झाबुआ~स्मार्ट साँची पार्लर का स्मार्ट खेल-किसके आदेश से बेशकीमती जमींन पर नगर में बनाये गए, स्मार्ट साँची पार्लर...~~

चल क्या रहा है झाबुआ में ....? अब तो शासकीय संस्था दुग्ध संयंत्र ,झाबुआ भू-माफियाओ के तर्ज पर चलने का मन तो नही बना चुकी....~~

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन~~


 शासकीय संस्था दुग्ध संयंत्र ,झाबुआ भी कही भू-माफियो के तर्ज पर चलने का मन तो नहीं बना चुकी है..? शायद स्मार्ट साँची पार्लर का यह स्मार्ट खेल प्रदेश या जिले का पहला अद्भुत स्मार्ट खेल की सूची में अपना नाम दर्ज तो नहीं कर ले...? जी हाँ हम बात कर रहे है जिले में खड़े किये गए बेशकीमती जमींन पर स्मार्ट साँची पार्लरो की.....अभी तक साफ नही कि किसके आदेश से बेशकीमती जमींन पर नगर में बनाये गए है स्मार्ट साँची पार्लर....?

किसके आदेश से बन रहे,नगर में शासकीय बेशकीमती जमीनों पर स्मार्ट साँची पार्लर अभी तक साफ नहीं...........
सबसे पहले हम बात करे तो पशु पालन विभाग की बेशकीमती जमींन पर खड़े किये गए स्मार्ट साँची पार्लर की,तो किसके द्वारा इसकी अनुमति दी गयी है....? वह भी निर्माण कार्य समाप्त होने तक भी यह साफ नहीं है। इसकी जानकारी हेतु हमारी टीम जब पशु पालन विभाग के कार्यालय पर पहुंची तो विभाग के मुखिया उप संचालक विल्सन डावर ने पहले तो बताया की हमारे विभाग और साँची डेरी के मुखिया प्रमुख सचिव एक ही है। अत: उनसे प्राप्त आदेशानुसार हमने हमारे विभाग के प्रांगण में साँची पार्लर निर्माण करने हेतु दुग्ध संयंत्र झाबुआ को भूमि आंबटित की है। गौरतलब है की जब उनसे दोनों विभाग के मुखिया के आदेश की प्रति हमने मांगी तो उन्होंने पहले तो गोल मोल जवाब दिया,फिर अंत में यह कह कर अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमारे मुखिया ने हमें बैठक में मौखिक रूप से जगह उपलब्ध कराने हेतु कहा था,हमारे पास हमारे मुखिया के लिखित में कोई भी आदेश या निर्देश नहीं है।
 
पूर्व में एसडीएम ने रुकवा दिया था निर्माण कार्य ........................
दोनों विभागों के मुखिया का लिखित में कोई आदेश नहीं मिलने पर जब हमारी टीम ने एसडीएम सुनील झा से चर्चा की तो,उन्होंने तुरंत जगह का मुआयना कर साँची पार्लर के निर्माण कार्य को रुकवा दिया था। मजेदार बात तो यह है की पशुपालन विभाग के उप संचालक विल्सन डावर ने एसडीएम सुनील झा से इस बारे में मार्गदर्शन माँगा तो,उन्होंने कहा की हमें उन्होंने सलाह दी की आपने दिनांक 26 नवंबर 2021के आपके पत्र में भूमि आंबटित की जाती है यह गलत लिखा है।उसकी जगह हम स्मार्ट साँची पार्लर की स्वीकृति देते है,यह लिखकर पत्र जारी करे। फिर ही आप आगे की निर्माण प्रक्रिया संचालित कर सकते है। उनके कहेनुसार हमने ऐसा पत्र जारी कर दिया और स्मार्ट साँची पार्लर का निर्माण बिना किसी रोक टोक के दुग्ध संयंत्र झाबुआ ने खड़ा कर दिया। जिसे यथाशीघ्र आम-जन के लिए खोल भी दिया जायेगा।


