धार~धर्मयात्रा: जय जगन्नाथ के जयकारे लगे, श्रद्धालुओं ने हाथों से खींचा देव परिवार का रथ~~
लगातार दूसरे वर्ष धार में इस्कॉन के सहयोग से निकली भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा के विग्रह रूप में यात्रा~~
जय श्रीकृष्णा से श्रद्धालुओं का परस्पर अभिवादन, बैंड पर गूंजा हरे-रामा, हरे-कृश्णा का भक्ति गीत ~~
महिलाओं ने बुहारा यात्रा मार्ग, दर्जनों मंचों से स्वागत, सांवरिया सेठ मंदिर में हुई महाआरती~~
धार। मुख्यालय धार में सतत दूसरे वर्ष इस्कॉन धार के सहयोग से राजा भोज की नगरी में मंगलवार को भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली। मोतीबाग चौक से दोपहर करीब 4 बजे रथयात्रा प्रारंभ हुई। जय जगन्नाथ के उद्घोष के साथ श्रद्धालुओं ने रस्सियों से रथ को खींचा। शहर में जगह-जगह यात्रा मार्ग पर मंचों के माध्यम से भगवान और श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई। यात्रा में शामिल लोगों ने हरे-रामा, हरे-कृष्णा, जय जगन्नाथ के उद्घोष के साथ एक-दूसरे का स्वागत किया। पुरुष सफेद तो महिलाएं पीले परिधान में यात्रा में शामिल हुई। कृष्ण भजनों पर महिलाओं ने भावपूर्ण नृत्य भी किया। इस दौरान यात्रा मार्ग पुष्पों से पट गया। देव जगन्नाथ के दर्शन करने के लिए शहर के लोग सड़कों पर निकले। करीब 5 घंटे का सफर तय कर यात्रा सांवरिया सेठ मंदिर त्रिमूर्ति नगर पहुंची। जहां पर यात्रा का समापन हुआ। इसके बाद महाप्रसादी वितरित की गई।
आम और खास सभी पहुंचे दर्शन को
भगवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा में आम और खास सभी शामिल हुए। सभी समुदाय के लोगों ने इसमें सहभागिता की। यात्रा के प्रारंभ में भगवान श्री जगन्नाथ की आरती की गई। इसमें जिपं अध्यक्ष सरदारसिंह मेड़ा, पूर्व सीसीबी अध्यक्ष कुलदीप सिंह बुंदेला ,पूर्व नपं अध्यक्ष कुक्षी मुकामसिंह किराड़े, पार्षद अजीत जैन , कुलदीप सिंह डैंग, सहित भाजपा से जुुड़े कई लोग और समिति से पदाधिकारीगण अन्य गणमान्य लोगों ने आरती लाभ लिया। इसके पश्चात जय जगन्नाथ के उद्घोष के साथ भगवान का रथ हाथों से खींचा गया। यात्रा मार्ग पर अलग-अलग समुदाय के लोगों ने स्वागत मंच लगाए थे। बैंड दल कृष्ण भजन को गाते हुए चल रहे थे। भगवान के रथ को महिला और पुरुष भक्तगणों ने अपने हाथों से खींचा। वहीं कुछ महिलाएं झाडू थामकर यात्रा मार्ग को साफ करते हुए आगे बढ़ रही थी। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पर्याप्त पुलिस बल मौजूद था।
बड़े रथ में भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी के प्रतीक मुखौटे सुंदर सज्जा के साथ विराजित थे। रथ पर इस्कॉन प्रभारी आचार्य श्रीकृष्ण अर्चनदास सवार थे। वहीं अन्य लोग प्रसादी वितरण करते हुए चल रहे थे। यात्रा मार्ग पर लोगों ने छज्जों और गैलरियों पर खड़े होकर देव जगन्नाथ के दर्शन किए। घरों से यात्रा पर फूल बरसाए गए। इसमें विशेष रूप से संरक्षक अशोक जैन, स्वयंप्रकाश सोनी, अध्यक्ष संतोष पांडे, सचिव डॉ अशोक शास्त्री, अशोक मनोहर जोशी, ओम सोलंकी, अनिल बोरदिया, राजेश शुक्ला, सुमित चौधरी, हेमंत दौराया, अभिषेक चतुर्वेदी, महेश शर्मा, अश्विन चौहान सहित शहर के व्यापारी, अधिवक्ता, चिकित्सक, पत्रकार एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
घर-घर तक पहुंचे जगन्नाथ की कृपा
इस्कॉन प्रभारी आचार्य श्रीकृष्ण अर्चन दासजी ने बताया कि रथ यात्रा का उद्देश्य यह है कि भगवान जगन्नाथ की कृपा घर-घर तक पहुंचे, हर इंसान, हर व्यक्ति तक पहुंचे और भक्ति मार्ग से लोग जुड़ सके। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन बहुत दुर्लभ होता है। दुर्लभ मनुष्य जीवन की सफलता सबको मिले। भगवान की भक्ति के द्वारा हमारे सनातन, संस्कृति, सनातन धर्म का जो संदेश है, गीता, भागवत, रामायण हमारे शास्त्रों का जो संदेश है उसको लोगों तक पहुंचाना यात्रा का उद्देश्य है।
मंगलवार को सायं 4 बजे यात्रा मोतीबाग चौक स्थित अखंड ज्योति मंदिर से प्रारंभ हुई। यात्रा गाछावाड़ी, राजबाड़ा चौक, आनंद चौपाटी, धानमंडी, कश्यप भवन, मोहन टॉकिज, घोड़ा चौपाटी होते हुए त्रिमूर्ति नगर स्थित सांवरिया सेठ मंदिर पहुंची। करीब 5 घंटे तक सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ के उद्घोष के साथ रथ को मंदिर तक पहुंचाया। वहां 56 भोग दर्शन, इस्कॉन धार के प्रभारी कृष्ण अर्चन दास प्रभु जी के प्रवचन, महाआरती के पश्चात् महाप्रसादी का वितरण किया गया।
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