झाबुआ~जिला स्तरीय कार्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) समिति की बैठक हुई आयोजित~~

झाबुआ। संजय जैन~~




जिला स्तरीय कार्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) समिति की बैठक कल कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित की गयी

कॉपोरेट सोशल रिस्पान्सेबिलिटी समिति का गठन करेगी.....

  बैठक में बताया गया कि कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत सीएसआर के अनिवार्य प्रावधान प्रभावी हो गए। प्रत्येक कंपनी जिसकी कुल संपत्ति पांच सौ करोड़ रुपए या उससे अधिक है या एक हजार करोड़ रुपये या उससे अधिक का कारोबार है या 3 वर्ष (तत्काल पूर्ववर्ती वित्तीय) के दौरान पांच करोड़ रुपये या उससे अधिक का शुद्ध लाभ है, एक कॉपोरेट सोशल रिस्पान्सेबिलिटी समिति का गठन करेगी। यदि कोई कंपनी सीएसआर के प्रावधानों का अनुपालन करने में चूक करती है, तो कंपनी द्वारा खर्च हेतु लंबित राशि के दोगुने जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगी। वे गतिविधियों जिन्हें कंपनियों द्वारा अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व नीतियों में शामिल किया जा सकता है।

निम्नलिखित से संबंधित गतिविधिया..


• भूखमरी, गरीबी और कुपोषण का उन्मूलन।

• शिक्षा को बढ़ावा देना, जिसमे विशेष रूप से बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों के बीच व्यावसायिक कौशल बढ़ाने वाली विशेष शिक्षा और आजीविका संवर्धन परियोजनाएं शामिल है।

• लैंगिक समानता को बढ़ावा देना, महिलाओं को सशक्त बनाना, महिलाओं और अनाथों के लिए घर और छात्रावास स्थापित करना, वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धाश्रम, डे केयर सेंटर और ऐसी अन्य सुविधाएं स्थापित करना और सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समूहों द्वारा सामना की जाने वाली असमानताओं को कम करने के उपाय करना।

• पर्यावरणीय स्थिरता, पारिस्थितिक संतुलन, वनस्पतियों और जीवों की सुरक्षा, पशु कल्याण, कृषि वानिकी, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और मिट्टी, हवा और पानी की गुणवत्ता बनाए रखना सुनिश्चित करना ।

• इमारतों और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों और कला के कार्यों की बहाली सहित राष्ट्रीय विरासत कला और संस्कृति की सुरक्षा, सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना पारंपरिक कला और हस्तशिल्प का प्रचार और विकास।

• सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त, युद्ध विधवाओं और उनको आश्रितों 9 (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय अर्ध सैन्य बलों (सीपीएमएफ) के दिग्गजों और विधवाओं सहित उनके आश्रितों) के लाभ के लिए उपाय ।

• ग्रामीण खेलों, राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त खेलों पैरालंपिक खेलों और ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण ।

• प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष 8 (या प्रधान मंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)) या केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किसी अन्य फंड में योगदान। सामाजिक आर्थिक विकास और अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के राहत और कल्याण के लिए ।

• केंद्र सरकार या राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या केंद्र सरकार या राज्य सरकार की किसी एजेंसी द्वारा वित्त पोषित विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और चिकित्सा के क्षेत्र में इनक्यूबेटर या अनुसंधान और विकास परियोजनाओं में योगदान।

• सार्वजनिक वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में योगदान और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को बढ़ावा देने के तद्देश्य से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और चिकित्सा में अनुसंधान करने में लगे हुए है।)

• ग्रामीण विकास परियोजनाएँ।

• स्लम क्षेत्र विकास (स्पष्टीकरण इस मद के प्रयोजनों के लिए, स्लम क्षेत्र' शब्द का अर्थ केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा उस समय लागू किसी भी कानून के तहत घोषित कोई भी क्षेत्र होगा।)

