झाबुआ~जिला प्रशासन अब कल की कार्रवाई के बाद तो पक्का दिखावे की परिपाटी की ओर हो चुका है अग्रसर~~
जिला पंजीयक अधिकारी द्वारा जिला मुख्यालय पर कार्यरत सेवा प्रदाताओं का मात्र दिखावे हेतु शायद किया गया औचक निरीक्षण-* जाना था जापान पहुच गए चीन~`
झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन~~
कल जिला पंजीयक अधिकारी अमरीश नायडू द्वारा जिला मुख्यालय पर कार्यरत सेवा प्रदाताओं का मात्र शायद औपचारिकता के लिये औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें मात्र सेवा प्रदाता भूपेन्द्र कोठारी,गोपाल बुन्देला,आदित्य बाजपेयी, नितिन कोठारी एवं सार्थक मेहता का निरीक्षण किया गया। जिसमें से 01 से 03 सभी सेवा प्रदाताओं को रिकॉर्ड व्यवस्थित करने हेतु निर्देशित किया गया। इन सेवा प्रदाताओ के पंजीयो में कमियां पाई गई तथा बोर्ड स्पष्ट नहीं होने से तत्काल नया बोर्ड लगाने तथा दर-सूची लगाने हेतु निर्देश दिये। सभी सेवा प्रदाताओं को नियमानुसार व्यवस्था ठीक करने हेतु 07 दिवस का समय भी दिया। साथ ही शहर में स्थित 04 सम्पत्तियों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया, जिसमें मौके अनुसार मात्र दो सम्पति सही पाई गई एवं दो सम्पत्तियों में भिन्नता होने से प्रकरण दर्ज किये गये।
* जाना था जापान पहुंच गए चीन *....................
इस औचक निरीक्षण पर हमारी टीम ने नगर के सेवा प्रदाताओं से चर्चा कर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो,उन्होंने नाम ना छापने की शर्त पर हमें बताया की अधिकारी * जाना था जापान और पहुच गए चीन * की तर्ज पर शायद जिला पंजीयक अधिकारी ने अपने उच्चतर अधिकारी को मात्र दिखावे या गुमराह करने हेतु यह निरीक्षण किया है। जहां पर अधिकतर ठीक था सिर्फ वहीं पहुचकर उनके द्वारा निरीक्षण किया गया। जबकि जिस सेवा प्रदाता का उन्हें निरीक्षण करना चाहिए था वहां वे गए ही नही,इसकी पीछे की साजिश या किसी प्रभावी का दबाव तो वे ही जाने। कुछ सेवा प्रदाता ने बताया कि नगर में ही नही वरन शायद पूरे जिले और प्रदेश में एक ही ऐसा सेवा प्रदाता होगा,जिसने सिर्फ लाइसेंस तो ले लिया है,लेकिन नियमानुसार कोई भी संसाधन नही रखा है ,यहाँ तक की बोर्ड भी नही टांगा है। और तो और संचालक झाबुआ में भी नही रहता है। वही हमारा मात्र बोर्ड छोटा या टेड़ा था, तो हमें सात दिन में इसे ठीक करने हेतु मात्र दिखावे के लिए निर्देश देकर चल दिये। जब हमारी टीम ने इनसे उस सेवा प्रदाता का नाम पूछा और उन्हें आश्वासन दिया की हम आपका नाम नही छापेंगे, तो उन्होंने दबी हुई जुबान से सेवा प्रदाता स्तुति मेहता का नाम-जगमोहनदास मार्ग,झाबुआ हमे बताया। अब देखना यह है कि डिस्ट्रीक्ट रजिस्ट्रार जो सिर्फ अल्प समय के लिए झाबुआआते है, वे झाबुआ आने पर ही कार्रवाई करेंगे या इस दरमियान सेवा प्रदाता को सब कुछ ठीक कर दने का समय दे देंगे। जबकि ख़बर प्रकाशन के तुरंत बाद ही उन्हें अपने विभाग से किसी को भी जांच करने के लिए तुरंत भेज देना चाहिए, ऐसा हमारा मानना है।
कुल 4 में से 2 रजिस्ट्रियों में संपत्तियों के निरीक्षण में पायी गयी अनियमितता ..................