दुग्ध संयंत्र के प्रबंधक को नहीं पता,स्मार्ट सांची पार्लर खोलने के नियम व शर्ते....
चलो हम मान भी लेते है की प्रक्रिया नियमानुसार की गयी है,तो स्मार्ट सांची पार्लर खोलने के क्या-क्या नियम एवं शर्तें तय की गयी थी तथा इसकी विज्ञप्ति कब जारी की गयी थी ....? इस बारे में जानकारी लेने हेतु जब हमारी टीम दुग्ध संयंत्र-प्रबंधक अनुज कुमार के पास पहुंची तो उन्होंने कोई भी चर्चा शुरू करने के पहले ही बौखलाहट के चलते यह कहा की आप कैमरा दिखाकर मुझे डराने आये हो क्या....? जबकि हमने अपना सिर्फ परिचय ही दिया था और वे अपना आपा खो बैठे। उनके इस गैर जिम्मेदाराना रवैये पर हमने हमारा उनके पास आने का मकसद बताया कि हम तो आपसे यह जानकारी पूछने आये है कि स्मार्ट सांची पार्लर खोलने के नियम एवं शर्तें क्या-क्या तय की गयी है और इस हेतु विज्ञप्ति कब और किस माध्यम से जारी की गयी थी ...? इस सवाल के बाद उन्होंने दोबारा बौखलाते हुए कहा की इसके बारे में मुझे कोई भी जानकारी नहीं है। आप हमारी मुखिया दुर्गा जी से चर्चा करे,वो ही आपसे बात करने के लिए अधिकृत है। यह जानकारी देने के लिए मै अधिकृत नहीं हु,उनके इस गुमराह करते हुए जवाब के बाद हमने उनके समक्ष उनके द्वारा दिये गए उनके मुखिया से मोबाइल नंबर 94259-12910 सतत तीन-चार बार कॉल किया तो उन्होंने एक भी कॉल ही रिसीव नहीं किया।


यह है वास्तविक स्थिति ............................
जब उपरोक्त दोनों विभागों के मुखिया को ही स्मार्ट सांची पार्लर खोलने के नियम एवं शर्तों के बारे पता है नहीं है,तो नगर के सारे स्मार्ट साँची पार्लर कैसे स्थानीय लोगों द्वारा ले लिए गए और वह भी किस प्रक्रिया के तहत यह हमारी समझ से परे है,जो की एक गंभीर जांच का विषय तो है। हमारा अब प्रशासन से यह सवाल है की स्मार्ट साँची पार्लर खोलने हेतु गरीब परिवार, शिक्षित बेरोजगार,पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यंक वर्गों को इसमें प्राथमिकता है या सभी वर्गों के लोग इसके लिए पात्र है। दूसरा इसके लिए आवेदन किस प्रक्रिया के तहत मंगाए गए और विज्ञप्ति का प्रकाशन कब और किस किस अख़बार में नियम एवं शर्तो के साथ प्रकाशित की गयी थी। उपरोक्त दोनों ही बातो का यदि प्रशासन के पास भी कोई जवाब नहीं है,तो यह स्पष्ट रूप से साबित हो जाता है कि शायद दोनों विभागों के मुखियाओं ने अपने निजी हित के चलते आनन-फानन में नियमो को ताक में रखते हुए अपने चहेतो को स्मार्ट साँची पार्लर का आंबटन कर दिया है।
 
क्या है नियम.............
किसी भी विभाग को यदि उनको अलॉट हुई जमीन की आवश्यकता नहीं हैै। साथ ही शासकीय जमीन नगरीय क्षेत्र में है तो उन्हें सबसे पहले प्रस्ताव प्रशासन के संज्ञान में लाकर नगरपालिका को लिखित में सूचित करना होता है कि हमें जमीन की आवश्यकता नहीं है। साथ ही पीडब्लूडी विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र भी लेना होता है। स्मार्ट साँची पार्लर के आंबटन में उपरोक्त में से कोई भी प्रक्रिया का पालन नही किया गया है। मजेदार बात तो यह है दुग्ध संयंत्र झाबुआ एवं पशु पालन विभाग के दोनों मुखियाओं ने स्मार्ट साँची पार्लर के आंबटन में उपरोक्त किसी भी प्रक्रिया का पालन किया ही नहीं है। उन्होंने सिर्फ अपने अपने झाबुआ कार्यालय से एक दूसरे के साथ पत्राचार के बल बूते पर,अपने निजी स्वार्थ के लिए इतने बड़े स्मार्ट खेल को अंजाम दे दिया है।
 
आम जन क्या कहते है-दोनो विभागों के मुखिया के है स्मार्ट पार्लर ........................
जब इस स्मार्ट खेल पर हमने लोगो की प्रतिक्रिया जानने हेतु नगर में भ्रमण किया तो अधिकतर लोगों ने व्यंग्य पूर्ण कहा कि कांजी हाउस, कोडियो की जमीन,यात्री प्रतीक्षालय की छत,टाउन- हॉल,नपा कॉम्प्लेस की छतों की तरह अधिकतर नगर को तो नपा द्वारा बेच दिया गया है। क्या अब यही देखना शेष रह गया था कि शासकीय कार्यालय भी इसी तर्ज पर नगर की बेशकीमती जमीनों की ऐसी की तैसी कर दे। जब हमारी टीम कलेक्टर कार्यालय के प्रांगण में पहुंची तो अधिकतर टंक लेखन,स्टाम्प वेंडरों,कार्यरत बाबुओ का कहना था की हम सुबह से शाम तक अपनी जीविका के लिए यहाँ आते है। जब हमें थकान मह्सूस होती थी,तो हम 5 रुपये की कट चाय पीकर अपनी थकान को दूर कर लेते थे। बेचारे गरीब चाय वाले को दबावपूर्वक हटाकर उसकी जगह पर स्मार्ट साँची पार्लर खड़ा कर दिया गया है। यह पार्लर किसी मामूली व्यक्ति का तो नहीं हो सकता है। हम पहले ही 5 रुपये की कट चाय हफ्ते में 3 से 4 दिन बड़ी मुश्किल से पीते थे,अब हमारी ऐसी स्थिति में 25 रूपये का ठंडा दूध पी कर थकान मिटाने की कल्पना भी कर सकते है क्या...? नगर के पुराने साँची पॉइंट वालो से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने बताया की यह तो दोनों विभागों के मुखियाओं के ही स्मार्ट पार्लर है,इसलिए शायद बिना विज्ञप्ति के उन्होंने सिर्फ कागजो पर दिखाने हेतु अपने करीबी और चहेतो के नाम से आवंटित कर दिए है। हम इतने सालो से इस व्यवसाय से जुड़े है फिर भी हमें इसकी कोई भनक तक नहीं लगी,तो आमजन को कहा से पता चलेगा ...?

हमें जमीन की आवश्यकता नहीं ............................
हमने पहले पत्र में दुग्ध संयंत्र झाबुआ को भूमि आवंटित करते है लिखा था,फिर उसमे सुधार कर हम स्मार्ट साँची पार्लर की स्वीकृति देते है,यह लिखकर हमने दूसरा पत्र जारी किया तब कही जाकर निर्माण पूर्ण हो पाया है। हमें जमीन की आवश्यकता नहीं है। इसकी सूचना नपा और पीडब्लूडी विभाग को देनी होती है,इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है ।
.......................विल्सन डावर-उप संचालक-पशुपालन विभाग-झाबुआ

मुझे कोई जानकारी नहीं.................
स्मार्ट सांची पार्लर खोलने के नियम व शर्तें क्या-क्या है और विज्ञप्ति कब और किस माध्यम से जारी की गयी थी,इसके बारे में मुझे कोई भी जानकारी नहीं है। हमारे पूर्व प्रमुख सचिव कचोटिया जी ने हमारे पूर्व सीईओ द्विदेदी जी को जगह की उपलब्धता हेतु निर्देशित किया था और उन्होंने मुझे दूरभाष पर निर्देश दिये थे। आप हमारी वर्तमान मुखिया दुर्गा जी से चर्चा करे,वे ही आपसे बात करने के लिए अधिकृत है ।
.......................अनुज कुमार-प्रबंधक-दुग्ध संयंत्र-झाबुआ



Share To:

Post A Comment: