धार~फैसला- पूर्व विधायक गौतम सहित 6 कांग्रेस नेताओं को 7-7 साल की सजा~~
6 साल पूर्व हुए हमले के दौरान दर्ज मुकदमें में इंदौर विशेष न्यायालय ने सुनाया फैसला~~
हत्या के मामले में आरोपित भाजपा-कांग्रेस से जुड़े नेता बरी, विवाद के दौरान गौतम समर्थक की हुई थी गोली लगने से मौत~~
बरी पक्ष से 1 आरोपी महेन्द्रसिंह बंदूक सहित अभी तक फरार, उसकी फरारी में कोर्ट का फैसला
सुरक्षा के मद्देनजर इंदौर कोर्ट में पुलिस बल रहा तैनात, दोनों पक्ष से पहुंचे थे लोग~~
धार। विशेष न्यायालय एमपी-एमएलए कोर्ट जिला इंदौर ने शनिवार को घाटाबिल्लौद में पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व विधायक बालमुकुंदसिंह के साथ हुए विवाद एवं दोनों पक्षों की और से हुई गोलाबारी मामले में फैसला सुनाया है। न्यायाधीश मुकेश नाथ के फैसले में हत्या के मामले में आरोपित पक्ष से सभी लोग बरी कर दिए गए है। वहीं प्राणघातक हमले एवं अन्य धाराओं में गौतम पक्ष से पूर्व विधायक बीएम गौतम, उनके भाई मनोजसिंह गौतम, राकेशसिंह गौतम, पंकजसिंह गौतम, पम्मू गौतम व राजेशसिंह पटेल को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है। फैसले के मद्देनजर इंदौर कोर्ट परिसर में सुरक्षा इंतजाम के तहत विशेष पुलिस बल लगाया गया था। दोनों पक्षों से बड़ी संख्या में समर्थक पहुंचे थे।
गौतम समर्थक की हुई थी मौत
फैसले के बाद गौतम समर्थकों के चेहरे पर निराशा देखी गई है। दरअसल 2 जून 2017 को हुए इस विवाद के दौरान गौतम समर्थक युकां जिला महासचिव बबलु चौधरी की गोली लगने से मौत हो गई थी। वहीं तत्कालीन शहर कांग्रेस अध्यक्ष पीथमपुर पिंटू जायसवाल को भी गोली लगी थी। दोनों पक्षों की और से गोलाबारी के दौरान पुलिस ने भी विवाद रोकने के लिए फायर किए थे। इस मामले में दोनों पक्षों की और से एफआईआर दर्ज की गई थी जिसमें 1 पक्ष से जड़े सभी लोग बरी हो गए है। वहीं गौतम सहित समर्थकों को सजा सुनाई गई है।
यह था मामला
2 जून 2017 को धार से कांग्रेस के पूर्व विधायक बालमुकुंदसिंह गौतम घाटाबिल्लौद में एक मान के कार्यक्रम में सम्मिलित होने गए थे। इस दौरान कांग्रेस के नेता चंदनसिंह और समर्थकों से विवाद हो गया था। इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई थी। इस मामले में रिपोर्ट करने जा रहे गौतम और समर्थकों पर चंदनसिंह और समर्थकों ने दोबारा हमला कर दिया। जिसमें दोनों और से पत्थर और गोलियां चलाई गई थी। इस विवाद के बाद दोनों और से आरोप-प्रत्यारोप हुए थे जिसमें चंदनसिंह की और से बताया गया था कि गौतम ने उनके घर पर हमला किया था। पुलिस ने बालमुकुंदसिंह गौतम की रिपोर्ट पर चंदनसिंह पिता देवीसिंह, समंदर पटेल उटावद, घनश्याम मलगांव, रघुनाथ जाट, रघुनाथ बरगुड़ा, अर्जुन राजपूत, इंदरसिंह सांगवी, अर्जुन, कैलाश सोलंकी, सुरेश राजपूत आवली और महेन्द्र पर धारा 341, 147, 148, 149, 307, 302 व आर्म्स एक्ट की धारा 25 व 27 में प्रकरण दर्ज किया था। वहीं चंदनसिंह की रिपोर्ट पर बालमुकुंदसिंह गौतम, मनोजसिंह गौतम, राकेशसिंह गौतम, पंकजसिंह गौतम, पप्पूसिंह गौतम, राजेशसिंह पटेल के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 307, 294, 506 व आर्म्स एक्ट की धारा 25 व 27 में प्रकरण दर्ज किया था।
बॉक्स-1
मंत्री के सामने चुनाव लड़ने वाले थे गौतम
पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंदसिंह गौतम और मनोजसिंह गौतम को सुनाई गई सजा ने प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की राजनीति का रूख बदल दिया है। दरअसल बीएम गौतम बदनावर से कांग्रेस के सशक्त उम्मीदवार माने जा रहे थे। मंत्री राजवर्द्धनसिंह दत्तीगांव के समक्ष चुनाव लड़ने के लिए बदनावर में सक्रिय भी थे। इधर मनोजसिंह गौतम और राजेशसिंह पटेल धार से पूर्व केन्द्रीय मंत्री विक्रम वर्मा की धर्मपत्नी नीना वर्मा के समक्ष चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। कोर्ट से सजा के बाद राजनैतिक हलकों में कहीं खुशी तो कहीं गम देखा जा रहा है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस फैसले से उनके चुनाव लड़ने पर असर पड़ सकता है।
बॉक्स-2
भाजपा-कांग्रेस से जुड़ा है दूसरा पक्ष
गौतम पक्ष की और से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बरी होने वालों में प्रमुख नाम चंदनसिंह सुनेर का है। यह देपालपुर क्षेत्र में कांग्रेस के लिए काम करते है और धार में विपक्षी दल के प्रति जुड़ाव रखते है। वहीं प्रमुख नामों में मुकदमें से बरी हुए समंदरसिंह पटेल मंत्री राजवर्द्धनसिंह दत्तीगांव के खास है। दत्तीगांव जब कांग्रेस में थे तो उनके साथ थे, वह भाजपा में गए तो पटेल भी भाजपा में चले गए।
बॉक्स-3
5 गौतम बंधुओं को सजा
6 आरोपितों में गौतम परिवार से 5 लोगों को सजा सुनाई गई है। वहीं कांग्रेस बूथ प्रबंधन प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेशसिंह पटेल गौतम के सबसे विश्वसनीय समर्थकों में शुमार है। राकेशसिंह गौतम पूर्व में एक हत्या के षड़यंत्र में शामिल होने के आरोप में दोहरे आजीवन कारावास की सजा में कोर्ट से बेल पर है।
बॉक्स-4
चश्मदीद भाजपा में हुए शामिल
इस पूरे प्रकरण में 302 के आरोपियों के बरी होने में चश्मदीद गवाह का बयान से इतर बयान देना महत्वपूर्ण रहा है। यह चश्मदीद गवाह तत्कालीन पीथमपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष पिंटू जायसवाल थे, जिन्होंने कोर्ट में बयान दर्ज कराने के पूर्व भाजपा के मंत्री राजवर्द्धनसिंह दत्तीगांव के नेतृत्व में भाजपा की सदस्यता ले ली थी। इधर 302 के आरोपी पक्ष से 1 का बंदूक सहित फरार होना भी दूसरे पक्ष के लिए काफी हद तक मददगार रहा है। इस फरार आरोपी महेन्द्रसिंह को धार पुलिस पिछले 6 साल में नहीं पकड़ पाई है।
चित्र है 24धार11-
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