले विवि के 60 वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्रपति को हीरक जयंती समारोह में आमंत्रित करने का कीर्तिमान अपने नाम तो दर्ज कर ही लिया है।उनके बाद कोई भी कुल गुरु बने लेकिन महामहिम के साथ तो फोटो सेशन उन्हीं का होना है।  

पॉवरफुल खनिज अधिकारी~~

खनिज अधिकारी के पद पर संजय लुणावत की नियुक्ति को चुनौती दी गई है जिसकी हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शासन को नोटिस भी जारी कर दिए हैं। 6 सप्ताह में शासन से जवाब मांगा गया है। याचिका ज्ञानेंद्र पटेल की तरफ से लगाई गई है। एडवोकेट पूर्वा जैन के अनुसार याचिका में कहा है कि लुणावत के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला लंबित है। उनकी नियुक्ति खनिज अधिकारी के पद पर विधि सम्मत नहीं है। इसे निरस्त किया जाए।

सीएम को याद दिलाई पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ~~


अतिथि शिक्षक नियमितीकरण को लेकर एक बार फिर आंदोलन की राह पर आ गए हैं। दिग्विजय ने सीएम मोहन यादव का 6 साल पुराना अतिथि शिक्षकों के पक्ष में उस समय के सीएम को लिखे पत्र की पोस्ट को याद दिला दी। उन्होंने लिखा डॉ. मोहन यादव जब आप विधायक थे, तब आप अतिथि शिक्षकों के पक्ष में सीएम (मुझे)को पत्र लिखते थे। अब प्रभु कृपा से आप खुद सीएम है, तो अतिथि शिक्षकों का अनुभव व योग्यता के आधार पर नियमित करने की कृपा करें।

गाय हमारी माता है~~


प्रदेश में गायों की बेहतरी और सुरक्षा के लिये बीते वर्षों में बजट 60 करोड़ से बढ़कर 250 करोड़ तक पहुंच चुका है।गाय हमारी माता कहा तो जाता है किंतु झाबुआ-इंदौर-भोपाल,शाजापुर, ग्वालियर-मुरैना आदि के राजमार्गों पर निकल जाएं तो देख सकते हैं गौ माता की कितनी चिंता करते हैं गौ पालक...? इंदौर-उज्जैन की सड़कों पर इनका कब्जा नहीं रहता तो शायद सरकार ने मान लिया है कि पूरे प्रदेश में सड़कों पर उनका कब्जा नहीं है।राजमार्गों पर भारी वाहनों की चपेट में आने से आए दिन दुर्घटनाएं आम बात है। वैसे तो सरकार ने आईएएस अधिकारियों की टीम भी गठित कर रखी है,पर इन्हें भी कहा फुरसत है....?
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