• आपदा प्रबंधन, जिसमें राहत पुनर्वास और पुनर्निर्माण गतिविधिया शामिल है।

यह थे उपस्थित....
 इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मेघनगर मुकेश सोनी, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग निशा मेहरा, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र से पिंकी डिंडोर, महिला एवं बाल विकास अधिकारी राधूसिंह बघेल, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग उप संचालक पंकज सांवले, मुख्य नगरपालिका अधिकारी मेघनगर राहुल वर्मा एवं औद्योगिक इकाइयों के प्रमुख उपस्थित थे।
फ़ोटो01-
000000000

जनसुनवाई में प्राप्त आवेदनों के तत्काल निराकरण के निर्देश दिए जाते है,लेकिन तत्काल की परिभाषा के मतलब क्या....?

बहादुर सागर तालाब की दुर्दशा रोकने हेतु ,भौतिक सत्यापन कराने हेतु लगाई गुहार-धारा 80 C के तहत नोटिस जारी करने का मन बना चुका हु-आवेदक जितेंद्र सिंह राठौर.....

झाबुआ। संजय जैन। लोकसभा निर्वाचन 2024 की आंचर संहिता समाप्ति के पश्चात् कलेक्टर नेहा मीना ने कल प्रातः11 बजे प्रथम जनसुनवाई की।  
        
बहादुर सागर तालाब की दुर्दशा रोकने हेतु ,भौतिक सत्यापन कराने हेतु लगाई गुहार....
आवेदक जितेंद्र सिंह राठौर ने बहादुर सागर तालाब में चल रहे DPR के विरुद्ध चल रहे गुणवत्ताहीन किये जा रहे कार्य की भौतिक सत्यापन की मांग अनुभवी एजेंसी PWD या इरिगेशन से करवाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया।
उनका कहना है कि मैं विगत कई वर्षों से प्रशासन से तालाब में हुए अतिक्रमण की गुहार लगा रहा हु और अन्तः अतिक्रमण पाया भी गया,लेकिन प्रशासन अतिक्रमणकारियों को क्यो बचा रहा है।आये दिन हम खबरों में पढ़ते है कि कलेक्टर ने तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये है। मजेदार बात तो में हर बार देख रहा हु , निर्देश तो सिर्फ कागज और खबरों तक ही सीमित रहता है। लेकिन खुद जिले के मुखिया आज तक उनके खुद के निर्देश का पालन कराने के लिए कोई एफर्ट्स नही कर पाता है,सिर्फ कागज का ही खेल सतत चला आ रहा है। 

मुखिया को धारा 80 C के तहत नोटिस जारी करने का मन बना चुका हूं....
मुझे तो हंसी आती है कि इन दिनों जिला मुखिया रोज कही न कही तालाब के गहरीकरण के हेतु जिले के बाहर जाती है और उनका शानदार फ़ोटो खबर के साथ प्रकाशित भी होता है।मजेदार बात तो यह है कि सारी अनियमिता के बारे में उन्हें पत्रकारों और शिकायत के माध्यम से लोगों द्वारा कई बार उन्हें सूचित भी किया जा चुका है।इसके बाद भी वे आज तक खुद के मुख्यालय पर जिले के सबसे प्राचीन और बड़े तालाब तक आज तक नही गयी है।ऐसे में अधिकारियों को मात्र निर्देश दे देने से क्या होगा...? अब मै निराश होकर मुखिया को धारा 80 C के तहत नोटिस जारी करने का मन बना चुका हूं। आगे सुनवाई नही होती है तो मैं यह मामला लोकायुक्त और NGT तक भी ले जाने में पीछे नही हटूंगा।


निर्देश दिए....
 इस प्रकार जनसुनवाई में कुल 72 आवेदन आए। कलेक्टर ने सम्बंधित अधिकारियों को समस्याओं के निराकरण के साथ ही पात्र व्यक्तियों को शासन की योजनाओ का लाभ दिए जाने के निर्देश दिए।

यह थे उपस्थित .....
 इस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री जितेन्द्र सिंह चौहान, अपर कलेक्टर श्री एस.एस.मुजाल्दा, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व झाबुआ श्री हरिशंकर विश्वकर्मा एवं सभी विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। 
Share To:

Post A Comment: