झाबुआ~शासन का निर्णय -बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित,आदेश लागू हुआ तो दूसरे विभाग के कर्मचारी लगेंगे ड्यूटी मे~~

668 शिक्षकों की व 313 अन्य की ड्यूटी वोटर लिस्ट अपडेट करने में,आयुक्त का आदेश-बच्चों का रिजल्ट न बिगड़े इसलिए गैर शिक्षकीय कार्य न लें~~


झाबुआ। संजय जैन~~

 शासकीय स्कूलों के शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाने का असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। इससे परीक्षा परिणामों पर विपरीत असर को देखते हुए राज्य शासन ने शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाने पर रोक लगा दी है। कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारियों के पास मप्र लोक शिक्षण के आयुक्त अभय वर्मा का आदेश पहुंच गया है लेकिन इस पर अमल कराने की प्रक्रिया फिलहाल शुरु नहीं हो पाई है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इन दिनों मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम चल रहा है। इनमें बीएलओ की ड्यूटी पर जो कर्मचारी रखे गए हैं उनमें सबसे ज्यादा शिक्षक ही हैं।
 
यदि लोक शिक्षण के आदेश का पालन अभी कराया जाता है तो सैकड़ों कर्मचारी दूसरे विभाग से निर्वाचन के कार्य में लगाने होंगे। इसलिए अफसर इस आदेश पर अमल न करते हुए अभी इसे फाइलों में ही रखे हुए हैं। मतदाता सूची पुनरीक्षण और वोटर लिस्ट अपडेट करने में करीब 668 शिक्षक जिले में लगे हुए हैं। हालांकि शिक्षकों के अलावा करीब 313 अन्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका व सचिवों को भी बीएलओ बनाया है।

कई स्कूलों से लगी है 2 शिक्षकों की ड्यूटी..................
जिले के कई स्कूल ऐसे हैं जिनमें 2 से अधिक शिक्षकों की ड्यूटी निर्वाचन कार्य में लगाई गई है। निर्वाचन कार्यालय में शैक्षणिक कार्य का हवाला देकर कई शिक्षकों ने ड्यूटी निरस्त करने का आवेदन भी दिया हुआ है लेकिन उन गौर नहीं किया गया। इतना ही नहीं नियमानुसार गणित और विज्ञान के शिक्षकों की ड्यूटी किसी अन्य काम में नहीं लगाई जा सकती। लेकिन निर्वाचन कार्यालय द्वारा ऐसे शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई हुई है।
ये हैं आदेश शिक्षकों की ड्यूटी के संबंध में ...............................
-शिक्षकों को गैर शैक्षणिक अथवा अन्य कार्यों में लगाने पर उनके वेतन आहरण पर रोक लगाए जाने की व्यवस्था पहले से लागू है। फिर भी अनधिकृत रूप से शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगाया जा रहा है जो गलत है।
-इस तरह की व्यवस्था पर रोक लगाने के लिए विमर्श पोर्टल पर एक मॉड्यूल विकसित किया गया है। जिसमें संबंधित जानकारी अपलोड की जाए कि शिक्षक को जिला या अन्य स्तर पर कहां तैनात किया गया है।
 
-संबंधित अधिकारी,प्राचार्य, प्रभारी प्राचार्यों की जिम्मेदारी है कि वे अगले 7 दिन में उन शिक्षकों की जानकारी को पोर्टल पर अपलोड कर ये बताएं कि उनकी ड्यूटी कहां लगी है। ताकि उन्हें वहां से कार्यमुक्त कराकर मूल कार्य पर वापस भेजा जा सके।
-गैर शैक्षणिक कार्य में लगे सरकारी स्कूल के शिक्षकों की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध न कराने वाले जिला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य व उनके अधीनस्थ कर्मचारियों के खिलाफ  अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
आदेश के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं............................
आयुक्त के आदेश के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है । वैसे भी जिले में यह आदेश शायद ऐसी ट्राइबल के पास आया होगा,आप इस मामले में उनसे भी चर्चा कर लेवे। जिले में ऐसी ट्राइबल ही की इसमें जवाबदेही शायद होगी क्योंकि वैसे भी झाबुआ जिला ट्राइबल बेल्ट में जो आता है।
..................................ओपी बनडे-जिला शिक्षा अधिकारी-झाबुआ
 
सुचना मिलने के बाद ही ही मैं कुछ बता सकता हु...........................
आदेश के बारे मैं हमरे पास कोई सुचना जिला शिक्षा अधिकारी की और से नहीं प्राप्त हुई है । सुचना मिलने के बाद ही ही मैं कुछ बता सकता हु।  
...............................गणेश भाभोर-एसी ट्रायबल-झाबुआ।
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