निरीक्षण में कुल 4 में से 2 संपत्तियों के निरीक्षण में अनियमितता पायी गयी,जो 50 प्रतिशत के बराबर है। प्रशासन को किस सेवा प्रदाता द्वारा यह रजिस्ट्रीया करवाई गई है,उन्हें प्रेस नोट में उस सेवा प्रदाता के नाम का भी उल्लेख करना चाहिए था। खैर,अभी भी कुछ नही बिगड़ा है यदि अनियमितता का आंकड़ा जांच में 50 प्रतिशत पाया गया है,तो यह बेहद गंभीर अपराध की श्रेणी में आता तो है। जिस सेवा प्रदाता ने ऐसी रजिस्ट्रीया की है,तो उसके द्वारा आज तक की गयी तमाम रजिस्ट्रीयो की बारीकी और ईमानदारी से जांच करनी चाहिए। हा,यदि दोनो ही रजिस्ट्री एक ही सेवा प्रदाता द्वारा की गयी है,तो जांच की शायद ही आवश्यकता है। उस पर तो सीधे मामला दर्ज कर देना चाहिए,ताकि भविष्य में कोई भी सरकार के राजस्व का नुकसान करने की हिम्मत न कर सके,ऐसा हमारा मानना है।
ÓÓÓ बॉक्स ख़बर ÓÓÓ
जिला प्रशासन पक्का दिखावे की परिपाटी की ओर हो चुका है अग्रसर...........
गौरतलब है की इसी समाचार पत्र में मंगलवार 20 जून को * कही जिला प्रशासन कार्रवाई के नाम पर दिखावे की परिपाटी पर तो अग्रसर नही हो रहा है * नामक शीर्षक से आधार कार्ड बनवाने हेतु ग्रामीण तपती कड़ी धूप में परेशान हो रहे है, इस बारे में समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित कर प्रशासन को अवगत कराया था। जिसके बाद मात्र शायद दिखावे हेतु प्रशासन ने एसडीएम को जांच हेतु भेज दिया और मात्र कुछ मिनटों में जांच कर उन्होंने रिपोर्ट दे दी की आधार केंद्र पर सब कुछ ठीक चल रहा है। उसी तर्ज पर भी कल की जांच भी मात्र दिखावे के लिए तो नही की गयी थी....? वो भी सिर्फ अपने उच्चतर अधिकारी को गुमराह करने हेतु। इस जांच के बाद यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नही होगी की जिला प्रशासन जांच के नाम पर सिर्फ और सिर्फ पक्का दिखावे की परिपाटी की ओर अग्रसर हो चुका है। सूत्रों से पता चला है कि यदि कोई अधिकारी शिकायत कर्ता की शिकायत पर कार्रवाई नही करता है और सिर्फ आश्वासन दे देकर काफी समय व्यतीत कर देता है। काफी समय बीत जाने के बाद जब शिकायत कर्ता इसकी शिकायत जिला मुखिया को करने पहुचता है,तब वे उसे लिखित में आवदेन करने के लिए कह कर अपना पल्ला झाड़ लेती है। शायद वे यह बात अच्छे से जानती है कि प्रभावी लोगों की लिखित में शिकायत आमजन कभी नही करेगा, विशेषकर जब शिकायत जनहित, सरकारी जमीन पर कब्जा,आर्थिक अनियमितता या सरकार के राजस्व के नुकसान की होती है। यह यथार्थ सत्य है की आज के इस जमाने मे मात्र खुद के घर और परिवार की सुरक्षा की बात पर कोई आंच आती है,तो ही आमजन किसी भी प्रभावी,माफिया या बल्लम की लिखित में शिकायत करने से तनिक भी पीछे नही हटता है।
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सतत जारी रहेगी कार्रवाई...........................
यदि सेवा प्रदाताओं ने आपके माध्यम से हमें अनियमितता करने वाले सेवा प्रदाता के बारे में सूचित किया है। मैं तुरन्त स्तुति मेहता सेवा प्रदाता की मौके पर जांच करवाता हूँ। कुल 4 संपत्तियों के निरीक्षण में से 2 में अनियमितता पायी गयी हैं। यह एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। हम उपरोक्त सेवा प्रदाताओ द्वारा की गयी आज तक की सारी रजिस्ट्री की बारी-बारी से बारीकी से जांच अवश्य करेंगे।
..........................अमरीश नायडू-डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार,झाबुआ।
लिखित में शिकायत करें...................
यदि ऐसी कोई अनियमितता है, तो शिकायत कर्ता लिखित में आवेदन करें,हम तुरंत कार्रवाई करेंगे। यह हमारे राजस्व का नुकसान नही है,यह तो सरकार के राजस्व का नुकसान है।
.....................तन्वी हुड्डा-कलेक्टर,झाबुआ
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