झाबुआ~कलेक्टर की कड़ी कार्रवाई से गुलाबी बिल्डिंग में मच रहा हड़कंप- आदिवासी विभाग का ऐसी व डीसी करंट हुआ फेल~~
सहायक आयुक्त गणेश भाबर का हुआ तबादला-कई वर्षों से झाबुआ के जमे हुए में है,भय का माहौल- नपा में सबसे दयनीय स्थिति आमजन की~~
झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन~~
नई शैली की कलेक्टर तन्वी हुड्डा से झाबुआ की जनता में हर्ष की लहर देखीं जा रही है। नवागत कलेक्टर की नई कार्यशैली से गुलाबी बिल्डिंग में सतत हड़कंप मचा हुआ है। उन्हीने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए बारी-बारी से जिले के तथाकथित अधिकारियों और कर्मचारियों की विकेट गिरा दिए है। अब सहायक आयुक्त गणेश भाभर का तबादला बुरहानपुर हो गया है। गणेश भाबर अपनी दूसरी पारी में अपना विकट गवा चुके है। निशा मेहरा अब झाबुआ की नई सहायक आयुक्त होगी।
गिर रही नवागत कलेक्टर की बेहतरीन गेंदबाजी से बारी-बारी से जिले के तथाकथित अधिकारियों और कर्मचारियों की विकेट....................
गौरतलब है की गिरे गए विकटो में सर्वप्रथम प्रमुख रूप से प्रभारी पीआरओ सुधीर कुशवाह,फिर डीपीसी-रालूसिंघ सिंगार,तहसील कार्यालय के बाबू अशोक चौहान और अंत मे सहायक आयुक्त गणेश भाबर शामिल है। पूर्व एसडीएम एल गर्ग और वर्तमान एसडीएम तरुण जैन का 4 माह पूर्व तबादला हो चुका है,चूंकि रिलीवर नही होने के कारण उन्हें रिलीव नही किया गया था। लेकिन पिछले दिनों 3 नए अपर कलेक्टर जिले में पदस्थ हो चुके है,लेकिन अभी तक इन्हें रिलीव क्यो नही किया गया है....? यह प्रेस जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। गुलाबी बिल्डिंग के एक और तथाकथित तो नवागत कलेक्टर की इस कार्यशैली को देखते हुए ,अपनी मां की तबियत का हवाला देते हुए छुट्टी पर चल दिए। शायद अगला विकेट इसी का हो सकता है,ऐसा मेरा मानना है। बताते है कि उसने अपने पुराने सारे कृत्यों को छुपाने और प्रशासन पर दबाव बनाने हेतु कर्मचारी संघ से अपने आप को जोड़ लिया है। कई बार उसने इस पद का दुरुपयोग कर प्रशासन पर दबाव भी बनाया है।
इस और भी ध्यान देने की आवश्यकता नवागत कलेक्टर को..........................
पिछले कई वर्षों से जिले में जमे हुए अधिकारियों की ओर विशेष रूप से कलेक्टर अपनी निगाहे दौड़ाए तो,उनको वास्तविक स्थिति अपने आप साफ हो जाएगी। लोगो का कहना है कि मुख्यत: ट्रेसरी अधिकारी ममता चंगोड़ जिले में कई वर्षों से कुंडली मार कर जमी हुई है।
ट्रेसरी वाले सब पैसा अपना ही मानते है और हमे अपने ही हक के पैसों के भुगतान को पाने के लिए इनके दलालों के माध्यम से जाना पड़ता है,जिसमे पीआययु विभाग के इंदर रावत प्रमुख है। अत: सबसे पहले इन दोनो का तबादला बेहद आवश्यक है। जिले में ऐसे कई अधिकारी है जिनका कार्यकाल 3 वर्ष से ऊपर हो चुका है,प्रशासन का इस ओर ध्यान जाना बेहद जरूरी भी है।
ट्रेसरी वाले सब पैसा अपना ही मानते है और हमे अपने ही हक के पैसों के भुगतान को पाने के लिए इनके दलालों के माध्यम से जाना पड़ता है,जिसमे पीआययु विभाग के इंदर रावत प्रमुख है। अत: सबसे पहले इन दोनो का तबादला बेहद आवश्यक है। जिले में ऐसे कई अधिकारी है जिनका कार्यकाल 3 वर्ष से ऊपर हो चुका है,प्रशासन का इस ओर ध्यान जाना बेहद जरूरी भी है।
आता हैै ऐसा जिला मुखिया कभी-कभी ही हमारे जिले के नसीब में ..................
अधिकतर लोगों ने बताया कि ऐसा जिला मुखिया कभी-कभी ही हमारे जिले के नसीब में आता हैै। लेकिन जब भी कोई ऐसा मुखिया जिले में आता है तो पुराने जमे हुए भ्रष्टों में हड़कंप तो मचता ही है। ऐसे पदस्थ अधिकतर पुराने चावल अब सहमे हुए है कि अगला नंबर हमारा न आ जाय। अब या तो बाकी गुलाबी बिल्डिंग के तथाकथित सुधर जाए या तो संभल जाए, इसी मैं उनकी भलाई है। आगे लोगो ने बताया की नगर पालिका में पदस्थ कई कर्मचारियों के एक तरफा साम्राज्य को ढहाने की सतत आवश्यकता है। जनता को हर कार्य करवाने हेतु इनके द्वारा बनाये गए दलाल के माध्यम से फ़ाइल पुट अप करने के बाध्य किया जाता है।
नपा में सबसे दयनीय स्थिति आमजन की..........................
प्राप्त जानकारी अनुसार से नपा के राजस्व संबंधी सारे कार्यो में जनता बेहद त्रस्त है। बताते है की नामान्तरण, निर्माण स्वीकृति और कम्प्यूटेशन आदि कार्य बिना लेन देन कोई भी करा ही नही सकता है। लोगो ने बताया की नपा के निर्वाचित पदाधिकारी,राजस्व शाखा के अयूब और मुकेश ने तो अति मचा रखी है। उन्होंने तो खुले आम किसी शैलेन्द्र राठौर को अपना दलाल बना रखा है। जबकि यह प्रक्रिया ऑनलाइन है,लेकिन भूमि के नए वार्ड और भूखंड क्रमांक नपा वालो को ही पता रहते है,वे इस बात का फायदा उठा कर अपनी दूध देती गाय,किसी इंजीनियर शैलेन्द्र राठौर के माध्यम से फ़ाइल पुट अप करने के लिए आवेदकों को बाध्य कर अपना उल्लू सीधा विगत काफी समय से करते चले आ रहे है। जो भी उपरोक्त कार्य करवाने हेतु नपा कार्यालय में जाता है,तो उसे इस एजेंट के माध्यम से फ़ाइल लगाने के लिए बाध्य किया जाता है। आमजन की मांग है की विगत तीन माह में कितनी फाइले नामान्तरण की हुई है औऱ किसके द्वारा....? इसकी गंभीरता से जांच करे तो अधिकतर फ़ाइल में पक्का इसी दलाल का नाम ही दर्ज मिलेगा। इस जांच से दूध का दूध और पानी का पानी अवश्य हो जाएगा। नियमानुसार नुसार नामान्तरण की फ़ाइल किसी इंजीनियर के माध्यम से लगाने का तो प्रावधान है ही नही।
किसी को भी अलग से कोई भी पैसा देने की आवश्यकता नही ....................................
आपने बताया तो मेरे संज्ञान में यह बात पहली बार आयी है। मैं सर्वप्रथम इसकी जांच करवाऊंगा की किस व्यक्ति विशेष की फ़ाइले ज्यादा हुई है। मेरी नगर की जनता से अपील है कि निर्धारित रजिस्ट्री से 1 प्रतिशत से अधिक शुल्क कोई भी अदा ना करे। सभी निर्धारित शुल्क सहित अदा कर,अपना आवेदन ऑनलाइन ही जमा कराए। नियमानुसार 15 दिवस की निश्चित अवधि के भीतर आपका नामान्तरण करना ही होता है। यदि कोई भी किसी व्यक्ति विशेष के माध्यम से फ़ाइल पुट अप करने के लिए कहता है,तो इसकी सूचना तुरंत मेरे मोबाइल नंबर 83492-93040 या 94259-43796 पर देवे। किसी को भी अलग से कोई भी पैसा देने की आवश्यकता नही है। मेरा नगर की जनता से यह पक्का वादा है जिन्होंने मुझ पर भरोसा करके मुझे नपा में पहुचाया है,मैं तुरंत कार्यवाही करूंगा।
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