बड़वानी~बाल विवाह नही करने की दिलाई शपथ~~
बड़वानी /बाल विवाह कानूनी अपराध के साथ-साथ यह गंभीर सामाजिक समस्या भी है जो जिले के कई समाजों में प्रचलित है यह कूप्रथा न केवल बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करती है बल्कि उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी बाधक बनती है। इसको लेकर ही संस्था आस, एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन परियोजना के टीम द्वारा बड़वानी जिले में गांव-गांव एवं गणेश पंडाल में जाकर बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत बड़वानी जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए शपथ आयोजित की गई । जिसमें संस्था आस बड़वानी के जिला परियोजना समन्वयक संजय आर्य ने बताया कि बाल विवाह से मुक्ति पाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है जिसमें शिक्षा कानूनी जागरूकता समाज में जागरूकता के सख्त जरूरत है। इस दिशा में ठोस कदम उठाकर ही बच्चों को एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य देने में सक्षम होंगे शिक्षा का प्रसार बाल विवाह के रोकथाम के लिए शिक्षा सबसे प्रभावी उपाय है। जब बच्चों विशेष कर लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होती है तो वह समझ में अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होते हैं और खुद को सशक्त महसूस करती है कानूनी तर्क बाल विवाह को रोकने के लिए कठोर कानूनी कार्रवाई भी जरूरी है क्योंकि ज्यादा कानूनी कार्रवाई न होने के कारण अपराध बढ़ता है, सामाजिक जागरूकता बाल विवाह को लेकर सामाजिक जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है समुदायों के बीच इन कूप्रथाओं के दुष्प्रभाव को बताना होगा। वहीं इनको प्रथा के खतरे के बारे में लोगों को इसको प्रथा को छोड़ने के लिए प्रेरित टीम द्वारा किया जा रहा है तब हम सब इससे निजात पा सकते हैं संस्था आस बड़वानी जिले के 50 गांव में कार्य कर रहे हैं जिसमें संस्था द्वारा बाल विवाह और बाल श्रम पर लोगों को निरंतर जागरूक किया जा रहा है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की स्कूल आंगनवाड़ी एवं ग्राम पंचायत लेवल पर भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं।
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