झाबुआ~लखनऊ के बुजुर्ग विनोद पांडे जो ट्रेन यात्रा के दौरान किसी स्टेशन पर उतर कर भटक गए थे ,10 दिनों बाद नीरज ने ढूंढ निकाला और किया परिवार के सुपुर्द~~
झाबुआ।उत्तरप्रदेश के रायबरेली रहने वाले बुजुर्ग विनोद पांडे जो अपने साथी के गुजरात किसी काम से 9 मई को अंकलेश्वर आये थे।वापसी के दौरान अवध एक्सप्रेस ट्रेन से लखनऊ के लिए निकले थे ,मेघनगर के बाद रतलाम के बीच ट्रेन बजरंगगढ़ स्टेशन पर किसी कारण से ठहरी,उसी दौरान बुजुर्ग अपने डिब्बे से नीचे उतर गए थे। जब ट्रेन रतलाम पँहुची तो बुजुर्ग ट्रेन में कंही दिखाई नही दिए।इसकी सूचना साथी मित्र ने यात्री ने परिवार को दी। परिवार रायबरेली से निकलकर रतलाम व दाहोद के बीच सभी स्टेशनों पर जाकर बुजुर्ग को ढूंढा पर वे कही नही मिले ।ऐसे में परिजनों को किसी ने मेघनगर के राजेन्द्र श्रीवास्तव नीरज का नम्बर दिया व बताया कि आपकी मदद सिर्फ एक ही व्यक्ति है कर सकता है ,आपके पिता जरूर मिल जायँगे। परिवार के सम्पर्क बाद श्रीवास्तव ने सोशल नेटवर्किंग के जरिये मेसेजों को वायरल करके अंततः बुजुर्ग को खोज ही निकाला। बुजुर्ग दाहोद की गरबाड़ा चौकड़ी के समीप पड़ाव सर्कल के पास शिव मंदिर के पास सप्ताह भर से थे।जिनको भोजन व चाय नास्ता एक रस की दुकान वाले जितेंद्र द्वारा उपलब्ध कराई गई थी जो स्वयं भी उत्तरप्रदेश से आकर दाहोद में रस की दुकान चलाते है। इस तरह एक और भटके को परिवार से मिलाने में मेघनगर के राजेन्द श्रीवास्तव का अहम योगदान रहा ,परिजनों ने श्रीवास्तव के इस तरह सेवा करने के कार्य की प्रसंसा करते हुए धन्यवाद दिया ।
फ़ोटो
Post A Comment: