झाबुआ~प्रदेश की निम्न हलचलो पर विचार न्यूज़ की विशेष प्रस्तुति संजय जैन की कलम से~~

ऐसा जन्मदिन पहले कभी नहीं मना-बल्ला कांड से बरी~~

चंदन चोरों पर मेहरबानी-दिया तले अंधेरा~~

मुख्य सचिव की दौड़ में अब बाकी बचे तीन~~

केंद्रीय मंत्री से भाजपा विधायक भी नाराज~~

कार्यपालन यंत्री की पोस्टिंग का भाव 25 लाख~~

जाते जाते फिर लौट आए सीएम~~

जीतू पटवारी 242 वोट भी नहीं बढ़ा पाए ~~

ऐसा जन्मदिन पहले नहीं मना .....

झाबुआ। ब्यूरो चीफ- संजय जैन~~



बल्ला कांड में पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय बरी तो,बाद में हुए लेकिन उनके जन्मदिन की बधाइयों की होर्डिंग्ज और अखबारों में विज्ञापन की जो बाढ़ देखी गई,उससे लोगों को लग गया था कि भले ही वो पूर्व विधायक हो गए लेकिन अब भी अभूतपूर्व है।इन होर्डिंग्ज से शहर को पहली बार पूरे विजयवर्गीय परिवार के दर्शन भी हो गए। उनकी बधाइयों वाले पोस्टर से विधायक गोलू शुक्ला को अहसास हो गया होगा कि कावड़ यात्रा के प्रचार में उनके समर्थक पिछड़ गए।नगर निगम के अधिकारियों को भी बहुरंगी शहर ने इतना सम्मोहित किया कि वो भी सुधबुध गवां बैठे। 

चंदन चोरों पर मेहरबान...

शायद ही कोई महीना ऐसा जाता हो जब इंदौर में चंदन के पेड़ काटने की घटना नहीं होती है।पुलिस बस रिपोर्ट दर्ज करने जितनी ही, फुर्ती दिखाती है।वन विभाग ने भी चंदन के पेड़ों की जियो टैगिंग करने और उनका रिकार्ड रखने की अनिवार्यता पर सोचा ही नहीं है। इस सारी उदासीनता से यह भी शक बढ़ रहा है कि क्या इन विभागों की साठगांठ है इन चोरों से...? शहर के बीचोंबीच से पेड़ कट जाएं, सशस्त्र गैंग आराम से फरार हो जाए और किसी कैमरे में भी नजर ना आए यह सब तो समझ से परे है।

गृह मंत्रालय-दिया तले अंधेरा....

बैरसिया में नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ के मामले को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। यह तो सीधे सीधे मुख्यमंत्री को फेल करने की साजिश ही मानी जाएगी कि वे गृह विभाग को ठीक से संभाल नही पा रहे हैं। बैरसिया शहर जब सड़कों पर उतर आया और हिंदू संगठन ने आंदोलन अपने हाथ में लिया ,तब कलेक्टर और एसपी को भी होश आया। प्रशासन को हाथ पैर जोड़ कर लोगों को समझाना पड़ा।जिस तरह प्रदेश में अपराध बढ़ने के साथ पुलिस की निष्क्रियता के किस्से आम हो रहे हैं, तो लोगों को लगने लगा है कि अब सीएम को गृह मंत्रालय का स्वतंत्र दायित्व किसी मंत्री को दे देना चाहिए। 

मुख्य सचिव की दौड़ में,अब बाकी बचे तीन ...



अक्टूबर से अगला मुख्य सचिव कौन? तीन नामों में पहले क्रम पर तो डॉ. राजेश राजोरा चल रहे हैं।बाकी दो नामों में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अनुराग जैन और एसएन मिश्रा प्रमुख हैं। इस दौड़ में मोहम्मद सुलेमान भी थे लेकिन उन्हें कर्मचारी चयन मंडल के अध्यक्ष का दायित्व सौंप कर मंत्रालय भवन से बाहर कर दिया है।वर्ष 1989 बैच के दो अन्य अधिकारी विनोद कुमार और जेएन कंसोटिया पहले से मंत्रालय से बाहर पदस्थ हैं।

केंद्रीय मंत्री से भाजपा विधायक भी नाराज....


केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक के संसदीय क्षेत्र टीकमगढ़ के भाजपा नेताओं और पूर्व मंत्रियों में केंद्रीय मंत्री के रवैये को लेकर आक्रोश सार्वजनिक होता जा रहा है। पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह और उनके विधायक बेटे के बाद छतरपुर की विधायक ललिता यादव भी खटीक के खिलाफ मुखर हो गई हैं। केंद्रीय मंत्री के विरुद्ध पार्टी मे बढ़ती जा रही खटर-पटर की वजह है,भाजपा के निष्ठावानों की अनदेखी कर केंद्रीय मंत्री कांग्रेस से पार्टी में आए लोगों पर भरोसा और उन्हें ही जिम्मेदारी सौंप रहे है। 

कार्यपालन यंत्री की पोस्टिंग का भाव 25 लाख ...

जल संसाधन संभाग इंदौर के कार्यपालन यंत्री तीन महीने पहले रिटायर हो गए हैं।किसी अधिकारी को न प्रभार दिया है न ही अब तक किसी की नियुक्ति हुई है।कर्मचारियों की परेशानी यह है कि उनके जीपीएफ और अन्य भत्तों के मामले लंबित होते जा रहे हैं।विभाग में अधिकारियों की कमी नहीं है,लेकिन इस पद के लिए पोस्टिंग का रेट 25 लाख बताया जा रहा है। इतना चुकाने के बाद भोपाल में मंत्रालय वाले आदेश जारी करने के बदले इससे आधी राशि मांग कर रहे हैं।विभाग के मंत्री तो ऐसे किसी भाव ताव से साफ इंकार करते हैं। दूसरी तरफ विभागीय स्टॉफ का कहना है कोई मंत्री तो सीधे डिमांड करता नहीं, पुत्र या उनके खास लोग ऐसे मामले निपटाते हैं। 

जाते जाते फिर लौट आए सीएम ...


अपनी एक दिनी यात्रा पर आए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आईएसबीटी के निर्माणाधीन भवन का अवलोकन कर के रवाना होने को ही थे। डीएसपी सिक्योरिटी ने कान में कह दिया कि आयडीए ने प्रेजेंटेशन भी तैयार कर रखा है। सीएम के वापस लौटने की सूचना पर संभागायुक्त दीपक सिंह, सीईओ आरपी अहिरवार अलर्ट हो गए, एक पल को समझ नहीं पाए कि क्या हो गया। सीएम ने प्रेजेंटेशन देखने की इच्छा जाहिर की, सीईओ अहिरवार एक एक बिंदु समझाते रहे।प्लॉनिंग से गद गद हुए सीएम प्राधिकरण अधिकारियों की पीठ थपथपा गए। 

पटवारी 242 वोट भी नहीं बढ़ा पाए ...


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नाम इंदौर के वार्ड 83 के उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी की शर्मनाक हार भी जुड़ गई।स्व.कमल लडढा के निधन के कारण हुए उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जीतू राठौर की जीत तो तय मानी जा रही थी। लेकिन यह क्या कम शर्मनाक है कि कांग्रेस प्रत्याशी विकास जोशी उतने वोट भी प्राप्त नहीं कर सके जितने पहले आशीष लाहोटी को मिले थे। तब लाहोटी को 2477वोट मिले थे और जोशी को मिले 2235, जो कि तब के मुकाबले से 242 कम थे।ऐसे हारे कि पिछली बार जितने,मतों तक भी नहीं पहुंच पाए।

Share To:

Post A Comment: